Navratri 2025: सिंदूर खेला के बाद भक्तों ने दी मां दुर्गा को विदाई, जलाशयों में माता की मूर्ति का विसर्जन
Navratri 2025 नवरात्र के अगले दिन यानी दशमी को दुर्गा पूजा का समापन हो गया। महिलओं ने सिंदूर खेला की रस्म के बाद एक-दूसरे को सिंदूर लगाकर मंगलकामनाएं दीं। हरिसभा दुर्गा पूजा समिति में बंगाली समाज की महिलाओं ने इस रस्म को पूरा किया। इसके बाद ढोल-नगाड़ों और जयकारों के साथ माता रानी की मूर्ति को विसर्जित किया गया।

डिजिटल डेस्क, मुजफ्फरपुर। शारदीय नवरात्र के अगले दिन यानी दशमी को दुर्गा पूजा का समापन हो गया। महिलओं ने सिंदूर खेला की रस्म को पूरा किया। उसके बाद मां दुर्गा को विदाई दी।
एक-दूसरे को सिंदूर लगाकर मंगलकामनाएं दीं। ढोल-नगाड़ों और जयकारों के साथ माता रानी की मूर्ति को नजदीक के जलाशयों में विसर्जित किया गया।
नगर निगम प्रशासन ने नदी में मूर्ति विसर्जन की वजह से होने वाले प्रदूषण के मद्देनजर कृत्रिम तालाबों में विसर्जन करने का निर्देश दिया था। इसके लिए निगम की ओर से कृत्रिम तालाब बनाए भी गए थे।
माना जा रहा है कि यह कदम पर्यावरण और जल प्रदूषण को रोकने के लिए उठाया गया। विसर्जन के साथ ही नवरात्रि की पूजा और साधना का समापन हो गया है। अब सभी भक्त अगले वर्ष मां दुर्गा की वापसी का इंतजार करेंगे।
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