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    Shardiya Navratri 6th Day: मां कात्यायनी की आराधना से प्रेम और विवाह से संबंधित परेशानी का होता अंत

    Updated: Fri, 26 Sep 2025 12:07 PM (IST)

    Shardiya Navratri 6th Day शक्ति स्वरूपा मां दुर्गा की आराधना का पर्व नवरात्र परंपरागत श्रद्धा और भक्ति के साथ चल रहा है। माहौल भक्तिमय हो गया है। नवरात्र के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा होती है। ऐसी मान्यता है कि मां की आराधना करने से विवाह से संबंधित परेशानी दूर हो जाती है। प्रेम संबंध में सफलता प्राप्त होती है। गृहस्थ जीवन में सुख-शांति की प्राप्ति होती है।

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    यह तस्वीर जागरण आर्काइव से ली गई है।

     जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। Shardiya Navratri 6th Day: नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा होती है। मां कात्यायनी की उपासना से जीवन में कई तरह के बदलाव होते हैं। वैवाहिक जीवन दुरुस्त होता है। गृहस्थ जीवन में शांति आती है।

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    आध्यात्मिक गुरु पंडित कमलापति त्रिपाठी प्रमोद कहते हैं कि ऋषि कात्यायन के यहां जन्म लेने के कारण देवी मां को कात्यायनी के नाम से जाना जाता है। कहते हैं मां की उपासना से व्यक्ति को किसी प्रकार का भय या डर नहीं रहता है।

    साथ ही उसे किसी प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी परेशानी का सामना भी नहीं करना पड़ता है। वहीं जिन लोगों को शादी होने में दिक्कतें आ रही हैं उन्हें मां कात्यायनी की पूजा जरूर करनी चाहिए। मां कात्यायनी की आराधना करने से शादी की बाधाएं दूर होती हैं। मनचाहे जीवनसाथी की प्राप्ति शीघ्र होती है।

    मां कात्यायनी का स्वरूप

    मां दुर्गा का यह स्वरूप अत्यंत दिव्य है। इनका रंग सोने के समान चमकीला है तो इनकी चार भुजाओं में से ऊपरी बाएं हाथ में तलवार और नीचले बाएं हाथ में कमल का फूल है। जबकि इनका ऊपर वाला दायां हाथ अभय मुद्रा में है और नीचे का दायां हाथ वरदमुद्रा में है।

    पूजा विधि

    • स्नान और शुद्धिकरण: प्रातः स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
    • प्रतिमा स्थापित करें: घर के पूजा स्थल या मंदिर में चौकी पर मां कात्यायनी की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें।
    • पुष्प और अक्षत अर्पित करें: मां कात्यायनी को फूल, धूप, दीप और नैवेद्य अर्पित करें।
    • आरती और दुर्गासप्तशती पाठ: मां कात्यायनी की आरती करें और दुर्गासप्तशती या देवी कवच का पाठ करें।

    देवी कात्यायनी का मंत्र 

    ॐ देवी कात्यायन्यै नमः॥

    सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके। शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते।।

    या देवी सर्वभूतेषु मां कात्यायनी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

    प्रिय भोग और रंग

    माता दुर्गा के छठे स्वरूप मां कात्यायनी को शहद अति प्रिय है। नवरात्रि के छठे दिन माता को शहद का भोग जरूर लगाएं। शहद के भोग से आकर्षण शक्ति की प्राप्ति होती है। मां कात्यायनी को हरा रंग प्रिय है, इसलिए पूजा में हरे रंग के वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है।

    पूजा का लाभ

    • विवाह और प्रेम: मां कात्यायनी की पूजा से विवाह और प्रेम संबंधों में सुख-शांति की प्राप्ति होती है।
    • सुख-समृद्धि: मां कात्यायनी की पूजा से जीवन में सुख-समृद्धि और शांति की प्राप्ति होती है।
    • आध्यात्मिक उन्नति: मां कात्यायनी की पूजा से आध्यात्मिक उन्नति होती है और भक्तों को ज्ञान और आत्म-विश्वास की प्राप्ति होती है।