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    रक्सौल में नेशनल फूड लेबोरेट्री का उद्घाटन, आयात- निर्यात में होगा यह खास फायदा

    By Ajit KumarEdited By:
    Updated: Sun, 05 Jun 2022 03:48 PM (IST)

    केंद्रीय स्वास्थ्य परिवार कल्याण सह रसायन एवं उर्वरक मंत्री डा.मनसुख एल मांडविया और बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय ने किया उद्घाटन। विभिन्न कारणों से इसकी शुरुआत नहीं हो पाई थी। इसकी शुरुआत के बाद भारत और नेपाल के व्यापार पर सकारात्मक प्रभाव पड़ने की उम्मीद की जा रही है।

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    अभी तक नमूने कोलकाता भेजे जाते थे। फोटो: जागरण

    रक्सौल (पूर्वी चंपारण), जासं। अंतरराष्ट्रीय महत्व के शहर रक्सौल में निर्मित नेशनल फूड लेबोरेट्री और अनुमंडलीय अस्पताल का रविवार को केंद्रीय स्वास्थ्य, परिवार कल्याण सह रसायन एवं उर्वरक मंत्री डा.मनसुख एल मांडविया और बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय ने उद्घाटन किया। इस समारोह में सांसद सह भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डा.संजय जायसवाल, स्थानीय विधायक प्रमोद कुमार सिन्हा कुशवाहा आदि मौजूद थे। दिल्ली-काठमांडू को जोड़ने वाले मुख्य पथ पर हरदिया कोठी के समीप वर्ष 2019 में उक्त संस्थान के संचालन के लिए विशाल भवन का निर्माण किया गया था।

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    वर्ष 2020 में इसका संचालन शुरू हो गया, लेकिन विभागीय उपेक्षा का शिकार यह संस्थान केवल कलेक्शन सेंटर बन गया था। जबकि नेपाल के विभिन्न कल- कारखानों से भारत व तीसरे देशों द्वारा आयातित खाद्य पदार्थो का सौ से दो सौ सैंपल जांच के लिए व्यापारी कोलकाता और गाज़ियाबाद भेजते थे। विदेश व्यापार नीति के अनुसार जांच रिपोर्ट आने के बाद ही आयात करने की अनुमति दी जाती है। इस प्रक्रिया में तीन से चार सप्ताह लग जाते थे। जिससे आयात- निर्यात व्यापार प्रभावित होता था। देश की अर्थव्यवस्था पर इसका गंभीर असर पड़ता था। माना जा रहा है कि एफएसएसएआइ के शुरू होने से भारत- नेपाल के बीच ट्रेड बढ़ेगा। इससे देश को विदेशी मुद्रा भी प्राप्त होगा। स्वतंत्र रूप से कार्य शुरू होने पर निदेशक स्तर के अधिकारी की नियुक्ति होगी। जिससे कार्य को गति मिलेगी। इस लेबोरेटरी से प्रत्यक्ष रूप से सौ और अप्रत्यक्ष रूप से एक हजार स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा। इसके अलावा सरकार को प्रतिमाह 25 से तीस लाख राजस्व मिलेगा। व्यापारियों को फल, सब्जी, तेल आदि के आयात- निर्यात सबंधित खाद्य सामग्रियों की जांच के लिए एक हजार किलोमीटर दूर उक्त शहरों में नहीं जाना पड़ेगा। इससे समय और पैसे की बचत होगी। मंगल पांडेय ने इस सभा को संबोधित करते हुए कहा कि नर्सिंग स्कूल भी जल्द खोला जाएगा। एएनएम ट्रेंनिग स्कूल भवन तैयार है। अनुमंडलीय अस्पातल फिलहाल 50 बेड का है। जिसे बढ़ाकर सौ बेड का किया