Muzaffarpur Sonbarsa Fourlane: मुजफ्फरपुर-सोनबरसा फोरलेन निर्माण में अतिक्रमण बाधा, एनपीजी ने जताई चिंता
मुजफ्फरपुर-सोनबरसा टू लेन को फोरलेन में बदलने की प्रक्रिया में अतिक्रमण एक बड़ी बाधा बन रहा है। एनएचएआई ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर अतिक्रमण हटाने का अनुरोध किया है, ताकि निर्माण कार्य बिना रुकावट हो सके। एनपीजी ने भी इस पर चिंता जताई है। सड़क को फोरलेन करने के लिए सर्वे और भूमि सीमांकन का काम चल रहा है। इस परियोजना पर 2400 करोड़ रुपये से अधिक खर्च होने का अनुमान है।

मुजफ्फरपुर-सोनबरसा फोरलेन निर्माण में अतिक्रमण बाधा, एनपीजी ने जताई चिंता (प्रतीकात्मक तस्वीर)
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। मुजफ्फरपुर-सोनबरसा टू लेन को फोरलेन में तब्दील करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है, लेकिन अतिक्रमण इसमें सबसे बड़ी बाधा बन रहा है। जिला अंतर्गत आने वाले इस मार्ग में कई जगहों पर स्थायी व अस्थायी निर्माण कर लिया गया है। इससे इस एनएच का मरम्मत कार्य भी बाधित हो रहा है।
एनएचएआई के परियोजना निदेशक आशुतोष सिन्हा ने जिलाधिकारी को पत्र भेजकर वस्तुस्थिति की जानकारी दी है। साथ ही अतिक्रमण किए गए स्थलों की तस्वीर भी उपलब्ध कराई है।
उन्होंने अपने स्तर से संबंधित पदाधिकारी को अतिक्रमण खाली कराने के लिए निर्देशित करने का अनुरोध किया है, ताकि निर्माण व मरम्मत कार्य बिना किसी बाधा के किया जा सके। परियोजना निदेशक ने बताया कि पिछले दिनों नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप (एनपीजी) की बैठक हुई थी। इसमें अतिक्रमण किए जाने पर एनपीजी के सदस्यों ने चिंता जताई थी।
बताया गया कि एनपीजी भारत सरकार के पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत एक एकीकृत बहुमाडल नेटवर्क योजना समूह है, जो सभी कनेक्टिविटी इंफ्रास्ट्रक्चर मंत्रालय व विभागों के प्रमुखों से मिलकर बना है।
इसका मुख्य उद्देश्य विभिन्न बुनियादी ढांचा प्रस्तावों की एकीकृत योजना बनाना, उनका मूल्यांकन करना व उन्हें समन्वित तरीके से एकीकृत करना है। इसमें रेल, रोड नेटवर्क समेत विभिन्न परियोजनाएं शामिल होती हैं।
जमीन का सीमांकन व मापी का चल रहा कार्य:
विदित हो कि मुजफ्फरपुर-सोनबरसा को फोरलेन करने के लिए एनएचएआइ की ओर से सर्वे कराया जा रहा है। इसे लेकर पूर्व में अधिग्रहित की गई भूमि का सीमांकन व मापी कार्य भी साथ-साथ चल रहा है। इसके लिए अंचल अमीन की भी तैनाती की गई थी ताकि पूर्व में जितनी भूमि अधिग्रहित की गई थी, उसका सीमांकन पता चल सके।
इसे फोरलेन करने की स्वीकृति पूर्व से प्रदान है और अब शीघ्र ही टेंडर जारी किया जाएगा, इसलिए सर्वे कार्य तेजी से किया जा रहा है। करीब 80 किलोमीटर लंबी सड़क को फोरलेन किया जाना है। इस पर 24 सौ करोड़ से अधिक खर्च करने की योजना है। इससे सीतामढ़ी के रास्ते नेपाल तक की यात्रा सुगम व सुलभ होगी।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।