नो-इंट्री में आखिर कौन कर रहा एंट्री? मुजफ्फरपुर में ट्रैफिक को चुनौती देने वाला रहस्य
मुजफ्फरपुर में नो-इंट्री जोन में वाहनों का प्रवेश एक बड़ी समस्या है। नियमों के उल्लंघन के बावजूद, वाहन चालक बेखौफ होकर प्रवेश कर रहे हैं, जिससे ट्रैफि ...और पढ़ें

बिहार के मुजफ्फरपुर शहर में ट्रैफिक नियम का पालन नहीं। जागरण
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर । शहरवासियों को जाम से निजात दिलाने एवं शहर की यातायात व्यवस्था को नये सिरे व्यवस्थित करने के लिए जिला, पुलिस एवं नगर निगम संयुक्त प्रयास कर रहा है। इसके लिए नगर आयुक्त विक्रम विरकर की अध्यक्षता में जिलाधिकारी द्वारा कमेटी बनाई गई है। इसके लिए 20 दिसंबर तक की समय सीमा भी तय कर दी गई है। लेकिन यह सवाल उठ रहा है कि
शहर की यातायात व्यवस्था को कारगर बनाने के लिए जिला, पुलिस एवं नगर निगम द्वारा पूर्व में किए गए सभी प्रयास विफल साबित हुए है। जिन लोगों पर यातायात व्यवस्था को बेहतर करने की जिम्मेवारी थी उन्होंने जाम के मूल कारणों पर ध्यान नही नहीं दिया।
व्यवस्था को बेहतर बनाने को लेकर लोगों का कहना है कि जब तक जाम के मूल कारणों पर ध्यान नहीं दिया जाएगा सफलता नहीं मिलेगी। पुरानी बाजार निवासी ओम प्रकाश बताते है कि यातायात पुलिस द्वारा बड़े वाहनों के शहर में प्रवेश के लिए समय सीमा तय किया गया है।
कोई भी भारी वाहन सुबह आठ बजे से रात्रि नौ बजे तक शहर में प्रवेश नहीं कर सकता है। लेकिन यातायात पुलिस की अनदेखी के कारण नो इंट्री के समय इंट्री का खेल चल रहा है। रोक के बावजूद पूरे दिन शहर की सड़कों को ट्रैक्टर दौड़ते नगर आते है। इसी प्रकार शहर के कई इलाके में वन वे व्यवस्था है लेकिन इसका पालन नहीं हो रहा।
संजीव गुप्ता बताते है कि छोटी कल्याणी से कल्याणी चौक जाने के रास्ते में नो इंट्री है और उसी तरह कल्याणी चौक से हरिसभा चौक जाने वाले रास्ते में नो इंट्री है लेकिन इसका पालन नहीं हो रहा। इसी तरह अन्य इलाकों में नो वन वे ट्रैफिक का पालन नहीं हा रहा। उन्होंने कहा कि जब तब इसका सख्ती से पालन नहीं होगा जाम की समस्या से निजात नहीं मिलने वाला। चौक-चौराहों एवं गलियों के मोड़ पर जवान खड़े किए गए। डिवाइडर बनवाए गए, लेकिन कारणों की अनदेखी कर दी गई। परिणाम यह निकला की जाम की समस्या से निजात नहीं मिला।
बीच सड़क पर खड़े है विद्युत पोल व बेकार हो चुके टेलीफोन खंभे
यातायात की गति को बनाए रखने में बीच सड़क पर खड़े विद्युत पोल एवं बेकार हो चुके टेलीफोन के खंभे बाधक बने हुए है। उदाहरण देखना है तो हरिसभा चौक से देवी मंदिर जाने वाले रास्ते में दिखा जाएगा।
चौराहे के पास डिवाइडर तो बना दिया गया है लेकिन चौक से पचास कदम की दूरी पर आधा दर्जन बिजली एवं टेलीफोन के खंभे बीच सड़क पर खड़े है। इसके कारण हर दिन हरिसभा चौक जाम हो रहा है।
स्थानीय निवासी राकेश कुमार ने कहा कि इस ओर जिला एवं निगम प्रशासन का ध्यान कई बार दिलाया गया लेकिन किसी ने संज्ञान नहीं लिया। शहर की अधिकांश सड़कों एवं गलियों में इस तरह के हालात। यदि बीच सड़क पर खड़े खंभों को हटा दिया जाए तो लोगों को राहत मिलेगी।
पार्किंग स्थल के अभाव में सड़क पर अवैध पार्किंग
सड़कों पर वाहनों का अवैध पार्किंग यातायात व्यवस्था को सुचारु बनाने में सबसे बड़ा बाधक बना हुआ। संजय कुमार आजाद ने बताया कि पार्किंग स्थल के अभाव में लोग सड़क पर वाहनों की पार्किंग करते है। दो दशक से पार्किंग स्थल के लिए प्रशासन जमीन की तलाश नहीं कर सका। एक या दो जगह पार्किंग स्थल है भी तो वह अतिक्रमणकारियों के कब्जे में है।
पार्किंग स्थल की व्यवस्था की जगह पुलिस एवं प्रशासन लोगों के वाहनों का चालान काटने में लगा है। पंकज कुमार ने कहा कि शहर के हर हिस्से में माल-मार्केट एवं अपार्टमेंट बन रहे लेकिन पार्किंग की व्यवस्था नहीं की जा रही है। बिना पार्किंग सुविधा बन रहे इन भवनों के खिलाफ नगर निगम कोई कार्रवाई नहीं कर रहा। मनोज कुमार मसीह ने कहा कि जब तक पार्किंग स्थल की व्यवस्था नहीं होगी लोग मजबूरी में सड़क पर वाहनं की पार्किंग करते रहेंगे और प्रशासन की कोई पहल सफल नहीं होगी।
सिमट रहीं है सड़कें, बढ़ रहे वाहन
शहर की आबादी बढ़ रही है। बड़े-बड़े माल-मार्केट तथा अपार्टमेंट बन रहें हैं। वाहनों की संख्या में भारी इजाफा हुआ है। सुनील बंका ने कहा शहर की सड़कों पर दो लाख से अधिक दोपहिया एवं पचास हजार से अधिक थ्री व फोर व्हीलर एवं दस हजार से अधिक रिक्शा समेत प्रतिदिन पांच से सात लाख लोगों का दबाव है। इसके ठीक विपरीत अतिक्रमणकारियों एवं अवैध वाहन पार्किंग के कारण सड़कों की चौड़ाई लगातार घट रही है। ऐसे में सड़क पर वाहनों के चलने के लिए जगह नहीं मिल रहा। इस पर भी प्रशासन को ध्यान देना होगा।
ये है जाम का झाम
- - पार्किंग स्थलों के अभाव में सड़क पर खड़ा किए जाते है वाहन
- - यातायात नियंत्रण के बने कानून का नहीं हो रहा सख्ती से पालन
- - बेवजह सड़क पर खड़े टेलीफोन के खंभे
- - बीच रोड पर खड़ा विद्युत पोल
- - सड़क किनारे एवं बीच में खड़ा स्ट्रीट लाइट
- - यातयात नियंत्रण के बने ट्रैफिक पोस्ट फल एवं फूल के दुकान में तब्दील
- - नो इंट्री के बावजूद शहर में वाहनों का प्रवेश
- - सड़क किनारे बेतरतीब तरीके से लगे होडिंग
- - जगह-जगह सड़क पर लगे तोरणद्वार
- - पाइपलाइन बिछाने के नाम पर काटी गई सड़क
- - सड़क पर डाला गया घर का मलबा
- - बन रहे भवनों में पार्किंग सुविधा नहीं होना
- - सड़क पर खुलेआम घूमने वाले पशु
प्रशासन जाम के मूल कारणों पर ध्यान नहीं दे रहा है। स्थायी दुकानदारों द्वारा दुकान का सामान सड़क पर रख दिया जाता है। प्रशासन पहले उनको हटाएं, जाम की आधी समस्या अपने-आप हल हो जाएगी।
- भारत कुमार साहू, पुरानी बाजार
- पार्किंग के अभाव में सड़क पर वाहन खड़े किए जाते है। इससे यातायात प्रभावित होता है और जाम की समस्या उत्पन्न होती है। प्रशासन पहले पार्किग स्थलों का विकास करे। राजेश कुमार आर्य, सोनापट्टी
- राजीव केजरीवाल, सुतापट्टीजाम के सभी कारणों पर विचार हुआ है। अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। पार्किंग स्थल विकसित करने की कवायद चल रही है। बीच सड़क पर खड़े पोलों की सूची तैयार की जा रही है। उनको हटाया जाएगा। वन वे एवं नो इंट्री को सख्ती से लागू किया जाएगा। जिलाधिकारी द्वारा गठित इन विषयों पर काम कर रही है। जल्द ही समस्या का समाधान होगा। - विक्रम विरकर, नगर आयुक्त

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