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    Muzaffarpur News: झोलाछाप के हाथों दोनों किडनी गंवाने वाली सुनीता कुमारी की मौत, मुजफ्फरपुर में तोड़ा दम

    Updated: Mon, 21 Oct 2024 06:14 PM (IST)

    बिहार के मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur News) से एक दुखद खबर सामने आई है। झोलाछाप डॉक्टर के हाथों गर्भाशय ऑपरेशन के दौरान अपनी दोनों किडनी गंवाने वाली सुनीता कुमारी ने एसकेएमसीएच में दम तोड़ दिया। दो साल से अधिक समय तक वह बिना किडनी के जिंदगी की जंग लड़ रही थी। इस मामले ने चिकित्सा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

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    मुजफ्फरपुर में झोलाछाप के हाथों दोनों किडनी गंवाने वाली सुनीता की मौत। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। फर्जी ग्रामीण चिकित्सक के हाथों अपनी दोनों किडनी गंवाने के बाद सकरा के बाजित राउत की सुनीता कुमारी सोमवार को जिंदगी की जंग हार गई। एसकेएमसीएच (श्रीकृष्ण मेडिकल कालेज एवं अस्पताल) में उसने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। वह दो साल से यहां भर्ती थी। उसे आज डायलिसिस के लिए ले जाया गया था। इस दौरान उसका बीपी गिरने लगा।

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    एसकेएमसीएच के प्रभारी अधीक्षक डॉ. सतीश कुमार सिंह ने बताया कि अचानक बीपी गिरने से उसकी मौत हो गई।उसने किडनी ट्रांसप्लांट के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा तक गुहार लगाई। दो साल बीतने के बावजूद उसका किडनी ट्रांसप्लांट नहीं हो सका। आइजीआइएमएस, पटना में किडनी के लिए वह पैनल में शामिल थी।

    सुनीता के तीन बच्चे हैं। पति अकलू राम मजदूरी कर जीवन यापन करता है।

    उल्लेखनीय है कि सुनीता का उपचार सकरा के बरियारपुर के गैर निबंधित शुभकांत क्लीनिक में 11 जुलाई, 2022 को शुरू हुआ था। गर्भाशय निकालने के लिए उपचार के नाम पर 20 हजार रुपये जमा कराए गए। तीन सितंबर को अल्ट्रासाउंड कराया गया। इसी दिन वह क्लीनिक में भर्ती हुई थी। आपरेशन के दौरान गर्भाशय के साथ उसकी दोनों किडनियां निकाल ली गईं।

    पांच सितंबर, 2022 को ऑपरेशन के बाद तबीयत खराब होने पर सुनीता को एसकेएमसीएच लाया गया। सात सितंबर को जांच के दौरान दोनों किडनियां निकालने का पता चला। इसके बाद उसे पटना रेफर किया गया। पीएमसीएच में किडनी निकाले जाने की पुष्टि हुई। यहां से उसे फिर एसकेएमसीएच भेज दिया गया। उसके बाद परिवार ने फर्जी नर्सिंग होम और ग्रामीण चिकित्सक के खिलाफ प्राथमिक कराई थी।

    एक आरोपित को सात साल की सजा

    दोनों किडनियां निकालने के मामले के दोषी डॉ. पवन कुमार को अधिकतम सात साल कठोर कारावास की सजा दी गई है। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश नवम अजय कुमार मल्ल के विशेष कोर्ट (एससी/एसटी एक्ट) ने उसे यह सजा सुनाई थी। वह 16 नवंबर, 2022 से जेल में बंद है।

    वहीं, इस मामले का मुख्य आरोपित वैशाली जिले का डॉ. आरके सिंह अब तक फरार है। कोर्ट के आदेश पर पुलिस उसकी संपत्ति कुर्क कर चुकी है। उसके विरुद्ध विशेष कोर्ट में अलग से सत्र विचारण चल रहा है।

    एक नजर में समझें पूरा मामला

    • सकरा के बाजित राउत की सुनीता कुमारी ने 21 अक्टूबर 2024 को दम तोड़ दिया।
    • सुनीता का इलाज बरियारपुर के शुभकांत क्लीनिक में 11 जुलाई 2022 को शुरू हुआ था।
    • 3 सितंबर 2022 को गर्भाशय के ऑपरेशन के नाम पर सुनीता की दोनों किडनियां निकाल ली गईं।
    • 5 सितंबर 2022 को सुनीता की तबीयत खराब होने पर उसे एसकेएमसीएच लाया गया था।
    • 7 सितंबर को जांच के दौरान सुनीता की दोनों किडनी निकाल लिए जाने का पता चला।
    • परिवार ने फर्जी नर्सिंग होम और झोलाछाप चिकित्सक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई।
    • अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने मामले में एक आरोपी को 7 साल कठोर कारावास की सजा सुनाई।
    • इस पूरे कांड का मुख्य आरोपी अभी भी फरार है, कोर्ट के आदेश पर उसकी संपत्ति कुर्क हो गई है।

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