डबल होगी मुजफ्फरपुर-सीतामढ़ी रेल लाइन, अंचल कर्मियों ने शुरू किया सर्वे; 60-80 करोड़ रुपये होंगे खर्च
मुजफ्फरपुर-सीतामढ़ी रेल लाइन को डबल करने के लिए सर्वे शुरू हो गया है। गंडक नदी पर एक बड़ा पुल बनेगा। समस्तीपुर रेलमंडल के कर्मचारी भूमि का चिह्नांकन कर रहे हैं। इस परियोजना में 60-80 करोड़ रुपये खर्च होंगे जिसकी मंजूरी मिल चुकी है। इससे राम-सीता सर्किट से जुड़े लाखों यात्रियों को सुविधा होगी और ट्रेनों की संख्या भी बढ़ेगी। 2029 तक इस कार्य को पूरा करने का लक्ष्य है।

गोपाल तिवारी, मुजफ्फरपुर। मुजफ्फरपुर-सीतामढ़ी डबल रेलवे लाइन बनाने के लिए सर्वे शुरू हो गया है। इस लाइन में एक बड़ा रेल पुल जो गंडक नदी पर बनेगा। उसके बाद तीन दर्जन से अधिक छोटे-बड़े पुल-पुलिया शामिल हैं। समस्तीपुर रेलमंडल के इंजीनयरिंग विभाग और सीतामढ़ी, रुन्नीसैदपुर, मुजफ्फ्फरपुर अंचल के कर्मियों की टीम रेल लाइन निकालने के लिए भूमि को चिह्नित कर रही है।
अंचल के कर्मियों द्वारा खाता-खेसरा देखकर बता रहे हैं कि कहां पर रेलवे की जमीन है और कहां पर प्राइवेट लैंड हैं, जहां का अधिग्रहण करना होगा। उन सारे प्वाइंट को चिह्नित किया जा रहा है। गंडक नदी पर पहले वाले ब्रिज से 40 मीटर हटकर दूसरा ब्रिज बनाने का प्रस्ताव है। अभी जो लाइन मुजफ्फरपुर से सीतामढ़ी गई है, उसमें जितने भी स्टेशन और हॉल्ट हैं, उसी से सटकर दूसरी डबल लाइन जाएगी।
सर्वे का काम जल्द पूरा करने के बाद इसकी डीपीआर तैयार कर समस्तीपुर रेलमंडल पूर्व मध्य रेल मुख्यालय के उच्चाधिकारियों के माध्यम से रेलवे बोर्ड भेजेगा। मुजफ्फरपुर-सीतामढ़ी डबल लाइन बनाने में 60 से 80 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस वर्ष एक अप्रैल की बजट में भी रेल मंत्रालय से मिल चुकी है।
मुजफ्फरपुर-सीतमढ़ी डबल लाइन होने से इस रूट पर ट्रेनें बढ़ाई जाएगी। यह रेल लाइन राम-सीता सर्किट से भी जुड़ी हुई है। इस लाइन पर ट्रेनों का परिचालन अधिक होगी तो सीतामढ़ी, रीगा, सोनबरसा, बैरगनिया, भीट्ठामोड़, दरभंगा-मधुबनी से लेकर जनकपुर धाम के लाखों यात्रियों को देश के विभिन्न शहरों में जाना आसान हो जाएगा।
बता दें कि सीतामढ़ी के सांसद ने रेल मंत्री से मिलकर पूर्व में इस परियोजना पर ध्यान देने का आग्रह किया था। उसके बाद 2020 में मंजूरी मिली थी। नरकटियागंज-दरभंगा और सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर रेलखंड के दोहरीकरण के लिए 130 करोड़ रुपये स्वीकृत दी गई। मंजूरी के चार साल बाद विभाग द्वारा डीपीआर तैयार कर मंजूरी के लिए रेलवे बोर्ड भेजा गया।
काफी दिन तक स्वीकृत नहीं देकर इसको ठंडे बस्ते में रखा गया, लेकिन अप्रैल में मंजूरी के साथ बजट में पैसे भी दे दिए गए और नरकटियागंज, रक्सौल, सीतामढ़ी, दरभंगा व सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर 255.5 किलोमीटर रेल दोहरीकरण का कार्य 2029 तक पूरा करने को कहा गया।
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