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    PhD पेपर लीक मामले में दोषियों की डिग्री रद करेगा विश्वविद्यालय, पुलिस खंगालेगी सीसीटीवी फुटेज

    Updated: Tue, 16 Sep 2025 02:57 PM (IST)

    मुजफ्फरपुर में पीएचडी प्रवेश परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन सख्त कार्रवाई की तैयारी में है। दोषियों की डिग्रियां रद करने का प्रस्ताव है और पर्दे के पीछे के लोगों को उजागर करने की योजना है। सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित हैं और कॉलेज प्रशासन से पूछताछ जारी है। कॉलेज प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं और विश्वविद्यालय पुलिस को फुटेज सौंपेगा।

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    प्रश्नपत्र लीक मामले में दोषियों की डिग्री रद करेगा विश्वविद्यालय

    जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। पीएचडी एडमिशन टेस्ट में पेपर वन का प्रश्नपत्र लीक मामले की जांच तेज हो गई है। इसमें छात्र-छात्राओं की संलिप्ता साबित होने पर विश्वविद्यालय स्तर से कड़ी कार्रवाई होगी। दोषियों के स्नातक से लेकर एमए व अन्य डिग्री को रद किया जाएगा।

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    इसका प्रस्ताव विश्वविद्यालय की ओर से तैयार किया जा रहा है। इसे परीक्षा बोर्ड में प्रस्तुत कर इसे मंजूरी दिलाई जाएगी। प्रश्नपत्र लीक मामले में दोषियों को छोड़ा नहीं जाएगा। पर्दे के पीछे छिपे लोगों को भी बेनकाब करने की योजना तैयार कराई जा रही है।

    पैट परीक्षा के प्रश्नपत्र इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित मामले को लेकर सोमवार को एलएस कॉलेज केंद्र का सीसी कैमरे के फुटेज सुरक्षित रखे गए हैं। वहीं 37 नंबर कमरे में तालाबंदी कर दी गई है ताकि किसी भी परिस्थिति में साक्ष्य से छेड़छाड़ नहीं की जा सके।

    दूसरी ओर कॉलेज प्रशासन ने वीक्षकों से पूछताछ की है। कॉलेज प्रशासन को कई पर संदेह है। फुटेज को अधिकारियों ने देखा है। इसमें कई चेहरा दिख रहे हैं। बताते हैं कि फुटेज में दो - तीन संदिग्ध खिड़की के आसपास मंडराते हुए दिखाई दे रहे हैं।

    प्राक्टर प्रो. बीएस राय ने बताया दोषियों पर कार्रवाई के लिए विश्वविद्यालय स्तर से परीक्षा बोर्ड में प्रस्ताव रखा जाएगा। वहीं पैट परीक्षा के आंसर शीट में भी बदलाव होगा। इसके लिए दूसरे विश्वविद्यालयों में अपनाई गई व्यवस्था देखी जाएगी।

    मनाही के बाद भी लगी नॉन टीचिंग स्टाफ की ड्यूटी:

    इस घटना में कॉलेज प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। बताते हैं कि जिस नॉन टीचिंग स्टाफ को कमरे में ड्यूटी नहीं लगाए जाने की बात कही गई थी उसे भी परीक्षा कार्य में लगाया गया है।

    विश्वविद्यालय के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो कॉलेज की सीटिंग अरेंजमेंट को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। कॉलेज के परीक्षा भवन में सीटें कम पड़ गईं तो बाकियों के लिए आर्ट्स ब्लाक में ऐसे कमरे का चयन क्यों नहीं किया गया जो सुरक्षित हो और जहां आसानी से किसी बाहरी का हस्तक्षेप नहीं हो सकता था।

    अधिकारियों की मानें तो वहां तीन से चार विभाग में बड़े-बड़े क्लासरूम हैं जहां कक्षाएं होती हैं। अगर उसमें सीटिंग अरेंजमेंट किया जाता तो उस कमरे में खिड़की नहीं होने से ऐसी घटना नहीं होती।

    दूसरी ओर वीक्षकों ने पूछताछ में बताया है कि उन्होंने किसी भी बाहरी को खिड़की के पास नहीं देखा है, लेकिन वीडियो फुटेज देखने पर स्पष्ट दिख रहा है कि दो से तीन लोग वहां मंडरा रहे थे। अब विश्वविद्यालय स्तर से वीडियो फुटेज को पुलिस प्रशासन को सौंपा जाएगा।