Updated: Thu, 03 Jul 2025 02:28 PM (IST)
मुजफ्फरपुर के काजीमोहम्मदपुर थानाध्यक्ष जयप्रकाश सिंह के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के एक पुराने मामले में प्रोग्रेस रिपोर्ट जमा नहीं करने पर गैर जमानतीय वारंट जारी किया गया है। विशेष कोर्ट ने उन्हें गिरफ्तार कर 8 जुलाई को पेश करने का आदेश दिया है। पहले भी थानाध्यक्ष पर जुर्माना लगाया गया था लेकिन रिपोर्ट दाखिल नहीं की गई जिससे कोर्ट की कार्यवाही बाधित हो रही है।
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। पॉक्सो एक्ट के आठ वर्ष पुराने एक मामले की प्रोग्रेस रिपोर्ट जमा नहीं करने पर विशेष कोर्ट पॉक्सो एक्ट-एक के न्यायाधीश धीरेंद्र मिश्रा ने काजीमोहम्मदपुर थानाध्यक्ष जयप्रकाश सिंह के विरुद्ध गैर जमानतीय वारंट जारी किया है। विशेष कोर्ट ने काजीमोहम्मदपुर थानाध्यक्ष को गिरफ्तार कर कोर्ट में अगली सुनवाई की तिथि पर आठ जुलाई को प्रस्तुत करने का आदेश दिया है।
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गैर जमानतीय वारंट का तामिला कराने की जिम्मेदारी डीएसपी पूर्वी को दी गई है। इसकी प्रति एसएसपी व एडीजीपी (कमजोर वर्ग) को भी भेजी गई है। आदेश में कहा कि पूर्व में थानाध्यक्ष पर पांच हजार रुपये जुर्माना की कार्रवाई की गई। इसके निष्पादन के लिए एसएसपी को कहा गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसमें एसएसपी फेल हो गए।
पाया गया कि थानाध्यक्ष द्वारा जानबूझकर प्रोग्रेस रिपोर्ट दाखिल नहीं की रही है। यह थानाध्यक्ष की लापरवाही को दर्शाता है। रिपोर्ट नहीं मिलने से केस के निष्पादन में कोर्ट की कार्यवाही प्रभावित हो रही है। वहीं, कोर्ट ने थानाध्यक्ष को कई बार मौका दिया।
क्या है पूरा मामला?
विदित हो कि कोर्ट परिवाद पर 24 दिसंबर 2017 को काजीमोहम्मदपुर थाने में प्राथमिकी की गई थी। इसमें आनंद कुमार वर्मा, उसके पुत्र सोनू, रामभरोस महतो व उसके पुत्र राकेश कुमार को नामजद किया गया था। परिवाद में महिला में कहा कि 23 अक्टूबर 2017 को वह झोपड़ी में खाना बना रही थी।
आरोपित सरकारी जमीन पर बालू-गिट्टी गिराकर रास्ता बंद कर रहे थे। विरोध पर आरोपितों ने अभद्र व्यवहार कर किशोर पुत्री के साथ अश्लील हरकत की। बीच बचाव पर उनके परिवार के लोगों को लाठी-डंडे से पीटा। जाति सूचक गाली देकर धार्मिक स्थल को गंदा करने का आरोप लगाकर पिटाई की।
बता दें कि कोर्ट ने पांच वर्ष पुराने पाक्सो एक्ट के आरोपित मनोज महतो को गिरफ्तार नहीं करने पर भी काजीमोहम्मदपुर थानाध्यक्ष पर पांच हजार रुपये जुर्माना लगाया था। इसके पहले भी आरोपित रवि कुमार को गिरफ्तार नहीं करने पर जुर्माना लगाया गया था, लेकिन कार्यशैली में सुधार नहीं हो रहा है।
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