Bihar Teacher: यू-डायस डाटा में गड़बड़ होने पर वर्ग शिक्षक पर होगी कार्रवाई, DPO ने सभी BEO को दिए निर्देश
मुजफ्फरपुर जिले के 3500 से अधिक स्कूलों में यू-डायस डेटा और अपार आईडी बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। यह कार्य सत्र 2025-26 के लिए किया जा रहा है जिसके लिए डीपीओ एसएसए ने सभी बीईओ को निर्देश जारी किए हैं। वर्ग शिक्षकों को छात्रों की उपस्थिति और परीक्षा परिणाम का रिकॉर्ड देना होगा। लापरवाही बरतने पर कार्रवाई की जाएगी।

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। जिले के साढ़े तीन हजार से अधिक स्कूलों में पहली से बारहवीं तक अध्ययनरत करीब नौ लाख विद्यार्थियों के यू-डायस (यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इंफॉरमेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन) डाटा और अपार आईडी तैयार करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। राज्य कार्यालय के निर्देश पर सत्र 2025-26 के लिए जिले के साढ़े तीन हजार स्कूलों में यह तैयारी शुरू की जाएगी।
इसको लेकर डीपीओ एसएसए ने सभी बीईओ को निर्देश जारी किया है। कहा गया है कि छात्र-छात्राओं की वर्गवार उपस्थिति से लेकर अन्य त्रुटियों के लिए वर्ग शिक्षक जिम्मेदार होंगे और लापरवाही बरतने पर कार्रवाई की जाएगी। वर्ग शिक्षक बच्चों के वार्षिक परीक्षा परिणाम से जुड़ा रजिस्टर उपलब्ध कराएंगे।
छात्र-छात्राओं की उपस्थिति संबंधी रिकॉर्ड होगा उपलब्ध:
स्कूलों के एचएम यह सुनिश्चित करेंगे कि नामांकित विद्यार्थियों का वार्षिक परीक्षा परिणाम रजिस्टर में अंकित हो। शैक्षणिक वर्ष में छात्र-छात्राओं की उपस्थिति संबंधी रिकॉर्ड भी वे ही उपलब्ध कराएंगे। इसको लेकर जिला शिक्षा विभाग की ओर से निर्देश जारी किया गया है।
कहा गया है कि वैसे विद्यालय जहां कंप्यूटर के जानकार शिक्षक, इंस्ट्रक्टर या कर्मी नहीं है तो ऐसी स्थिति में कंप्यूटर के जानकार नियोजित शिक्षक, विशिष्ट शिक्षक, टीआरई-वन, टू, थ्री के विद्यालय अध्यापक या लिपिक से यह कार्य कराया जाएगा। अगर कोई शिक्षक कार्य में लापरवाही या उदासीनता बरतते हैं तो जिला मुख्यालय को इसकी सूचना देनी होगी।
कंप्यूटर के साथ-साथ इंटरनेट की सुविधा:
कंप्यूटर शिक्षक की यह जिम्मेदारी होगी कि वह विद्यालय में कंप्यूटर के साथ-साथ इंटरनेट की सुविधा का इंतजाम करेगा। साथ ही पोर्टल को अपडेट करने में किसी रह की त्रुटि न हो कंप्यूटर शिक्षक इसे भी सुनिश्चित करेंगे। वैसे स्कूल जहां इंटरनेट या कंप्यूटर-लैपटॉप की सुविधा उपलब्ध नहीं है, वहां प्रधानाध्यापक के स्तर से इसकी व्यवस्था की जाएगी।
फिर भी अगर यह संभव नहीं है तो सीआरसी में जाकर वहीं से डाटा तैयार किया जाएगा। अगर सीआरसी में भी कंप्यूटर की सुविधा उपलब्ध नहीं तो बीआरसी कार्यालय में जाकर यूडायस संबंधी कार्य करेंगे।
गाइडलाइन की गई जारी:
जिला शिक्षा विभाग की ओर से सभी बीइओ, एचएम, वर्ग शिक्षक, बीआरसी, सीआरसी संबंधी कार्य और मानीटरिंग के लिए विस्तृत गाइडलाइन जारी किया गया है। साथ ही प्रखंड स्तर पर यू डायस मास्टर ट्रेनर भी बनया गया है।
दूसरी ओर, किसी तकनीकी समस्या के लिए जिला कार्यालय से संपर्क किया जा सकता है। यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इंफॉरमेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन
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