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    मुजफ्फरपुर में 8 पुलिसकर्मियों ने नहीं दी गवाही, गांजा तस्करी में 3 महिलाएं बरी; चौंकाने वाला है मामला

    Updated: Fri, 11 Jul 2025 01:52 PM (IST)

    मुजफ्फरपुर रेलवे स्टेशन पर सात साल पहले 61.7 किग्रा गांजे के साथ पकड़ी गईं दरभंगा की तीन महिलाएं सबूतों के अभाव में बरी हो गईं। विशेष कोर्ट के न्यायाधीश नरेंद्र पाल सिंह ने यह फैसला सुनाया क्योंकि अभियोजन पक्ष गवाह पेश करने में विफल रहा। जीआरपी ने 2018 में इन्हें गिरफ्तार किया था।

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    आठ पुलिसकर्मियों ने नहीं दी गवाही, गांजा तस्करी में तीन महिलाएं बरी

    जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। सात वर्ष पूर्व मुजफ्फरपुर रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म संख्या चार से 61.700 किलोग्राम गांजा के साथ गिरफ्तार दरभंगा जिले की तीन महिला तस्करों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया है। इस मामले में आरोप गठन के बाद तीन वर्ष तक मिले कई अवसर में अभियोजन पक्ष की ओर से आठ पुलिसकर्मियों की गवाही नहीं कराई जा सकी।

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    इसके बाद विशेष कोर्ट एनडीपीएस एक्ट संख्या- दो के न्यायाधीश नरेंद्र पाल सिंह ने तीनों महिलाओं को बरी करने का आदेश दे दिया। इसमें दरभंगा जिले के विष्णुपुर थाना के गोरियारी निवासी वीणा देवी, सिंहवाड़ा के गोगौल की रेखा देवी और कोरा भकौल इलाके की रामसमिन्द्र देवी शामिल हैं।

    निर्णय की प्रति कोर्ट ने जिला दंडाधिकारी को भी भेजी है। तीनों महिला तस्करों को घटना के दिन जेल भेजा गया था। इसके बाद तीनों को अलग-अलग तिथियों को जमानत मिली थी।

    सूचक और आइओ समेत आठ गवाह नहीं पहुंचे कोर्ट:

    जीआरपी की तत्कालीन जमादार सुनीता जायसवाल ने तीनों को गांजा की खेप के साथ पकड़ा था। इसमें उनके अलावा आठ गवाह बनाए गए थे। इसमें हवलदार सरवर अंसारी, सिपाही शैलेंद्र कुमार, गोरेलाल, महिला सिपाही रेखा कुमारी, पीटीसी विनोद राय और केस के जांच अधिकारी दारोगा कृष्णा प्रसाद सिंह शामिल थे।

    उक्त सभी पुलिसकर्मियों ने गवाही के लिए मिले तीन वर्ष के अवसर में गवाही को नहीं पहुंचे थे। 31 दिसंबर 2018 को चार्जशीट दाखिल की थी। छह मई 2022 को आरोपितों के विरुद्ध कोर्ट ने आरोप गठित किया था। अभियोजन पक्ष को कई बार गवाहों को बयान दर्ज कराने के लिए समन भेजा गया।

    वरीय पुलिस अधीक्षक को भी गवाहों को प्रस्तुत कराने का निर्देश दिया गया। बावजूद आठों पुलिसकर्मी कोर्ट के समक्ष उपस्थित होने में विफल रहे। कोर्ट ने 30 जून को अभियोजन पक्ष को साक्ष्य और गवाहों को पेश करने का अंतिम अवसर दिया था। इसमें भी अभियोजन पक्ष विफल हुए।

    अभियोजन पक्ष की ओर से दस्तावेज के रूम में विशेष कोर्ट में आरएफएसएल जांच रिपोर्ट ही जमा कराई थी। विशेष कोर्ट में गवाहों का बयान और साक्ष्य की प्रस्तुती नहीं होने का लाभ आरोपितों को मिला और तीनों महिला तस्कर बरी हुई।

    सात वर्ष पूर्व पकड़ा गया था:

    एक दिसंबर 2018 को स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या चार के निकट से तीनों महिला तस्कर को जीआरपी ने उक्त गांजा की खेप के साथ पकड़ा था। पूछताछ में आरोपितों ने बताया था कि वह गांजा की खेप को लेकर हरिद्धार जा रही है। इसके पहले ही तीनों महिला तस्करों को गिरफ्तार कर गांजा को जब्त कर लिया।

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