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    Muzaffarpur News: औद्योगिक क्षेत्र के विस्तार की योजना को जनप्रतिनिधि की उपेक्षा से लग रहा पलीता

    Updated: Sat, 13 Sep 2025 12:57 PM (IST)

    मुजफ्फरपुर के बेला औद्योगिक क्षेत्र में जल निकासी और जर्जर सड़कें बड़ी समस्या हैं। सालों भर पानी जमा रहने और नालियों में कचरा भरने से स्थिति और खराब हो जाती है। बारिश के दिनों में फैक्ट्रियों में पानी घुसने से लाखों का नुकसान होता है। हालांकि प्रशासन का कहना है कि वे जल्द ही सड़कों का निर्माण कराएँगे और जल जमाव की समस्या से निपटने का प्रयास करेंगे।

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    बेला औद्योगिक क्षेत्र में सड़क पर जलजमाव की वजह से आवाजाही में होती परेशानी। जागरण

    दिव्या भारती, मुजफ्फरपुर। राज्य में औद्योगिक क्षेत्र में विस्तार के साथ रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। दूसरी ओर स्थानीय जनप्रतिनिधि और प्रशासन की उपेक्षा से इसको पलीता लग रहा है। जिले के बेला स्थित औद्योगिक क्षेत्र इसी उपेक्षा का शिकार है।

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    इस क्षेत्र में जलनिकासी की सुविधा नहीं होने से सालों भर पानी जमा रहता है। सड़कों की हालत भी ऐसी है कि कब कहां हादसा हो जाए कहना मुश्किल। यह तो गनीमत है कि इस वर्ष बारिश कम हुई।

    पिछले दो-तीन वर्षों से बारिश के समय स्थिति यह हो गई थी कि फैक्ट्रियां डूब गई थीं। इस कारण कई दिनों तक इसे बंद करनी पड़ी थी। विदित हो कि करीब 14 करोड़ की लागत से बेला औद्योगिक क्षेत्र में सड़क बनी थी। यह एक साल में ही जर्जर हो गई।

    बेला औद्योगिक क्षेत्र की लगातार शिकायत करने के बाद भी नहीं बदली स्थिति। जागरण

    इसे छिपाने के लिए ऊपर से परत चढ़ाने का प्रयास हुआ तो उद्यमियों की नाराजगी दिखी थी। आश्वासन तो दिए गए, मगर यहां जल निकासी की व्यवस्था हुई ना सड़क बनीं। आज भी उद्यमी एवं कर्मचारी सड़क, नाले से पानी निकासी की परेशानी और बारिश के समय भीषण जलजमाव से परेशान हैं।

    बियाडा फेज एक की सड़कों पर तो सालों भर सड़क पर खराब नाले की वजह से पानी लगा रहता है। सड़कें जर्जर हैं। इन रास्तों से कोई नया राहगीर गुजरे तो उसका गिरना भी तय है।

    कचरे नाले में फेंकने से हो जाते जाम

    बियाडा फेज एक में सबसे ज्यादा खराब सड़क और नाले की समस्या है। स्थानीय दुकानदार प्रदीप राम ने बताया कि यहां हर साल सड़कों पर पानी और नाले से पानी निकासी की समस्या बनी रहती है। कई बार फैक्ट्री के कचरे भी नाले में फेंक दिए जाते हैं।

    जिससे पानी की निकासी नहीं हो पाती।इससे पानी सड़क पा जाता है। पास में ही स्वीमिंग पुल वाले भी पानी ऐसे ही छोड़ देते है, जिससे सड़क पर पानी लगने की समस्या बनी रहती है। फैक्ट्री में काम करने वाले श्रवण कुमार ने बताया कि बारिश के दिनों में सड़कों पर पानी लगने से गाड़ी के आने-जाने में भी खासकर परेशानी होती है।

    इस बार फैक्ट्री में नहीं घुसा पानी

    औरटेक आरगेनिक में काम करने वाली कर्मचारी निक्की तिवारी ने बताया कि इस बार बारिश कम होने की वजह से परेशानी कम हुई है। वरना इससे पहले बारिश के दौरान फैक्ट्री के अंदर तक पानी लग जाता था। इसके बाद फैक्ट्री से पानी निकलवाने तक की नौबत आ जाती है।

    आसपास के भी कई फैक्ट्री ऐसे है, जिनके साथ ऐसी परेशानी हो रही है। खासकर बियाडा फेज एक में। पिछले वर्ष पानी लगने से उनकी फैक्ट्री में करीब 15 से 20 लाख रुपये का नुकसान हुआ था। महिला पालीटेक्निक कालेज के पास भी खराब सड़क और पानी लगने से औद्योगिक क्षेत्र में आने वाली गाड़ियों और लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।

    इस संबंध में बियाडा के डीजीएम निरंजन मिश्रा ने बताया कि जल जमाव की परेशानी तो है। इससे निजात का प्रयास किया जा रहा है। सड़कें भी इस क्षेत्र में बनाई जाएंगी।