Muzaffarpur News: नाले के पानी से डूबीं स्मार्ट सिटी की सड़कें, सड़े पानी से बीमारियों के फैलने का खतरा
मुजफ्फरपुर में लगातार बारिश से जलभराव की स्थिति गंभीर हो गई है। नालों का पानी सड़कों और मोहल्लों में फैल गया है जिससे लोगों को सांस लेने में भी परेशानी हो रही है। नीम चौक से पोखरिया पीर जाने वाली सड़क सबसे ज्यादा प्रभावित है जहाँ जल निकासी की व्यवस्था ठीक नहीं होने से पानी काला पड़ गया है।

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। पिछले दो दिनों से शहर में रुक-रुककर हो रही बारिश से नाले का पानी सड़क और कई मुहल्ले में फैल गया। सड़ांध पानी से मुहल्लावासियों को सांस लेना भी दुश्वार हो गया है। वे घर से नहीं निकल रहे हैं।
वहीं बैक्टीरिया और वायरस के लिए अनुकूल इस मौसम में इस पानी से बीमारियों के फैलने का भी खतरा बढ़ गया है। सबसे बदहाल स्थिति नीम चौक से पोखरिया पीर जाने वाली सड़क की है। इस मार्ग में पहले से भी जलजमाव की समस्या है।
जलनिकासी की व्यवस्था सुदृढ़ नहीं होने के कारण पानी नहीं निकल रहा है। अब पानी काला पड़ने लगा है। इससे दुर्गंध आती है। जलजमाव के कारण स्कूल जाने वाले छात्र-छात्राओं को बहुत परेशानी होती है। इसके बाद भी नगर निगम की ओर से जलनिकासी को लेकर नाला की सफाई नहीं की जा रही है।
मंगलवार को सुबह और दोपहर को हुई तेज बारिश के बाद प्रोफेसर कालोनी, आनंद मार्ग रोड, कलमबाग रोड, मिठनपुरा जगदीशपुरी लेन समेत कई मोहल्ले डूब गए। इससे स्मार्ट सिटी की व्यवस्था की पोल खुल गई। बाइक और स्कूटी सवार को आने-जाने में परेशानी हो रही है।
पानी की गहराई का पता नहीं लग पा रहा है। कुछ जगहों पर गड्ढा होने के कारण लोग इसमें गिरकर चोटिल हो रहे थे। स्थानीय मुहल्लेवासियों में अमर कुमार, अनिता देवी समेत अन्य ने बताया कि मुहल्ले में एक बार पानी लग जाता है तो फिर निकलता नहीं है।
यह गंदा होकर काला पड़ जाता है। इसमें पैर रखने पर तेज खुजली और जलन शुरू हो जाती है। उनलोगों को हमेशा बीमारी के पनपने का खतरा मंडरा रहा है।
औद्योगीकरण से ओजोन परत को सबसे ज्यादा नुकसान
मुजफ्फरपुर: एलएनटी कालेज में विश्व ओजोन दिवस पर कार्यक्रम में प्राचार्य डा.ममता रानी ने कहा औद्योगीकरण के कारण सबसे अधिक ओजोन परत का नुकसान हुआ है। अध्यक्षता रसायनशास्त्र विभाग के डा.सुनील कुमार ने की।
विभिन्न छात्र-छात्राओं ने पोस्टर व स्लोगन के माध्यम से ओजोन परत को बचाने के लिए लोगों को जागरूक किया। डा.कुमार ने बच्चों को क्लोरोफ्लोरोकार्बन से होने वाली ओजोन लेयर के क्षय की जानकारी दी।
विज्ञान विशेषज्ञों ने भी बच्चों को ओजोन परत से जुड़ी विभिन्न जानकारियां दीं। अंत में विद्यार्थियों ने मानव शृंखला बना लोगों को ओजोन सुरक्षा की जानकारियां दी। मौके पर रसायनशास्त्र विभाग से डा.अमृता कुमारी, जूलाजी विभागाध्यक्ष डा.वाचस्पति, गणित विभागाध्यक्ष डा.योगेश कुमार व डा.साक्षी वर्मा और जया झा आदि थीं।
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