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    Muzaffarpur News: एसकेएमसीएच से जारी की जाती अधूरी पोस्टमार्टम रिपोर्ट, आइओ लगा रहे चक्कर, नहीं मिल रहे चिकित्सक

    Updated: Sat, 20 Sep 2025 12:54 PM (IST)

    मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच में एक चिकित्सक की लापरवाही से दो दर्जन से अधिक मामलों में चार्जशीट लंबित है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट अधूरी होने के कारण पुलिस आरोपियों पर कार्रवाई नहीं कर पा रही है जिससे पीड़ितों को न्याय मिलने में कठिनाई हो रही है। एसकेएमसीएच की प्राचार्या ने चिकित्सक की शिकायत दरभंगा प्राचार्य से करने की बात कही है।

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    यह तस्वीर जागरण आर्काइव से ली गई है।

    जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। एसकेएमसीएच (श्री कृष्ण चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल) के एफएमटी (फोरेंसिक मेडिसिन और टॉक्सिकोलाजी) के चिकित्सक की लापरवाही के कारण दर्जनों केस में चार्जशीट और प्रगति रिपोर्ट लंबित है।

    इसको लेकर केस के अनुसंधानक एसकेएमसीएच का एफएमटी विभाग का चक्कर लगा रहे हैं। हालांकि, चिकित्सक का तबादला दरभंगा हो जाने के कारण मिल पाना मुश्किल है। बताया जा रहा है कि वरीय पुलिस अधीक्षक समेत अन्य अधिकारियों ने इसको लेकर एसकेएमसीएच के प्राचार्य डा. आभा रानी सिन्हा को पत्राचार कर पोस्टमार्टम रिपोर्ट पूर्णत: लिखे जाने को कहा था।

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    इसको लेकर प्राचार्य ने संबंधित चिकित्सक को विभाग स्तर से सूचना उपलब्घ कराया, हालाकि चिकित्सक की मनमानी के आगे विभाग कुछ नहीं कर पा रहे। प्राचार्य डा. आभा रानी सिन्हा ने बतायी कि पूर्णत: रिपोर्ट नहीं लिखने की शिकायत लगातार मिल रही है।

    उनकी लापरवाही को शिकायत दरभंगा प्राचार्य से करते हुए मुख्यालय रिपोर्ट की जाएगी। बताया जा रहा है कि मिठनपुरा, मोतीपुर, सरैया और सदर थाना में नशाखुरानी, शराब, आत्महत्या समेत अन्य संदेहास्पद मामले में शव को पोस्टमार्टम एसकेएमसीएच में हुआ था।

    पोस्टमार्टम एफएमटी के डा. विश्वज्योति की ओर से किया गया। पोस्टमार्टम के दौरान उन्होंने मामले को लेकर विसरा और हिस्टोपैथोलॉजी जांच के लिए नमूना रखा था। नमूना आने के पूर्व ही चिकित्सक ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट लिख दी।

    जब विसरा और हिस्टोपैथोलाजी रिपोर्ट उन्हें मुहैया हुआ तो उसका जिक्र पोस्टमार्टम रिपोर्ट में नहीं कर सकें। पूर्णतः पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं लिखने के कारण पुलिस संबंधित मामले में आरोपियों पर कठोर निर्णय लेने से दूर हो रही है।

    आरोपी की गिरफ्तारी लंबित रह रही है। पीड़ितों को न्याय मिलना मुश्किल है। संबंधित केस के अनुसंधानक केस को डिस्पोजल नहीं कर पा रहा है। थाना में नशाखुरानी, आत्महत्या, मारपीट, शराब से हुई मौत मामले में एफआइआर से आगे कोई ठोस निर्णय पर पुलिस नहीं पहुंच रही है।

    मोतीपुर, सदर, मिठनपुरा व सरैया की पुलिस की माने तो रिपोर्ट की वजह से उनपर कार्रवाई की तलवार लटकी हुई है। रोजाना वरीय पदाधिकारी की फटकार सुन रहे है।