Updated: Mon, 28 Jul 2025 02:11 PM (IST)
मुजफ्फरपुर में चांदनी चौक से भगवानपुर तक सिक्स लेन सड़क बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। पुल निर्माण विभाग ने सीमांकन का कार्य पूरा कर लिया है लेकिन एनएचएआई से एनओसी का इंतजार है। रामदयालु से बखरी तक सड़क चौड़ीकरण का कार्य चार चरणों में होगा जिसमें चांदनी चौक-भगवानपुर सिक्स लेन का काम 41 करोड़ रुपये से किया जाएगा। सर्विस लेन को समाप्त कर अतिक्रमण हटाया जाएगा।
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। चांदनी चौक से भगवानपुर तक सिक्स लेन (Bihar New Six Lane Highway) बनाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इसका टेंडर भी फाइनल हो चुका है। पुल निर्माण विभाग ने सीमांकन का कार्य कर लिया है। अब शीघ्र ही काम शुरू करने की तैयारी चल रही है, लेकिन एनएचएआई से अब तक एनओसी नहीं लिया गया है।
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इसके लिए पुल निर्माण विभाग के अधिकारियों ने एनएचएआई के पदाधिकारी से सपर्क किया है, लेकिन इसमें अभी पेच फंसा हुआ है। जब तक एनओसी नहीं मिलेगा, कार्य शुरू नहीं हो सकता है। इसे लेकर दोनों विभाग के पदाधिकारियों के बीच बैठक भी आयोजित की गई है।
इसमें परियोजना को लेकर विस्तृत चर्चा हुई है। इसके बाद भी अब तक एनओसी नहीं दिया गया है, जबकि इस परियोजना की प्रशासनिक स्वीकृति मिले हुए करीब तीन माह से अधिक का समय बीत चुका है। पुल निर्माण विभाग के अधिकारी का दावा है कि शीघ्र ही एनओसी प्राप्त कर लिया जाएगा।
बताया जा रहा है कि रामदयालु से लेकर चांदनी चौक-बखरी तक की सड़क पथ निर्माण विभाग के अधीन होने वाली है। एनएचएआई से हस्तांतरण की भी प्रक्रिया की जा रही है, क्योंकि चार फेज मं रामदयालु से बखरी तक सड़क चौड़ीकरण का कार्य पुल और पथ निर्माण विभाग के द्वारा किया जाना है।
इसमें मधौल से रामदयालु, रामदयालु से भगवानपुर, भगवानपुर से चांदनी चौक और चांदनी चौक से बखरी तक सिक्स लेन सड़क बनाना शामिल है। चांदनी चौक-भगवानपुर सिक्स लेन का काम करीब 41 करोड़ रुपये से होना है, जबकि चांदनी चौक से बखरी तक करीब आठ करोड़ रुपये में चौड़ीकरण किया जाएगा।
सर्विस लेन को समाप्त कर बढ़ाई जाएगी चौड़ाई:
इस मार्ग में जो सर्विस लेन बना है। उसपर पूरी रह गैरेज संचालक और एक माल के द्वारा कब्जा कर लिया गया है। चौड़ीकरण के लिए सर्विस लेन को समाप्त कर सिक्स लेन बनाया जाएगा। इससे अतिक्रमण की समस्या भी समाप्त होने की संभावना है।
विदित हो कि रामदयालु आरओबी के लिए पुल निर्माण विभाग ने एनएचएआई से एनओसी नहीं प्राप्त किया था। इस कारण यह परियोजना अब एनएचएआई को मिलने की संभावना है।
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