Updated: Wed, 03 Sep 2025 08:28 PM (IST)
मुजफ्फरपुर में साहेबगंज-मानिकपुर फोरलेन निर्माण में मुआवजा वितरण में देरी के कारण बाधा आ रही है। 400 से अधिक रैयतों को मुआवजा राशि नहीं मिली है जिसके कारण रैयतों ने निर्माण कार्य का विरोध किया है। एनएचएआई ने भू-अर्जन विभाग को 406 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं जिनमें से 83 करोड़ का भुगतान अभी भी बाकी है। अधूरे कागजात और आपसी विवाद के कारण भुगतान में देरी हो रही है।
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। साहेबगंज-मानिकपुर फोरलेन निर्माण में बाधा हो गई है। दरअसल, सड़क निर्माण को लेकर 482 रैयतों से करीब 184 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित की गई थी, लेकिन अभी 400 से अधिक ऐसे रैयत हैं, जिन्हें मुआवजा राशि नहीं मिली है।
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परियोजना का कार्य करने के लिए एनएचएआई की ओर से मेसर्स जेएसपी प्रोजेक्ट्स लिमिटेड को टेंडर दिया गया है। निर्माण एजेंसी के ठेकेदार जब कार्य कराने पहुंचे तो रैयतों ने विरोध शुरू कर दिया। इससे कार्य रोकना पड़ा। एजेंसी की ओर से इसकी जानकारी एनएचएआई छपरा के परियोजना निदेशक राजू कुमार को दी गई।
उन्होंने सभी संबंधित रैयतों की पूरी सूची भेजकर जिला भू-अर्जन पदाधिकारी से अंतिम नोटिस निर्गत करते हुए भुगतान की प्रक्रिया सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है, ताकि कार्य शुरू हो सके और इसे समय पर पूरा किया जा सके।
बताया गया कि एनएचएआई की ओर से मुआवजा भुगतान करने के लिए भू-अर्जन विभाग को 406 करोड़ रुपये आवंटित किए जा चुके हैं। इसमें 296 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है। वहीं, 24 करोड़ रुपये सक्षम प्राधिकार न्यायालय में जमा किए गए थे। करीब 83 करोड़ रुपये का भुगतान शेष है।
जिला भू-अर्जन कार्यालय की ओर से बताया गया कि शीघ्र ही इन सभी को अंतिम नोटिस निर्गत करते हुए भुगतान की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
अधूरे कागजात जमा होने से फंसा पेच:
एनएचएआई की ओर से भेजी गई रिपोर्ट के अनुसार अधिकतर मामलों में रैयतों ने अधूरे कागजात उपलब्ध कराए हैं। इससे भुगतान में देरी हो रही है। कुछ मामले ऐसे भी हैं, जिनमें आपसी विवाद का मामला चल रहा है।
एनएचएआई की ओर से कहा गया कि मानिकपुर में फ्लाईओवर का निर्माण किया जाना है। वहां कई मकान व अस्थायी निर्माण है। इनको खाली कराने का अनुरोध किया गया है ताकि काम शुरू हो सके।
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