Bihar Government: कार्यपालक सहायकों के दूसरे कार्यालयों में प्रतिनियुक्ति पर रोक, सभी DM को मिले निर्देश
मुजफ्फरपुर में आरटीपीएस केंद्रों के सुचारू संचालन के लिए तैनात कार्यपालक सहायकों को दूसरे कार्यालयों में भेजने से कामकाज प्रभावित हो रहा है। पंचायती राज विभाग के सचिव मनोज कुमार ने सभी डीएम को इनकी प्रतिनियुक्ति रद कर आरटीपीएस केंद्रों पर तैनात करने का अनुरोध किया है। ऐसा न करने पर उपस्थिति विवरणी शून्य कर दी जाएगी जिससे मानदेय भुगतान प्रभावित होगा।

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। आरटीपीएस केंद्रों के सुचारू और नियमित संचालन को लेकर सभी काउंटरों पर कार्यपालक सहायकों की तैनाती की गई थी, लेकिन अधिकांश जगहों पर इन्हें दूसरे कार्यालयों में प्रतिनियुक्त कर दिया जाता है। इससे आरटीपीएस केंद्र का कामकाज प्रभावित होता है। आमजन को इसका लाभ नहीं मिल रहा है, जबकि आरटीपीएस केंद्रों का नियमित संचालन सरकार की घोषित प्राथमिकताओं में सर्वोपरी है।
इसके बावजूद जिला, अनुमंडल और प्रखंडों में इसका नियमित संचालन नहीं हो रहा है। इसपर पंचायती राज विभाग के सचिव मनोज कुमार ने संज्ञान लिया है। उन्होंने सभी डीएम को इससे अवगत कराते हुए अविलंब इन कार्यपालक सहायकों की प्रतिनियुक्ति रद करते हुए आरटीपीएस केंद्रों पर तैनात करने का अनुरोध किया है।
उन्होंने कहा कि यह निर्णय विभागीय विचार विमर्श के बाद लिया गया है। अगर इसके बाद भी इनकी प्रतिनियुक्ति दूसरे कार्यालयों में रहती है तो उपस्थिति विवरणी शून्य कर दिया जाएगा। इससे मानदेय भुगतान प्रभावित होगा।
बताया गया कि कार्यपालक सहायकों की उपस्थिति विवरणी प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारियों के द्वारा निर्धारित की जाती है। इन सभी को निर्देशित किया गया कि अगर आरटीपीएस काउंटर पर ये उपस्थित रहकर नियमित रूप से संचालन करते हैं तभी उपस्थिति विवरणी जिला पंचायती राज पदाधिकारी को प्रेषित की जाए। अन्यथा इसे शून्य कर दिया जाए। इसमें किसी प्रकार की लापरवाही नहीं बरतने की सलाह दी गई है।
ग्राम पंचायतों को प्राप्त होने वाला राजस्व हो रहा प्रभावित:
विदित हो कि आमजन से जुड़ी सेवाओं का लाभ प्रदान करने के लिए आरटीएस केंद्र का संचालन किया जा रहा है। यहां पर 44 प्रकार की सेवाएं उपलब्ध है। इसमें मुख्य रूप से जाति प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, आवासीय समेत अन्य प्रमाण पत्रों के ऑनलाइन आवेदन करने और इसे डाउनलोड कर आवेदक को उपलब्ध कराया जाता है।
इसके अलावा ई-ग्राम कचहरी, ई-ग्राम स्वराज, ई- पंचायत पोर्टल और निश्चय साफ्ट पोर्टल पर भी आंकड़ों की प्रविष्टि इससे प्रभावित हो रही है। इस कारण पंचायतों के द्वारा किया जाने वाला खर्च का भी ब्योरा ऑनलाइन नहीं प्राप्त हो रहा है। इससे ग्राम पंचायतों को मिलने वाला राजस्व भी प्रभावित हो रहा है। इसे देखे हुए अविलंब प्रतिनियुक्ति रद करने को कहा गया है।
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