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    Muzaffarpur News: तत्कालीन मुशहरी थानाध्यक्ष और एसएसपी पर रिकवरी वारंट जारी

    By Aakash Kumar Edited By: Ajit kumar
    Updated: Thu, 04 Dec 2025 11:53 AM (IST)

    मुजफ्फरपुर में पॉक्सो एक्ट के एक मामले में आरोप पत्र लंबित रखने पर कोर्ट ने मुशहरी के तत्कालीन थानाध्यक्ष और एसएसपी पर रिकवरी वारंट जारी किया है। न्या ...और पढ़ें

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    थानाध्यक्ष से पांच हजार और एसएसपी से 10 हजार रुपये की वसूली का कोर्ट ने दिया आदेश। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। Muzaffarpur News:छह वर्ष से पाक्सो एक्ट के एक मामले का आरोप पत्र और फाइनल फार्म लंबित रखने के मामले में जुर्माना की राशि जमा नहीं करने पर विशेष कोर्ट पाक्सो एक्ट संख्या-एक के न्यायाधीश धीरेंद्र मिश्रा ने मुशहरी थानाध्यक्ष और एसएसपी पर रिकवरी वारंट जारी किया है।

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    आदेश का पालन न करने व मामले की कार्यवाही में जान बूझकर विलंब करने पर दोनों अधिकारियों से वसूली के लिए रिकवरी वारंट जारी करने का आदेश दिया है। वर्तमान थानाध्यक्ष द्वारा अंतिम प्रतिवेदन एक दिसंबर को दाखिल किया गया।

    थानाध्यक्ष ने विलंब का कारण बताया कि उनके पूर्व पदस्थापित थानाध्यक्ष रंजीत कुमार गुप्ता के कार्यकाल (10.02.2020 से 27.11.2025 तक) में कोई जांच अधिकारी नियुक्त नहीं था। 20 मई को आदेश का पालन न होने पर कोर्ट ने तत्कालीन थानाध्यक्ष एवं जांच अधिकारी पर पांच-पांच हजार रुपये जुर्माना किया था।

    एसएसपी को निर्देश दिया था कि वसूली होने तक संबंधित के वेतन को रोक दिया जाए। राशि को पीड़ित प्रतिकर योजना के निमित्त सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार में जमा कराया जाए। तीन तिथियां बीत जाने के बाद भी एसएसपी न तो आदेश का पालन सुनिश्चित कराया।

    न ही वसूली की कार्रवाई की। करीब बारह तिथियों तक यह मामला स्थगित होता रहा। तारीख पर तारीख पड़ती रही। 22 दिसंबर को 10 हजार रुपये का स्थगन व्यय अधिरोपित किया। न्यायालय ने पाया कि अंतिम प्रतिवेदन समर्पित होने के बावजूद अधिरोपित कुल 15 हजार रुपये की राशि अभी तक जमा नहीं की गई है।

    तत्कालीन थानाध्यक्ष रंजीत कुमार गुप्ता (वर्तमान में तरियानी छपरा, जिला शिवहर में पदस्थापित) और एसएसपी व्यय की राशि वसूल करने के लिए रिकवरी वारंट जारी करने का आदेश दिया गया है। कोर्ट ने जिलाधिकारी को निर्देश दिया कि वे संबंधित अधिकारियों से राशि की वसूली करें और इसे पीड़ित प्रतिकर योजना के तहत प्राधिकार के पक्ष में जमा कराकर न्यायालय को सूचित करें।

    आदेश की प्रति डीजीपी समेत अन्य उच्चाधिकारियों को भी भेजी गई है। अगली सुनवाई छह दिसंबर को होगी। विदित हो कि वैशाली जिले के एक व्यक्ति ने 2019 में कोर्ट में परिवाद दर्ज कराया था। परिवाद पर मुशहरी में प्राथमिकी हुई थी।

    इसमें बुधनगरा के मनीष कुमार, देवेंद्र शर्मा, सुरेंद्र शर्मा, रामसकल शर्मा समेत 12 लाेगों को आरोपित किया गया था। इसमें कहा था कि उनकी 16 वर्षीय पुत्री को तीन आरोपितों ने बहला फुसलाकर यौन शोषण किया।

    इसके बाद उसकी शादी आरोपित मनीष से कराई गई। इसके बाद सभी आरोपितों ने मिलकर उनकी पुत्री की 12 अप्रैल 2019 को हत्या कर दी। पूर्व में आरोपितों ने उनकी पुत्री का अश्लील वीडियो प्रसारित करने की भी धमकी दी थी।