Bihar: ब्रिटिशकालीन अभिलेखों का राज्य अभिलेखागार में होगा ट्रांसफर, निदेशालय की टीम ने किया निरीक्षण
मुजफ्फरपुर नगर निगम और कमिश्नरी अभिलेखागार में ऐतिहासिक अभिलेख असुरक्षित हैं। बिहार राज्य अभिलेखागार निदेशालय की टीम ने निरीक्षण किया। 1900 से पहले के ब्रिटिशकालीन और फारसी अभिलेख मिले पर धूल जमी थी। निदेशक ने इन्हें महत्वपूर्ण बताया और राज्य अभिलेखागार में हस्तांतरित करने की बात कही। निगम में 1938 के बैलगाड़ी और साइकिल कर से संबंधित अभिलेख मिले।

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। नगर निगम और कमिश्नरी अभिलेखागार में ऐतिहासिक व प्रशासनिक महत्व वाले हजारों अभिलेख हैं, जिन्हें संरक्षित एवं सुरक्षित करना आवश्यक है। बिहार राज्य अभिलेखागार निदेशालय की टीम ने मंगलवार को दोनों जगहों पर निरीक्षण किया। टीम का नेतृत्व निदेशक डॉ. मो.फैसल अब्दुल्लाह कर रहे थे। इस दौरान टीम ने प्रमंडलीय आयुक्त राजकुमार से भी मुलाकात की।
महत्वपूर्ण अभिलेखों को संरक्षित करने पर बिंदुवार चर्चा की। इसके बाद कमिश्नरी अभिलेखागार का निरीक्षण किया। वहां वर्ष 1900 व इससे पहले के ब्रिटिशकालीन व फारसी अभिलेख सुरक्षित मिले। हालांकि, रखरखाव के अभाव में इन पर धूल की मोटी परत जमी थी।
निदेशक ने बताया इन अभिलेखों का अवलोकन करने पर पाया कि यह वर्तमान समय में सभी दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। शोधार्थियों के लिए यह शोध के विषय हो सकते हैं। इसे सहेजने की आवश्यकता है। कई महत्वपूर्ण अभिलेखों की सूची भी तैयार की गई। इसके बाद आगे की प्रक्रिया होगी।
उन्होंने यह भी बताया कि आजादी से पूर्व से सभी अभिलेखों का अवलोकन किया जा रहा है ताकि इनमें से महत्वपूर्ण अभिलेखों को अलग कर राज्य अभिलेखागार में हस्तांतरित किया जा सके।
निगम में वर्ष 1938 के बैलगाड़ी व साइकिल कर से संबंधित अभिलेख मिले:
नगर निगम के अभिलेखागार की स्थिति दुरुस्त नहीं है। निरीक्षण के दौरान अभिलेख प्रकोष्ठ के प्रभारी ने टीम को आश्वस्त किया कि शीघ्र ही नए अभिलेखागार भवन का निर्माण पूरा हो जाएगा, इसमें सभी अभिलेखों को सुरक्षित रखा जाएगा। निदेशक ने बताया वर्ष 1938 में निगम भवन का निर्माण हुआ था।
उस समय के कई महत्वपूर्ण अभिलेख वहां पर उपलब्ध हैं। इसमें अंग्रेजी हुकूमत द्वारा वसूला जाने वाला बैलगाड़ी व साइकिल कर से संबंधित अभिलेख भी हैं। इसके अलावा, आजादी से पूर्व भवन निर्माण से संबंधित नक्शा, वार्ड व इसमें रहने वाले लोगों की जानकारी उपलब्ध है।
अभिलेख म्यूटेशन व किराया से संबंधित अभिलेख भी हैं। ये सभी वर्तमान समय में शोध का विषय बन सकते हैं। इसमें उस समय की काफी रोचक जानकारियां हैं। इनमें से ऐतिहासिक व प्रशासनिक महत्व वाले अभिलेख का चयन कर राज्य अभिलेखागार में हस्तांतरण किया जाएगा। टीम में सहायक अभिलेख निदेशक उदय कुमार ठाकुर, डॉ. रश्मि किरण, पुराभिलेखापाल राम कुमार सिंह व मो. असलम थे।
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