Muzaffarpur News: एसकेएमसीएच के लावारिस वार्ड में मरीजों की देखभाल और सफाई करेगी आउटसोर्सिंग एजेंसी
मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच में लावारिस मरीजों की देखभाल के लिए आउटसोर्सिंग कर्मी तैनात होंगे। अस्पताल प्रशासन ने सफाई व्यवस्था को भी दुरुस्त करने के निर्देश दिए हैं। प्राचार्य ने कहा कि एसकेएमसीएच प्रशासन बेसहारा लोगों के लिए हमेशा तत्पर है। दैनिक जागरण में खबर छपने के बाद प्रशासन ने इस मामले पर ध्यान दिया और तत्काल कार्रवाई की। अब लावारिस मरीजों को बेहतर देखभाल मिलेगी।

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। एसकेएमसीएच के लावारिस वार्ड में लावारिस मरीजों की देखभाल के लिए आउटसोर्सिंग एजेंसी के तहत कर्मी तैनात होंगे। इसके साथ ही वार्ड की सफाई के लिए अस्पताल कार्यरत सफाई एजेंसी सफाई करेगी।
यह आदेश एसकेएमसीएच के प्राचार्य सह अधीक्षक डा. आभा रानी सिन्हा ने उपाधीक्षक डा. सतीश कुमार सिंह को आदेश देते हुए तत्काल प्रभाव से लावारिस मरीजों को सुविधा बहाल करने का निर्देश दिया है। साथ ही लावारिस मरीजों को मर्ज के मुताबिक चिकित्सकों को प्रतिदिन इलाज करने को कहा है।
प्राचार्य सह अधीक्षक ने बताया है कि जिसका कोई नहीं है, उसके लिए एसकेएमसीएच प्रशासन सजग है। प्रदेश का पहला लावारिस वार्ड एसकेएमसीएच में है। जिसका लाभ लावारिस मरीजों को मिल रहा है।
उसकी सफाई और देखरेख की जवाबदेही भी अस्पताल प्रशासन की है, इसलिए उन्हें गंदगी में रखना और बिना देखभाल को छोड़ना उचित नहीं है। प्राचार्य सह अधीक्षक ने बताया कि उन्हें जानकारी नहीं थी।
अखबार के माध्यम से जानकारी हुई है। उन्होंने मामले को लेकर उपाधीक्षक और अस्पताल प्रबंधक से बातचीत की। इसके बाद उन्होंने लावारिस मरीजों को विशेष देखभाल का आदेश दिया है।
मालूम हो कि 11 सितंबर को दैनिक जागरण में राज्य का पहला लावारिस वार्ड ही लावारिस, सफाई होती न देखभाल शीर्षक से खबर प्रमुखता से छपी थी। जिसके बाद एसकेएमसीएच प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए लावारिस मरीजों को इलाज के प्रति संवेदना दिखाई है।
चिकनगुनिया पर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट,गाइडलाइन जारी
मुजफ्फरपुर : डेंगू और चिकनगुनिया के बढ़ते खतरे को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी जिलों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। इसकी जानकारी देते हुए जिला वेक्टरजनित रोग पदाधिकारी डा. सुधीर कुमार ने कहा कि गाइडलाइन में स्पष्ट किया गया है कि माडल अस्पताल व एसकेएमसीएच में डेंगू मरीजों के लिए अलग आइसोलेशन वार्ड बनाया जाएगा। शहरी क्षेत्रों में नगर निगम द्वारा नियमित फागिंग कराने की योजना पर जोर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि नवंबर तक का समय डेंगू संक्रमण के लिए अनुकूल माना जाता है। नगर निगम, आशा और संबंधित विभागों की संयुक्त टीम बनाकर लार्वा को खत्म करने का अभियान चलाया जाएगा। इसके साथ पीएचसी से लेकर माडल अस्पताल तक नोडल अधिकारी नामित करते हुए प्लेटलेट्स की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।
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