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    Muzaffarpur News: एसकेएमसीएच में प्रसूता के स्वजन से 800 लेने वाली नर्स निलंबित, डीएम ने की कार्रवाई

    By Keshav pandeyEdited By: Ajit kumar
    Updated: Thu, 04 Dec 2025 01:37 PM (IST)

    Muzaffarpur News: मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच में प्रसव विभाग में तैनात नर्स छाया कुमारी को रिश्वत लेने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। जिलाधिकारी द् ...और पढ़ें

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    जांच कमेटी की रिपोर्ट के बाद यह कार्रवाई की गई। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। Muzaffarpur News: डीएम सुब्रत कुमार सेन ने श्रीकृष्ण मेडिकल कालेज अस्पताल (SKMCH) के प्रसव विभाग में तैनात नर्स द्वारा रिश्वत लेने के मामले की पुष्टि होने पर छाया कुमारी (श्रेणी “ए”) को निलंबित कर दिया। इसके साथ ही आरोप पत्र गठित करने का निर्देश दिया है।

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    डीएम ने बताया कि एसकेएमसीएच के प्रसव विभाग में ड्यूटी पर तैनात नर्स छाया कुमारी पर 28 अक्टूबर को एक मरीज के परिजन से रिश्वत लेने का आरोप लगाया गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए उन्होंने जांच कमेटी का गठन किया गया, ताकि मामले की सच्चाई का पता लगाया जा सके।

    जांच समिति ने पूरे प्रकरण की विस्तृत जांच की। इसमें गवाहों के बयान, तथ्यों का सत्यापन, साक्ष्यों का अवलोकन तथा आरोपित नर्स की गतिविधियों की समीक्षा शामिल थी। समिति की रिपोर्ट में नर्स द्वारा रिश्वत लेने का आरोप सही पाया गया। जिसके बाद एसकेएमसीएच की नर्स छाया कुमारी के भ्रष्ट आचरण को गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई की गई।

    आरोपी नर्स को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। यह कार्रवाई बिहार सरकारी सेवक (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियमावली 2005 के नियम 9 के तहत की गई है। साथ ही, संबंधित नर्स के विरुद्ध आरोप गठित करने का निर्देश दिया गया है। ताकि विभागीय कार्यवाही का संचालन किया जा सके।

    एसकेएमसीएच के अधीक्षक द्वारा इस संबंध में विधिवत आदेश निर्गत कर दिया गया है। डीएम सुब्रत कुमार सेन ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि जिले के किसी भी अस्पताल में भ्रष्टाचार, अनियमितता या मरीजों से अनैतिक व्यवहार किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं होगा।

    उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पतालों में आने वाला हर मरीज सम्मान, संवेदना और गुणवत्तापूर्ण इलाज पाने का हकदार है। स्वास्थ्यकर्मियों का दायित्व है कि वे सेवा भावना और समर्पण के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें।

    यदि कोई पदाधिकारी या कर्मचारी इस आचरण से विचलित होता है और सरकारी कार्य में लापरवाही या भ्रष्ट आचरण करता है तो उसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई अनिवार्य रूप से की जाएगी।