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    Bihar Bhumi: अब परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण के साथ होगा दाखिल-खारिज, अवैध खरीद-बिक्री पर लगेगी रोक

    मुजफ्फरपुर में भूमि अधिग्रहण को लेकर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने म्यूटेशन पोर्टल बनाया है। अब अधिग्रहण के साथ ही दाखिल खारिज की प्रक्रिया शुरू होगी जिसकी जिम्मेदारी भू-अर्जन विभाग को दी गई है। पहले दाखिल खारिज नहीं होने से भू-माफिया जमीन बेच देते थे जिसपर अब रोक लगेगी। मुजफ्फरपुर-बरौनी एनएच की जमीन का दाखिल खारिज नहीं होने से उसे बेच दिया गया था।

    By babul deep Edited By: Rajat Mourya Updated: Tue, 26 Aug 2025 09:34 PM (IST)
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    अब परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण के साथ होगा दाखिल खारिज

    बाबुल दीप, मुजफ्फरपुर। विभिन्न परियोजनाओं को लेकर बड़े पैमाने पर निजी भूमि का अधिग्रहण किया जाता है, लेकिन जिस विभाग के लिए इसका अधिग्रहण किया जाता है, वह इस भूमि का दाखिल खारिज कराने में देरी कर देता है। इससे कई जगहों पर अधिग्रहित भूमि की बिक्री का मामला भी सामने आया है।

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    इसे देखते हुए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की ओर म्यूटेशन पोर्टल विकसित किया गया है। इसके माध्यम से अब अधिग्रहण के साथ दाखिल खारिज की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी और अधियाची विभाग को स्वयं दाखिल खारिज कराने की जवाबदेही नहीं होगी।

    यह जिम्मेदारी भू-अर्जन विभाग को सौंपी गई है, क्योंकि जमीन अधिग्रहण की सभी प्रक्रिया इसी विभाग से की जाती है, इसलिए अधिग्रहण के साथ ही भू-अर्जन विभाग द्वारा इस पोर्टल पर जमीन से संबंधित पूरा ब्योरा अपलोड कर दिया जाएगा। यह सीधे संबंधित अंचल के सीओ के पोर्टल पर दिखने लगेगा।

    इसके बाद आगे की प्रक्रिया सीओ के स्तर से होगी। यानी अधिग्रहण की प्रक्रिया के साथ एक से दो माह के अंदर दाखिल खारिज भी अधियाची विभाग के नाम से हो जाएगा।

    अवैध खरीद-बिक्री पर लगेगी रोक:

    दरअसल, हाल के दिनों विभिन्न परियोजनाओं के लिए अधिग्रहित की गई भूमि का दाखिल खारिज नहीं होने से भू-माफिया ने इसे बेच दिया। अब संबंधित अधियाची विभाग को दखल कब्जा में परेशानी हो रही है। इसे देखते हुए दाखिल खारिज प्रक्रिया की जवाबदेही भू-अर्जन विभाग को सौंप दी गई है।

    एनएचएआई से लेकर आरसीडी की बिक रही जमीन:

    मुजफ्फरपुर-बरौनी एनएच निर्माण के लिए वर्ष 1982-63 में अधिग्रहित भूमि को रामदयालु से लेकर कच्ची पक्की तक भू-माफिया ने बेच डाली। इसका दाखिल खारिज एनएचएआई ने नहीं कराया था। अब फोरलेन बनाने के लिए दखल कब्जा प्राप्त करने के लिए एनएचएआई जद्दोजहद कर रहा है। इसी प्रकार पुरानी मोतिहारी रोड में भी आरसीडी की भूमि बेचने व अतिक्रमण कर पक्का निर्माण करने का मामला सामने आ चुका है।

    पोर्टल से इन परियोजनाओं का हुआ दाखिल खारिज:

    • बेला स्थित बियाडा क्षेत्र के लिए अधिग्रहित भूमि का दाखिल खारिज इस पोर्टल से किया गया।
    • मुजफ्फरपुर-दरभंगा फोरलेन के लिए भी अधिग्रहण भूमि के दाखिल खारिज की प्रक्रिया पूर्ण।
    • कांटी स्थित आवास बोर्ड के लिए अधिग्रहण की गई जमीन के दाखिल खारिज की प्रक्रिया पूरी।

    इन परियोजनाओं के लिए अभी दाखिल खारिज होना शेष:

    • मझौली-चोरौत के लिए करीब 99 हेक्टेयर भूमि का नहीं हुआ है दाखिल खारिज।
    • मुजफ्फरपुर-हाजीपुर नए बायपास के लिए 36 मौजा में किया गया है अधिग्रहण।
    • मुजफ्फरपुर-बरौनी एनएच के 1962-63 में अधिग्रहण की भूमि का नहीं हुआ दाखिल खारिज।
    • साहेबगंज-मानिकपुर फोरलेन के लिए भी अधिग्रहित भूमि के दाखिल खारिज की चल रही प्रक्रिया।
    • हाजीपुर-सुगौली नई रेललाइन के लिए अधिग्रहण पूरा, लेकिन नहीं हुआ दाखिल खारिज।