Muzaffarpur News: डीएम साहब, डेडलाइन का 1 दिन बीता; अब तक नहीं भरे 35 लाख रुपये से बनी सड़क के गड्ढे
मुजफ्फरपुर में ग्रामीण कार्य विभाग को जर्जर सड़कों की मरम्मत और गड्ढे भरने की डीएम की डेडलाइन 15 सितंबर को खत्म हो गई लेकिन विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की। शेरपुर से शेरपुर चौक तक की सड़क जो 2020 में 35 लाख रुपये से बनी जलनिकासी के अभाव में टूट गई। जलजमाव और दुर्गंध से लोग परेशान हैं। सरपंच ने मरम्मत न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। ग्रामीण कार्य विभाग अंतर्गत सभी जर्जर सड़कों की मरम्मत करने और गड्ढा भरने का डीएम की डेडलाइन समाप्त हुए एक दिन बीत गया, लेकिन विभाग के पदाधिकारियों ने संज्ञान लेना उचित नहीं समझा। नतीजा आदेश विभाग के पदाधिकारियों पर बेअसर साबित हुआ।
15 सितंबर तक उन्होंने सड़कों पर गड्ढे भरने की डेडलाइन तय की थी। ग्रामीण कार्य विभाग के पदाधिकारी वहां झांकने तक नहीं गए। सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों की तो छोड़ दें शहर से सटे इलाकों की सड़कों की स्थिति नारकीय है।
दरअसल, शेरपुर मिडिल स्कूल से लेकर शेरपुर चौक तक वर्ष 2020 में करीब 35 लाख रुपये से ग्रामीण कार्य विभाग ने सड़क का निर्माण कराया था। बनने के मात्र दो साल बाद ही ये सड़क जगह-जगह से टूटने लगी, क्योंकि इस मार्ग में जलनिकासी का प्रबंध नहीं किया गया था।
बिना नाला के ही सड़क बना दी गई। हल्की बारिश में भी जलजमाव होने लगा। अब स्थिति यह है कि सालोंभर इस सड़क पर जलजमाव की समस्या रहती है, जबकि समस्तीपुर व एनएच-28 से आने वाले लोगों के लिए यह शहर में प्रवेश करने का अब प्रमुख मार्ग है। इसके बाद भी ग्रामीण कार्य विभाग के पदाधिकारी सुस्त पड़े हैं।
आंदोलन व सड़क जाम पर मरम्मत के नाम पर खानापूरी:
स्थानीय सरपंच नंदन कुमार झा ने कई बार जिले से लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय तक को पत्र लिखकर इस जर्जर सड़क को बनाने की मांग की गई, लेकिन सुनवाई नहीं हुई।
पिछले वर्ष आक्रोशित होकर लोगों ने सड़क जाम कर आंदोलन शुरू किया तो ग्रामीण कार्य विभाग के पदाधिकारी पहुंचे और मरम्मत के नाम पर खानापूरी कर चले गए। इसके बाद फिर दो दिनों की बारिश में परतें उखड़ गईं।
अब स्थिति यह है महीनों से जमा पानी काला पड़ चुका है। तेज दुर्गंध आती है। बीमारी पनपने की भी आशंका है। इससे लोग डरे सहमे हैं। सरपंच ने कहा शीघ्र मरम्मत नहीं कराई गई तो फिर आंदोलन किया जाएगा।
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