Bihar Bhumi: अब इन लोगों को ही मिलेगा जमीन का मुआवजा, विभाग ने जारी किया नया निर्देश
मुजफ्फरपुर में भूमि अधिग्रहण को लेकर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने बड़ा बदलाव किया है। अब वास्तविक दखल-कब्जा के आधार पर भी भुगतान होगा भले ही कागजों में कुछ और दर्ज हो। यह नियम अतिक्रमणकारियों पर लागू नहीं होगा। चकबंदी खतियान और जमाबंदी में विसंगति होने पर वास्तविक कब्जे को प्राथमिकता दी जाएगी। इससे भूमि अधिग्रहण के मामलों में आने वाली बाधाएं कम होंगी।

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। जमीन के अधिग्रहण में सबसे बड़ी बाधा उसमें विवाद के कारण आती है। इसे देखते हुए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने कुछ बदलाव किया है। इसके अनुसार वास्तविक दखल-कब्जा के आधार पर भी अधिग्रहण का भुगतान किया जाएगा। बशर्ते कि संबंधित व्यक्ति खेसरा का अतिक्रमणकारी नहीं हो।
इस संबंध में विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने सभी समाहर्ता को यह निर्देश जारी किया है। इसके अनुसार चकबंदी खतियान, जमाबंदी और वास्तविक दखल-कब्जा में विसंगति होने पर वास्तविक दखल-कब्जा को ही निर्णायक माना जाएगा।
अपर मुख्य सचिव के निर्देश के अनुसार, यदि अर्जित किए जा रहे खेत या उसके अंश पर किसी रैयत का वास्तविक रूप से कब्जा है, तो उसे ही सही रैयत मानते हुए भुगतान की कार्रवाई की जाएगी। वहीं यह तभी लागू होगा जब संबंधित व्यक्ति उस खेसरे का अतिक्रमणकारी नहीं हो।
साथ ही संबंधित खेसरे पर उसका स्वामित्व चकबंदी से पहले के कैडस्ट्रल सर्वे या रिवीजनल सर्वे खतियान या उसके आधार पर हुए लेनदेन हुआ हो। इन सभी मामलों में, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी को एक आदेश पारित करना होगा।
इसमें स्पष्ट किया जाएगा कि चकबंदी खतियान या जमाबंदी के आधार पर स्थिति भिन्न होने के बावजूद जिस रैयत का दखल कब्जा है, उसे सही रैयत क्यों माना जा रहा है और भुगतान क्यों किया जा रहा है। विधि विभाग से सलाह के बाद यह निर्णय लिया गया है।
अपर मुख्य सचिव ने जारी पत्र में लिखा है कि चकबंदी चल रहे गांवों में संपुष्ट चकबंदी योजना को अंतिम खतियान माना जाता है। यह अद्यतन अधिकार अभिलेख में परिवर्तित हो जाता है। इसके बाद भी पंजी दो की जमाबंदी कैडस्ट्रल या रिवीजनल खतियान के अनुसार चल रही है।
राज्य के 5657 गांवों में जहां चकबंदी की कार्रवाई शुरू की गई है, वहां अधिकतर मामलों में यह विसंगति है। इसे देखते हुए नियम में संशोधन किया गया है। इस निर्देश से भूमि अधिग्रहण के मामले में बाधा कम होगी।
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