Updated: Thu, 03 Jul 2025 02:52 PM (IST)
मुजफ्फरपुर के मोतीपुर में अनुमंडलीय व्यवहार न्यायालय के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। जिला अवर निबंधक ने भूमि की दरें तय कर दी हैं जिसके आधार पर रैयतों को मुआवजा दिया जाएगा। रतनपुरा मौजा में 5.89 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया गया है। न्यायालय बनने से पश्चिमी क्षेत्र के लोगों को सुविधा मिलेगी और जिला न्यायालय पर बोझ कम होगा।
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। मोतीपुर में बनने वाले अनुमंडलीय (पश्चिमी) व्यवहार न्यायालय के लिए अर्जित की जाने वाली भूमि की दर का निर्धारण कर दिया गया है। जिला अवर निबंधक ने जिला भू-अर्जन पदाधिकारी को एमवीआर (मिनिमम वैल्यू रेट) तय करते हुए रिपोर्ट सौंपी है।
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अब इसी आधार पर रैयतों को मुआवजा भुगतान किया जाएगा। आगे की प्रक्रिया जिला भू-अर्जन कार्यालय की ओर से होगी। इसके लिए मोतीपुर प्रखंड अंतर्गत मौजा रतनपुरा में 5.89 एकड़ निजी भूमि का अधिग्रहण किया गया है। रैयतों के कागजात का सत्यापन करते हुए शिविर लगाकर मुआवजा भुगतान की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
जिला अवर निबंधक की ओर से मौजा रतनपुरा में पिछले तीन साल के अंदर हुई जमीन की खरीद-बिक्री को ध्यान में रखकर उसी अनुसार दर निर्धारण किया गया है ताकि किसी रैयतों को दिक्कत नहीं हो। इसके लिए व्यावसायिक, आवासीय, विकासशील, दो फसला व एक फसला भूमि की दर निर्धारित की गई है।
भूमि अधिग्रहण पर करीब नौ करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस राशि के आवंटन की प्रशासनिक स्वीकृति पूर्व में ही मिल चुकी है। पिछले दिनों मोतीपुर अंचल कार्यालय में रैयतों के साथ जनसुनवाई की भी प्रक्रिया हुई थी। इसमें रैयतों की ओर से सहमति दी गई थी। यहां व्यवहार न्यायालय के साथ न्यायिक आवासीय भवनों का भी निर्माण भी होगा।
इसके खुलने से जिला एवं सत्र न्यायालय से केस का बोझ कम होगा। पश्चिमी क्षेत्र के सभी मामलों की सुनवाई अनुमंडल व्यवहार न्यायालय में होगी। इससे साहेबगंज, मोतीपुर, देवरिया, पारू समेत अन्य पश्चिमी इलाके के लोगों को सहूलियत होगी।
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