Updated: Mon, 29 Sep 2025 08:50 AM (IST)
मुजफ्फरपुर में नवरात्र के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा हुई और माता दुर्गा को सपरिवार धरती पर बुलाने के लिए बेल निमंत्रण दिया गया। शहर के सभी देवी मंदिरों में भक्त दर्शन के लिए उमड़े। विभिन्न पूजा पंडालों में बेल के पेड़ के पास निमंत्रण की पूजा की गई। शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक पंडाल निर्माण कार्य अंतिम चरण में है।
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। नवरात्र के छठे दिन तीन नेत्रों वाली मां कात्यायनी की धूमधाम से पूजा हुई। सोमवार को मां कालरात्रि की पूजा होगी। जिले के सभी पूजा पंडालों में रविवार को मां कात्यायनी की पूजा के बाद माता दुर्गा को सपरिवार धरती पर बुलाने के लिए बेल निमंत्रण दिया गया। सोमवार को मां के नेत्रपट खुल जाएंगे। उसके बाद श्रद्धालु मां का दर्शन पाएंगे।
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शहर के सभी देवी मंदिरों में शाम होते ही भक्त मां के दर्शन के लिए उमड़ पड़े। रमना स्थित देवी मंदिर, हरिसभा चौक पूजा पंडाल, कल्भ्याणी, मोतीझील, दुर्गा स्थान गोला रोड, पंकज मार्केट, धर्मशाला चौक, महेश बाबू चौक स्थित महामाया स्थान, लकड़ीढ़ाही चौक दुर्गा पूजा समिति, रामदयालु समेत अन्य सभी पूजा पंडालों में माता दुर्गा को सपरिवार बुलाने व उनकी पूजा से यश, बल, बुद्धि में वृद्धि के लिए बेल निमंत्रण दिया गया। कई जगहों पर शोभायात्रा निकाली गई।
पंडितों ने बेल के पेड़ के पास जाकर निमंत्रण की पूजा की। हरिसभा दुर्गा पूजा समिति के अनिकेत ने बताया महिलाएं संतान के लिए उपवास रखती हैं और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र तक सभी जगहों पर पंडाल फाइनल स्टेज में हैं।
पंकज मार्केट, अघोरिया बाजार चौक के पास पूजा पंडाल अभी अधूरे हैं। कल्याणी, मोतीझील सहित अन्य जगहों का भी वही हाल है। कई पंडालों में 70 से 80 प्रतिशत ही कार्य हो सका है। जूरन छपरा, ब्रह्मपुरा स्थित दुर्गा स्थान मंदिर में बेल निमंत्रण दिया गया।
जिले में हरिसभा पूजा समिति में मां का पट एक दिन पहले ही खुल गया। देवी मंदिर के पुजारी आचार्य डॉ. धर्मेंद्र तिवारी, मां महामाया स्थान के महंत संजय ओझा, पंडित प्रभात मिश्र ने कहा कि बेल निमंत्रण देकर मां को सपरिवार बुलाया गया है।
वैष्णो देवी गन्नीपुर मंदिर के महंत अंबरिश शर्मा ने बताया कि मां का पट सोमवार की सुबह में खुल जाएगा। बगलामुखी मंदिर के महंत देव राज ने कहा कि सप्तमी से मां के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। सिंदूर, दूब के साथ प्रसाद चढ़ाने की भीड़ होती है। शाम को महिलाओं ने दीप जलाकर मां की पूजा-अर्चना की।
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