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    Muzaffarpur News: बिहार के लाल ने ब्रिटेन में गाड़ा झंडा, सांसद बन लोगों को चौंकाया, इस विभाग में कर रहे थे नौकरी

    By Jagran NewsEdited By: Sanjeev Kumar
    Updated: Sat, 06 Jul 2024 09:10 PM (IST)

    Kanishka Narayan ब्रिटेन के संसदीय चुनावों में ऋषि सुनक के सत्ता खोने से बहुत से भारतीयों को निराशा हुई होगी। लेकिन उत्तर बिहार का एक शहर मुजफ्फरपुर अपने बेटे की सफलता का जश्न मना रहा है। जी हां हम बात कर रहे हैं कनिष्क नारायण की जिन्होंने ब्रिटेन में सांसद का चुनाव जीतकर पूरे देश का भी नाम रोशन कर दिया।

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    बिहार के लाल कनिष्क नारायण ब्रिटेन में बने संसद (जागरण)

    जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। Muzaffarpur News: शहर से जुड़े कनिष्क नारायण इंग्लैंड में एमपी बने हैं। वह यूके (यूनाइटेड किंगडम) के वेल्स से लेबर पार्टी के उम्मीदवार के रूप सांसद निर्वाचित हुए हैं। कनिष्क नारायण (Kanishka Narayan) के चाचा और एसकजे ला कालेज के निदेशक जयंत कुमार ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कनिष्क के पिता संतोष कुमार और माता चेतना सिन्हा दोनों यूके के वेल्स के कार्डिफ में सालिसिटर हैं।

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    ऐसी रही है कनिष्क नारायण की पढ़ाई-लिखाई

    उनका मूल निवास दामूचक स्थित सोधों हाउस है। कनिष्क नारायण ब्रिटेन में रहने वाले एशियाई मूल के अल्पसंख्यक पृष्ठभूमि के साथ छात्रवृत्ति के साथ इटेन, आक्सफोर्ड व स्टैनफोर्ड अमेरिका से पढ़ाई पूरी की। इटेन लंदन का सबसे प्रसिद्ध स्कूल है। यहीं से भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने भी पढ़ाई की थी। आक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र की पढ़ाई करने के बाद कनिष्क अमेरिका के स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से आगे की पढ़ाई पूरी की।

    सिविल सर्विसेज में भी काम किया

    वहां से मैनेजमेंट की पढ़ाई करने के बाद प्राइवेट कंपनी में नौकरी की। इसके बाद सिविल सर्विस में आ गए। सिविल सेवा के बाद उन्होंने राजनीति में कदम रखा। कनिष्क ने लोकसेवक के रूप में पूर्व ब्रिटिश प्रधान मंत्री डेविड कैमरन के साथ पर्यावरण विभाग में कार्य किया। वहीं लिजट्स के अधीन भी कार्य करने का अवसर मिला। कनिष्क की इस उपलब्धि पर शहर के साथ-साथ देश के अन्य हिस्सों से बधाई संदेश प्राप्त हो रहे हैं। जयंत कुमार ने बताया कि वह तीन भाई हैं। कनिष्क्स सबसे छोटे भाई के पुत्र हैं।

    करीब 22 वर्ष पहले कनिष्क के माता-पिता गए लंदन

    जयंत कुमार ने बताया कि करीब 22 वर्ष पहले उनके भाई लंदन चले गए। उस वक्त भतीजे कनिष्क नारायण की उम्र करीब 12 वर्ष की थी। करीब दो महीने पहले ही लंदन से पूरा परिवार यहां पूजा में आया था। उनका अपनी जन्मभूमि से गहरा नाता है।

    जब भी यहां से बुलावा जाता है वे सपरिवार शामिल होते हैं। बताया कि वे लोग छठ लंदन में ही मनाते हैं। लंदन में कई परिवारों के साथ मिलकर वहां छठ मनाते हैं। बेतिया के रहने वाले चिकित्सक परिवार समेत अन्य के सहयोग से वे वहीं इसका आयोजन करते हैं। लंदन में ही सभी ने मिलकर एक मंदिर का निर्माण कराया है। कनिष्क इसके सदस्य हैं।

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