Muzaffarpur News: रात होते ही लोगों की पहुंच से दूर हो जाता इमरजेंसी काल बाक्स, पैनिक बटन दबाने पर नहीं मिलेगी मदद
शहरवासियों को आपात स्थिति में त्वरित मदद के लिए स्मार्ट सिटी योजना के तहत शहर में 31 स्थानों पर इमरजेंसी काल बाक्स लगाए गए हैं। यहां रात नौ से सुबह आठ बजे तक कर्मचारी नहीं होते हैं। इसकी वजह से नियंत्रण कक्ष काम नहीं करता है। पैनिक बटन दबाने पर लोगों को किसी भी तरह की मदद नहीं मिलेगी।

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। देर रात आपात स्थिति उत्पन्न होने पर आपकी मदद के लिए शहर में लगाए गए इमरजेंसी काल बाक्स काम नहीं आएंगे। रात नौ से सुबह आठ बजे तक शहर में लगाए गए इमरजेंसी काल बाक्स के पैनिक बटन को मदद के लिए आप दबाते रह जाएंगे, कोई सुनने वाला नहीं मिलेगा।
कारण, इंटीग्रेटेड कमांड एवं कंट्रोल सेंटर स्थित नियंत्रण कक्ष में रात नौ से सुबह आठ बजे तक किसी कर्मचारी की तैनाती ही नहीं है। दिन में भी आपकी मदद की गुहार को कोई सुन ले, यह जरूरी नहीं, क्योंकि कंपनी बाग स्थित इंटीग्रेटेड कमांड एवं कंट्रोल भवन में आपात स्थिति में त्वरित मदद के लिए बने नियंत्रण कक्ष में अलग से किसी कर्मचारी या आपरेटर की प्रतिनियुक्ति नहीं है।
यातायात नियंत्रण कक्ष में तैनात पुलिस कर्मी या सेंटर के मास्टर सिस्टम इंटीग्रेटर के कर्मचारी की नजर चली गई तो मदद मिलेगी, अन्यथा नहीं। ऐसे में आपात स्थिति में लोगों को त्वरित मदद उपलब्ध कराने के लिए लाखों रुपये खर्च कर लगाए गए सिस्टम की उपयोगिता पर सवाल उठ रहे हैं।
बताते चलें कि शहरवासियों को आपात स्थिति में त्वरित मदद के लिए स्मार्ट सिटी योजना के तहत शहर में 31 स्थानों पर इमरजेंसी काल बाक्स लगाए गए हैं। इनका संचालन नगर भवन के बगल में स्थित इंटीग्रेटेड कमांड एवं कंट्रोल सेंटर से किया जाता है।
सिस्टम 24 घंटे चालू रहे, इसके लिए नियंत्रण कक्ष में किसी की तैनाती नहीं की गई है। बताते चलें कि आपात स्थिति में मदद की दरकार होने पर जब कोई व्यक्ति इमरजेंसी काल बाक्स में लगे पैनिक बटन को दबाएगा, नियंत्रण कक्ष में लगी लाइट संकेत देने लगती है और मदद मांगने वाले की तस्वीर दिखने लगती है।
नियंत्रण में लगा सिस्टम मदद मांगने वाले व्यक्ति का लोकेशन दिखाने लगता है। ऐसे में कमांड सेंटर में तैनात कर्मचारी मदद मांगने वाले से बाक्स से संवाद स्थापित कर संबंधित क्षेत्र के पुलिस थाना या मोबाइल को जानकारी देकर मदद करा सकते हैं।
इसका लाभ शहरवासियों को मिले, इसके लिए नियंत्रण कक्ष में 24 घंटे सातों दिन कर्मचारी की मौजूदगी जरूरी है, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा। वर्तमान में नियंत्रण कक्ष में अलग से इसके लिए कर्मचारी तैनात नहीं किया गया है।
बेवजह बटन दबा लोगों ने किया परेशान
स्मार्ट सिटी कंपनी के सीनियर मैनेजर टेक्निकल ने कहा कि कई बार लोग इमरजेंसी काल बाक्स के बटन को दबाकर परेशान करते हैं। बटन दबाने के बाद वे कुछ नहीं बोलते। इससे नियंत्रण कक्ष में मौजूद मास्टर सिस्टम इंटीग्रेटर के कर्मचारी को परेशानी होती है। अब तक किसी ने मदद के लिए इसका उपयोग नहीं किया। बेवजह परेशान करने के लिए जरूर बटन को दबाया।
प्रचार-प्रसार की कमी
शहर के अधिकतर लोगों को स्मार्ट सिटी कंपनी द्वारा उपलब्ध कराई गई सुविधा की जानकारी नहीं है। महापौर निर्मला देवी ने स्मार्ट सिटी कंपनी के पदाधिकारियों को कई बार इसके प्रचार-प्रसार के लिए कहा, लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिया। उन्होंने जहां यह बाक्स लगा है, जानकारी देने वाला बोर्ड लगाने को कहा था, उस पर भी अमल नहीं हो सका।
इन स्थानों पर लगे हैं काल बाक्स
इमलीचटटी चौराहा, रामबाग चौक, इमली चौक, शेरपुर नारायणपुर, कंपनीबाग, बनारस बैंक चौक, ब्रह्मपुरा लक्ष्मी चौक, जूरन छपरा डीएम आवास के पास, अखाड़ाघाट रोड, सिकंदरपुर स्टेडियम, पक्कीसराय चौक, हाथी चौक, पानी टंकी चौक, हरिसभा चौक, मिठनपुरा चौक, कलमबाग चौक, छाता चौक, माड़ीपुर चौक, सदर अस्पताल चौक, पुरानी बाजार चौक, पुरानी नाका मोड़, अतरदह रोड, गोशाला चौक, कन्हौली चौक, फरदो गोला, जीरोमाइल चौक, जेल चौक, सिकंदरपुर चौक, पावर हाउस और बैरिया बस स्टैंड।
नियंत्रण कक्ष में मास्टर सिस्टम इंटीग्रेटर के कर्मचारी दिन में मौजूद रहते हैं। सिग्नल मिलते ही वह सहायता मांगने वाले का संज्ञान लेते हैं। रात में भी यहां कर्मचारी की तैनाती हो, इसके लिए प्रयास किया जा रहा है।
प्रेम देव शर्मा, सीनियर मैनेजर टेक्निकल, स्मार्ट सिटी कंपनी
शहरवासियों के लिए यह सिस्टम मददगार साबित होगा। इसे ठीक से संचालित किया जाना चाहिए। शहरवासियों को भी बेवजह बटन दबाकर परेशान नहीं करना चाहिए। इस सुविधा की जानकारी शहरवासियों को हो, इसके लिए प्रचार-प्रसार किया जाएगा। 24 घंटे यहां कर्मचारियों की तैनाती रहे, इसके लिए नगर आयुक्त से बात करूंगी।
निर्मला देवी, महापौर
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