Muzaffarpur News: शहर के सभी दुकानों के लिए जारी हुआ नया आदेश, अगर नहीं किया इस नियम का पालन तो रद हो जाएगा लाइसेंस
मुजफ्फरपुर में शहरी क्षेत्र के सभी दुकानदारों को दुकान के अंदर और बाहर कूड़ेदान रखना अनिवार्य कर दिया गया है। नगर आयुक्त विक्रम विरकर ने आदेश जारी करते हुए कहा कि उल्लंघन करने पर दुकानदारों का लाइसेंस रद कर दिया जाएगा। यह कदम शहर को स्वच्छ रखने के उद्देश्य से उठाया गया है। ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियमावली 2016 के तहत उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना भी लगाया जाएगा।

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। शहरी क्षेत्र स्थित सभी दुकानदारों को अब अनिवार्य रूप से दुकान परिसर के अंदर व बाहर (ग्राहकों के लिए) कूड़ेदान रखना होगा।
दुकान से निकलने वाले कचरे के साथ ग्राहकों द्वारा उत्सर्जित कचरे को इसमें डालना होगा और नियमित रूप से नगर निगम की कूड़ा संग्रहण प्रणाली में जमा कचरे को डालना होगा। नाले व खुले में कचरा नहीं डालना है।
शनिवार को नगर आयुक्त विक्रम विरकर ने आदेश जारी किया है। उन्होंने कहा है कि ऐसा नहीं करने पर दुकानदारों का व्यापार लाइसेंस रद किया जाएगा।
आदेश में कहा है कि प्रायः देखा जा रहा है कि कई व्यक्ति नाले के ऊपर अतिक्रमण कर रहे हैं। घर व दुकान के आस-पास के नालों में कूड़ा-कचरा, पालीथिन, निर्माण सामग्री व अन्य अनुपयोगी वस्तुएं डाली जा रही हैं। इससे नालों का अवरुद्ध होना, जलनिकासी में बाधा, बीमारियों का फैलना व जनजीवन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।
यह कृत्य बिहार नगरपालिका अधिनियम-2007 तथा स्वच्छ भारत अभियान के प्रविधानों का उल्लंघन है। उन्होंने तत्काल प्रभाव से नाले के ऊपर किए गए सभी प्रकार के अतिक्रमण को तीन दिनों के अंदर हटाने, घर व दुकानों के आस-पास के नालों में किसी भी प्रकार का कूड़ा-कचरा, मलबा या अन्य वस्तुएं नहीं डालने का सख्त निर्देश दिया है।
उल्लंघन करते मिलने पर ये होगी कार्रवाई
अतिक्रमण के विरुद्ध कार्रवाई- बिहार नगरपालिका अधिनियम-2007 की धारा-205 व 435 के तहत अतिक्रमण हटाने की लागत संबंधित व्यक्ति से वसूली जाएगी। इसके अलावा भारी जुर्माना लगाया जाएगा और आवश्यकतानुसार कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।
कूड़ा-कचरा डालने पर दंड
कचरे को निर्धारित स्थान पर नहीं रखकर उसे नाले में फेंकने पर ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियमावली 2016 में किए गए प्रविधानों के तहत निर्धारित जुर्माना लगाया जाएगा, जिसकी राशि नगर निगम के संबंधित उपनियमों के अनुसार होगी। बार-बार उल्लंघन करने पर जुर्माना की राशि में वृद्धि व विधिक कार्रवाई की जाएगी।
कूड़ेदान नहीं रखने पर दंड
दुकानों में कूड़ेदान रखने के आदेश का उल्लंघन करने वाले दुकानदारों का व्यापार लाइसेंस रद किया जाएगा।
अंचल व वार्ड निरीक्षक करेंगे जुर्माना
नगर आयुक्त ने कहा यह कदम स्वच्छ एवं स्वस्थ मुजफ्फरपुर बनाने के लिए उठाया गया है। निगरानी व जुर्माना लगाने का जिम्मा सभी अंचल निरीक्षक एवं वार्ड निरीक्षकों को दिया गया है।
नगर आयुक्त ने आदेश में नियम का उल्लंघन करने वाले संबंधितों पर जुर्माना लगाकर प्राप्त राशि को निगम के खजाने में जमा कराने का कहा है।
ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियमावली 2016 में किए गए प्रविधानों के तहत निर्धारित जुर्माना
रेस्तरां, गेस्ट हाउस, होस्टल, स्टार होटल या समकक्ष होटल, व्यावसायिक कार्यालय, सरकारी कार्यालय, बैंक, बीमा कार्यालय, शैक्षणिक संस्थान, क्लीनिक, औषधालय, प्रयोगशालाएं, अस्पताल, कोल्ड स्टोरेज, गोदाम, भंडारण क्षेत्र जहां बड़े पैमाने पर कचरा उत्पन्न होता है। विवाह भवन भवन, इवेंट हाल, प्रदर्शनी और मेले व अन्य कोई भी प्रतिष्ठान जहां काफी मात्रा में कचरा उत्पन्न होता है।
जुर्माना - पहले चेतावनी, फिर 1000 रुपये व उसके बाद 2500 रुपये प्रति अपराध
वर्ग- रेस्तरां, कैफे, ढाबा, मिठाई की दुकान, काफी हाउस, मांस-मछली व पाल्ट्री की दुकानें, पान की दुकानें, कोचिंग, पेट्रोल पंप, लघु उद्योग, कुटीर, कार्यशालाएं (केवल खतरनाक कचरा) आदि।
जुर्माना- पहले चेतावनी, फिर 500 एवं 1000 रुपये प्रति अपराध
वर्ग- फेरीवाला, संरचना के साथ या बगैर
जुर्माना : पहले चेतावनी फिर 100 एवं 200 रुपये प्रति अपराध।
वर्ग- अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठान
जुर्माना : 200 एवं 500 रुपये प्रत्येक अपराध
वर्ग- घर एवं व्यक्ति
जुर्माना : 50 एवं प्रत्येक अपराध 100 रुपये
वर्ग- किसी व्यक्ति द्वारा निर्माण व तोड़-फोड़ से प्राप्त मलबा सड़क पर या सार्वजनिक स्थानों पर फेंकने पर
जुर्माना : 500 रुपये प्रतिदिन एवं मलबा उठाने और उसके निष्पादन पर हुआ व्यय।
वर्ग- व्यावसायिक परिसरों, उद्योग या किसी अन्य थोक मलबा उत्पन्न करने वालों द्वारा निर्माण व तोड़-फोड़ से प्राप्त मलबा फेंकने पर
जुर्माना- 1000 रुपये प्रतिदिन एवं मलबा उठाने और उसके निष्पादन पर हुआ व्यय।
वर्ग- अस्पताल, नर्सिंग होम, क्लीनिक, पैथोलाजी, प्रयोगशाला आदि द्वारा निगम के कचरे में मेडिकल वेस्टेज मिलाने पर
जुर्माना : चेतावनी, 1000 रुपये व उसके बाद प्रत्येक अपराध पर 5000 रुपये

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