Muzaffarpur News : प्रतिदिन 25 लोगों को काट रहे कुत्ते, इनको रोकने की योजना की स्थिति जान आप पीट लेंगे सिर
Muzaffarpur News मुजफ्फरपुर में कुत्तों का आतंक बढ़ता जा रहा है प्रतिदिन 25 लोगों को कुत्ते काट रहे हैं। एक बच्ची की मौत भी हो चुकी है। इतना ही नहीं विगत छह महीने में 12 हजार से ज्यादा लोग शिकार हुए। नगर निगम कुत्तों को नियंत्रित करने में विफल रहा है। बंध्याकरण की योजना अटकी हुई है एजेंसी की तलाश जारी है।

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। शहरी इलाकों में कुत्तों का आतंक लगातार बढ़ रहा है। औसत 25 लोगों को प्रतिदिन कुत्ते काट रहे हैं। एक बच्ची की मौत भी कुत्तों के झुंड के हमले के कारण हो चुकी हैं। सदर अस्पताल के आकड़े बताते हैं कि बीते छह माह में 12 हजार 361 लोग इसके शिकार हो चुके हैं।
वहीं नगर निगम कुत्तों के आतंक को रोकने में विफल रहा। कुत्तों की बढ़ती संख्या को नियंत्रित करने के लिए नगर निगम ने उनके बंध्याकरण की योजना दो साल पहले बनाई गई थी, लेकिन एजेंसी की तलाश में योजना अटकी हुई है। कई बार निविदा निकालने के बाद भी एजेंसियों निविदा में भाग नहीं ले रही हैं।
बताते चलें कि वर्तमान नगर सरकार की 31 जनवरी 2023 को हुई पहली ही बैठक में शहर में कुत्तों की बढ़ती आबादी पर नियंत्रण के लिए उनके बंध्याकरण का निर्णय लिया गया था। आज तक उसका अनुपालन नहीं हुआ।
नगर प्रबंधक विष्णु प्रभाकर लाल ने कहा कि नगर निगम बोर्ड के फैसले के बाद एजेंसी को बहाल करने के लिए निविदा निकाली गई थी, लेकिन एक भी एजेंसी ने भाग नहीं लिया। फिर से निविदा निकाली गई, लेकिन परिणाम नहीं बदला। महापौर ने एजेंसी की तलाश के लिए नगर आयुक्त पर लगातार दबाव बनाया।
सभी कानूनी पहलुओं पर पर विमर्श के बाद दो माह पूर्व नगर आयुक्त विक्रम विरकर के निर्देश पर निगम ने आवारा कुत्तों के बंध्याकरण के लिए एजेंसी की तलाश शुरू की। इसके लिए भारतीय पशु कल्याण बोर्ड द्वारा मान्यता प्राप्त पशु कल्याण संगठन के चयन के लिए निगम ने प्रस्ताव आमंत्रित किया।
नगर निगम को इस कार्य के लिए भारतीय पशु कल्याण बोर्ड द्वारा मान्यता प्राप्त पशु कल्याण संगठन का चयन करना है, लेकिन एक बार फिर एक ही एजेंसी ने निविदा में भाग लिया। इसलिए फैसला नहीं हुआ। अब आगे की प्रक्रिया पर काम चल रहा है।
एक साल पूर्व नगर निगम ने कुत्तों को पकड़ने के लिए डाग कैचर वाहन तैयार किया। गली-मोहल्लों जाकर आवारा कुत्तों को पकड़ने में सहायक उपकरणों की खरीद भी की। उसकी सहायता से दर्जनभर कुत्तों को पकड़ ग्रामीण इलाके में छोड़ने गई टीम की ग्रामीणों ने पिटाई कर दी। इसके बाद निगम ने इस अभियान को ठंडे बस्ते में डाल दिया।
आकड़ों में इस साल कुत्तों के काटने की घटना
जनवरी | 2319 |
फरवरी | 2442 |
मार्च | 2350 |
अप्रैल | 1901 |
मई | 1414 |
जून | 1935 |
कुत्तों की बढ़ती संख्या पर नियंत्रण के लिए निगम बोर्ड द्वारा लिए गए निर्णय के आलोक में कुत्तों के बंध्याकरण की योजना पर काम चल रहा है। सभी कानूनी पहलुओं पर विचार के बाद एजेंसी बहाली को निविदा निकाली गई है। एक ही एजेंसी द्वारा इसमें रुचि ली गई। आगे की कार्रवाई की जा रही है। जल्द ही समस्या का समाधान होगा।
विक्रम विरकर, नगर आयुक्त
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