बढ़ रहे डायरिया, बुखार और खांसी के मरीज, रखें यह सावधानी नहीं तो लगाने पड़ सकते अस्पताल के चक्कर
बच्चे और बुजुर्ग बीमार हो रहे हैं। अस्पतालों में डायरिया बुखार और खांसी के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। शिशु रोग विशेषज्ञों ने बताया कि तापमान बढ़ने से बच्चों में बीमारियां बढ़ रही हैं खासकर रोटावायरस का संक्रमण। डॉक्टरों ने धूप में निकलने वाले बच्चों को ठंडा पानी और बासी भोजन से बचने की सलाह दी है।

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। Muzaffarpur News: उमस भरी गर्मी के चलते बच्चों और बुजुर्गों में बीमारियों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है। निजी और सरकारी अस्पतालों में मरीजों की भारी भीड़ देखी जा रही है।
गुरुवार को एसकेएमसीएच, सदर अस्पताल और अन्य निजी अस्पतालों के ओपीडी में डायरिया, बुखार और खांसी के मामलों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
पिछले तीन दिनों में एसकेएमसीएच के ओपीडी में 577 और सदर अस्पताल में 210 मरीज मौसमी बीमारियों के कारण इलाज के लिए पहुंचे हैं, जिनमें से आधे से अधिक बच्चे हैं।
शिशु रोग विशेषज्ञ डा. गोपाल शंकर सहनी ने बताया कि इस समय तापमान 34 डिग्री सेल्सियस से ऊपर जा रहा है, जिससे बच्चों में बीमारियों की संख्या में इजाफा हो रहा है। विशेष रूप से बच्चों में बीमारियों का खतरा बढ़ गया है।
एसकेएमसीएच के अलावा अन्य अस्पतालों में भी बीमार बच्चों की भारी भीड़ देखी जा रही है। बड़ी संख्या में बच्चे उपचार के लिए पहुंच रहे हैं, जिनमें सर्द-गर्म (वायरल), उल्टी, दस्त, त्वचा और सांस संबंधी रोगों से पीड़ित बच्चे शामिल हैं।
डा. राजीव कुमार ने बताया कि केजरीवाल अस्पताल में भी मौसम जनित रोगों से ग्रसित बच्चे इलाज के लिए आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि बच्चे रोटावायरस के संक्रमण का शिकार हो रहे हैं।
बच्चों की इम्युनिटी के कारण स्वस्थ होने में उन्हें तीन से चार दिनों का समय लग रहा है। विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि धूप में खेलने वाले बच्चों को ठंडे पानी और बाहरी, बासी भोजन से दूर रहना चाहिए।
इस मौसम में बच्चों की देखभाल करना अत्यंत आवश्यक है, ताकि वे इन मौसमी बीमारियों से सुरक्षित रह सकें। इस प्रकार, उमस भरी गर्मी के चलते बच्चों और बुजुर्गों में बीमारियों की बढ़ती संख्या एक गंभीर चिंता का विषय बन गई है।
स्वास्थ्य विभाग को इस स्थिति पर ध्यान देने की आवश्यकता है, ताकि उचित उपाय किए जा सकें और लोगों को सुरक्षित रखा जा सके।
मौसमी बीमारियों के प्रति जागरूकता और सावधानी बरतना आवश्यक है, ताकि हम सभी इस कठिन समय को पार कर सकें।
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