Bihar Government: नीतीश सरकार ने चुनाव से पहले डबल कर दी सैलरी, इन लोगों को मिलेगा फायदा
बिहार के सरकारी स्कूलों में रसोइयों का मानदेय दोगुना कर दिया गया है। अब उन्हें प्रतिमाह 3300 रुपये मिलेंगे। यह फैसला 1 अगस्त से लागू होगा। मध्याह्न भोजन योजना के तहत यह वृद्धि की गई है जिससे जिले के लगभग तीन हजार स्कूलों में कार्यरत रसोइयों को लाभ होगा। राज्य सरकार और केंद्र सरकार मिलकर यह मानदेय प्रदान करेंगी जिसका उद्देश्य बच्चों में पोषण को बढ़ावा देना है।

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। सरकारी स्कूलों के रसोइयों को अब प्रतिमाह 3300 रुपये का मानदेय मिलेगा। राज्य सरकार ने रसोइयों के मानदेय में दोगुनी वृद्धि की है, जिसका लाभ उन्हें एक अगस्त से मिलेगा।
मध्याह्न भोजन योजना (पीएम पोषण) सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसके माध्यम से बच्चों में पोषण के साथ-साथ शिक्षा, सामाजिक समानता और भाईचारे की भावना का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। जिले के लगभग तीन हजार स्कूलों में यह योजना संचालित है, जहां रसोईया-सह-सहायक द्वारा मध्याहन भोजन तैयार किया जाता है।
प्रत्येक रसोईया-सह-सहायक को पहले 1650 रुपये मानदेय के रूप में दिए जाते थे, लेकिन अब यह राशि बढ़कर 3300 रुपये हो गई है। रसोइयों को एक वर्ष में केवल 10 महीने का मानदेय दिया जाता है।
इस योजना के तहत प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों में बच्चों का उचित पोषण सुनिश्चित करने के लिए सभी सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों, मदरसा, मकतब, संस्कृत विद्यालय, राष्ट्रीय बाल श्रमिक परियोजना के अंतर्गत संचालित विद्यालयों और सर्व शिक्षा अभियान के तहत संचालित वैकल्पिक एवं नवाचारी शिक्षा केन्द्रों में पका-पकाया मध्याह्न भोजन प्रदान किया जाता है।
केंद्र सरकार ने रसोईया-सह-सहायक का मानदेय 1000 रुपये निर्धारित किया है, जिसमें केंद्र की राशि 600 रुपये और राज्यांश की राशि 400 रुपये है।
2021 से राज्य सरकार ने 650 रुपये अतिरिक्त भत्ता भी दिया है। अब रसोइयों को 3300 रुपये का मानदेय मिलेगा, जिसमें राज्य सरकार 2700 रुपये और केंद्र सरकार 600 रुपये प्रदान करेगी।
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