मुजफ्फरपुर में अंकपत्र के लिए छात्रा से मांगी रिश्वत, चार साल से दौड़ा रहे कर्मचारी
मुजफ्फरपुर के एक कॉलेज में एक छात्रा को स्नातक के अंकपत्र के लिए 4 हजार रुपये की रिश्वत मांगी गई। पीड़िता ने विश्वविद्यालय से शिकायत की है जिससे उसकी पढ़ाई बाधित हो रही है। छात्र संवाद में अन्य छात्रों ने भी अंकपत्र और रिजल्ट संबंधी समस्याओं की शिकायतें कीं। विश्वविद्यालय में उत्तर पुस्तिकाओं की जांच में लापरवाही के मामले भी सामने आए हैं।

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। स्नातक पार्ट थर्ड का अंकपत्र देने के बदले एक छात्रा से कॉलेज कर्मी ने चार हजार रुपये की मांग की है। छात्रा चार वर्ष से कॉलेज का चक्कर लगा रही है। जब उसे अंकपत्र कॉलेज की ओर से नहीं दिया गया तो अंत में छात्रा ने इसकी शिकायत छात्र संवाद में सोमवार को की है।
एमएसकेबी कॉलेज की छात्रा ललिता कुमारी ने विश्वविद्यालय से शिकायत की है कि वह मनोविज्ञान की छात्रा है। उसने सत्र 2017-20 की छात्रा थी। उसने वर्ष 2021 में स्नातक थर्ड पार्ट की परीक्षा द्वितीय श्रेणी से उत्तीर्ण की।
लगातार कर्मी मांग रहा है रुपये
छात्रा ने शिकायत की है कि वह पिछले चार वर्षों से लगातार अंकपत्र के लिए दौड़ रही है। कॉलेज कर्मी लगातार उससे चार हजार रुपये मांग रहा है। छात्रा ने कहा कि वह दो हजार देने के लिए तैयार थी, लेकिन कर्मी चार हजार से कम लेने के लिए तैयार नहीं है।
छात्रा ने विश्वविद्यालय से गुहार लगाई है कि उसका अंकपत्र जारी किया जाए ताकि वह अपने आगे की पढ़ाई जारी रख सके। अंकपत्र नहीं मिलने से उसकी पढाई बाधित है। छात्रा की शिकायत के बाद आईटी सेल के अमन राज ने उसे अंकपत्र उपलब्ध कराया है।
दर्जन भर से अधिक मामले आए
गेस्ट हाउस में सोमवार को छात्र संवाद का आयोजन किया गया। इसमें दर्जन भर से अधिक मामले आए। एलएडी कॉलेज मोतिहारी के छात्र सोनू कुमार ने पेंडिंग रिजल्ट की शिकायत की है। वहीं, अन्य छात्र-छात्राओं ने अंकपत्र नहीं मिलने, पेंडिग रिजल्ट में सुधार नहीं होने से लेकर अन्य शिकायत की है।
संवाद में परीक्षा नियंत्रक डॉ. सुबालाल पासवान, डिप्टी कंट्रोलर डॉ. रेणु बाला, डिप्टी कंट्रोलर डॉ. आनंद प्रकाश दूबे समेत अन्य उपस्थित हुए।
सही उत्तर पर नहीं मिला अंक, छात्र हो गया फेल
बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में उत्तर पुस्तिकाओं की जांच में लापरवाही के मामले उजागर हो रहे हैं। सूचना के अधिकारी के तहत उत्तर पुस्तिकाओं की छाया प्रति के आधार पर यह परीक्षकों की गलतियां सामने आ रही है।
बीएचएमएस के छात्र शिवम कुमार ने छात्र संवाद में शिकायत है कि प्रश्न का उत्तर सही होने के बाद भी उसे अंक नहीं मिला है। उत्तर चेक किया गया है लेकिन इसके बदले में कोई भी अंक नहीं दिया गया है। इस कारण वह फेल हो गया है।
छात्र ने कॉपी की जांच नए सिरे से कराते हुए रिजल्ट जारी करने की मांग की है। छात्र का कहना है कि अधिकांश प्रश्नों को चेक कर अंक दिए गए हैं लेकिन बीच में एक प्रश्न सही होने के बाद भी अंक नहीं दिया गया है।
विश्वविद्यालय की ओर से बताया गया है कि मामला परीक्षा बोर्ड में रखा जाएगा। छात्र संवाद में एमबीए सेकंड सेमेस्टर के छात्र ने प्रश्न सही होने के बावजूद कम अंक देकर अनुतीर्ण करने का आरोप लगाया है।
छात्र ने कहा है कि एमबीए के सेकंड सेमेस्टर के एक पत्र में सही प्रश्न के एवज में उसे 2 -2 अंक दिए गए हैं। अगर प्रश्न सही है तो पूरा अंक मिलना चाहिए और गलत है तो एक भी अंक नहीं मिलना चाहिए।
छात्र ने आरटीई के तहत प्राप्त उत्तर पुस्तिका की छाया प्रति के साथ शिकायत की है। छात्र ने विश्वविद्यालय से अनुरोध किया है कि उसे फोर्थ सेमेस्टर के लिए परीक्षा फार्म भरने की अनुमति दी जाए।
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