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    Bihar Land Mutation: सरकारी जमीन का दाखिल-खारिज करने के आरोप में CO सस्पेंड, डिप्टी CM तक पहुंचा मामला

    Updated: Tue, 26 Aug 2025 09:12 PM (IST)

    मुजफ्फरपुर के कांटी प्रखंड में कृषि विभाग की जमीन पर अवैध कब्जे के मामले में अंचल अधिकारी रिषिका को निलंबित कर दिया गया है। जांच में अनियमितता पाए जाने पर उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने यह कार्रवाई की। मामले में कृषि विभाग के अधिकारियों का वेतन भी रोका गया है और डीसीएलआर से स्पष्टीकरण मांगा गया है। एसआईटी गठित कर आगे की जांच की जा रही है।

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    सरकारी जमीन का दाखिल-खारिज करने के आरोप में कांंटी सीओ निलंबित

    संवाद सहयोगी, कांटी। सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे के एक गंभीर मामले में सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है। कांटी प्रखंड में कृषि विभाग की 6 एकड़ जमीन पर अवैध कब्जे के मामले में अंचल अधिकारी रिषिका को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई दैनिक जागरण में इस मामले के प्रमुखता से उजागर होने के बाद हुई।

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    जांच में मिले अनियमितता के सुराग

    उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में सीओ रिषिका को इस पूरे मामले में प्रथम दृष्टया दोषी पाया गया है।

    रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि इस मामले को दबाने में कृषि विभाग के कई अधिकारी और डीसीएलआर पश्चिमी भी शामिल थे। उपमुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि दोषी पाए गए कृषि विभाग के अधिकारियों का वेतन रोक दिया गया है, जबकि डीसीएलआर से स्पष्टीकरण मांगा गया है।

    क्या है पूरा मामला?

    यह मामला तब सामने आया जब कांटी अंचल में कृषि विभाग के बीज विपणन केंद्र की लगभग 6 एकड़ जमीन पर सीतामढ़ी के नवीन कुमार नामक व्यक्ति ने अपना दावा किया। उसने न्यायालय के आदेश का हवाला देते हुए इस सरकारी जमीन का एक हिस्सा बेच भी दिया।

    सीओ रिषिका पर आरोप है कि हल्का कर्मचारी की रिपोर्ट में जमीन को सरकारी बताया गया था, इसके बावजूद उन्होंने भू-माफियाओं के साथ मिलकर 11 कट्ठे जमीन का दाखिल खारिज कर दिया।

    इस अवैध खरीद-बिक्री की जानकारी जब तूल पकड़ने लगी, तो यह मामला उपमुख्यमंत्री के संज्ञान में आया, जिसके बाद यह कड़ी कार्रवाई हुई।

    एसआईटी का गठन, और भी कार्रवाई संभव

    उपमुख्यमंत्री सिन्हा ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए एक विशेष जांच टीम का गठन किया है। इस टीम में अपर समाहर्ता, एसडीओ पश्चिमी और ग्रामीण एसपी को शामिल किया गया है। विशेष जांच टीम की विस्तृत जांच रिपोर्ट आने के बाद इस मामले में और भी बड़े अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होने की संभावना है।

    उपमुख्यमंत्री ने मामला संज्ञान में आने के बाद कहा था  कि सरकार सरकारी संपत्ति पर किसी भी तरह के अवैध कब्जे को बर्दाश्त नहीं करेगी और इसमें शामिल सभी लोगों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।