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    50000 से अधिक मिले तो देना होगा हिसाब, चुनाव के समय क्या रहेंगे नियम-कायदे; डिटेल में समझिए

    Updated: Thu, 25 Sep 2025 01:58 PM (IST)

    मुजफ्फरपुर में विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू हो गई है। चुनावी खर्च पर नजर रखने के लिए स्टेटिक स्क्वाड टीम और फ्लाइंग स्क्वाड टीम सक्रिय हैं। निर्वाचन व्यय कोषांग प्रत्याशियों के खर्चों का हिसाब रखेगा जिसकी सीमा 40 लाख रुपये है। प्रचार सामग्री से लेकर सभाओं तक हर चीज का लेखा-जोखा रखा जाएगा। संवेदनशील क्षेत्रों में वीडियोग्राफी की जाएगी और उल्लंघन होने पर कार्रवाई होगी।

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    50000 से अधिक मिले तो देना होगा हिसाब

    जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। विधानसभा चुनाव को लेकर स्टेटिक स्क्वाड टीम (एसएसटी) व फ्लाइंग स्क्वाड टीम (एफएसटी) को सक्रिय कर दिया गया है। इसके अलावा वीडियो व्यूंग टीम, वीडियो सर्विलांस टीम, एकाउंट टीम व असिस्टेंट एक्सपेंडिचर ऑब्जर्वर की प्रतिनियुक्ति कर दी गई है। इसके तहत चुनाव अवधि में 50 हजार रुपये से अधिक लेकर निकलने पर एसएसटी को हिसाब देना होगा। उक्त राशि जब्त कर सत्यापन की कार्रवाई होगी।

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    इसके अलावा शराब, हथियार या अन्य कोई आपत्तिजनक सामान मिलने पर इसे जब्त किया जाएगा। इसकी मॉनीटरिंग को लेकर निर्वाचन व्यय कोषांग गठित किया गया है। यह कोषांग प्रत्याशियों के चुनावी खर्च की निगरानी करेगा।

    प्रत्याशियों के व्यय की सीमा 40 लाख रुपये तक निर्धारित है। इसी उद्देश्य से निर्वाचन व्यय कोषांग गठित किया गया है, जो प्रत्याशियों के हर खर्च का संधारण, जांच व सत्यापन करेगा।

    प्रचार सामग्री, वाहन किराया, सभा, जुलूस, बैनर-पोस्टर, इंटरनेट मीडिया पर प्रचार, कार्यालय व्यय, भोजन वितरण से लेकर प्रचार गीतों तक का लेखाजोखा इस कोषांग की निगरानी में रहेगा। अभ्यर्थियों द्वारा व्यय रजिस्टर का संधारण होगा व सत्यापन एकाउंट टीम द्वारा शैडो आब्जर्वेशन रजिस्टर (एसओआर) से किया जाएगा।

    सभी गठित दलों के सहयोग से आंकड़ों का संकलन, विश्लेषण व सीमा से अधिक खर्च पर रिपोर्ट तैयार करना कोषांग की जिम्मेदारी होगी। इस कोषांग में नोडल पदाधिकारी, सहायक नोडल पदाधिकारी, अन्य पदाधिकारी, डेटा एंट्री ऑपरेटर व सहायक कर्मी तैनात रहेंगे। इस कोषांग के नोडल पदाधिकारी राज्य कर अपर आयुक्त, वाणिज्य कर विभाग मुजफ्फरपुर हैं, जिनकी सतत व प्रभावी मानीटरिंग में कोषांग कार्य करेगा।

    फ्लाइंग स्क्वाड टीम की भूमिका:

    एफएसटी को चुनाव प्रचार से संबंधित सभी गतिविधियों व आचार संहिता के उल्लंघन की निगरानी सौंपी गई है। सभा, रैली, रोड शो, नुक्कड़ नाटक जैसी गतिविधियों की वीडियो व फोटो रिकॉर्डिंग होगी। इसके लिए राजनीतिक दलों व प्रत्याशियों द्वारा की जा रही गतिविधियों पर पैनी नजर रखी जाएगी ताकि खर्च का लेखाजोखा निष्पक्षता व पारदर्शिता से संधारित किया जा सके।

    संवेदनशील क्षेत्र व कार्यक्रमों की होगी रिकॉर्डिंग:

    वीएसटी विशेष रूप से संवेदनशील क्षेत्रों व हाई प्रोफाइल प्रत्याशियों और स्टार प्रचारकों के कार्यक्रमों की रिकॉर्डिंग करेगी। वीडियो व्यूंग द्वारा वीडियो फुटेज का विश्लेषण कर प्रत्याशी के अनुमानित खर्च का मूल्यांकन किया जाएगा। बताया गया कि असिस्टेंट एक्सपेंडिचर ऑब्जर्वर व एक्सपेंडिचर ऑब्जर्वर चुनाव आयोग एवं व्यय प्रेक्षक की आंख और कान होते हैं।

    इनकी नियुक्ति केंद्रीय सेवाओं से की जाती है। एईओ द्वारा चुनाव प्रचार व व्यय संबंधित गतिविधियों पर सतत निगरानी रखी जाएगी। इनके द्वारा प्रत्येक दिन व्यय प्रेक्षक को रिपोर्ट व ईओ के निर्देशानुसार कार्रवाई करेंगे।

    जिला निर्वाचन पदाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने कहा, अगर खर्च पर नियंत्रण नहीं रहा तो चुनाव निष्पक्ष नहीं कहलाएगा, इसलिए सभी कोषांग व टीम आपसी समन्वय से कार्य करें। इसकी प्रतिदिन समीक्षा बैठक कर खर्च का मिलान होगा।