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    बिहार के इस शहर में गरजा बुलडोजर, पुलिस और नगर निगम की टीम ने कई दुकानों को तोड़ा

    Updated: Wed, 23 Jul 2025 02:22 PM (IST)

    सिकंदरपुर मन के सौंदर्यीकरण में बाधा बन रहे अतिक्रमणकारियों के खिलाफ प्रशासन ने कार्रवाई शुरू कर दी है। नगर निगम और पुलिस की टीम ने मिलकर अवैध निर्माणों को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया। अतिक्रमणकारियों को तीन दिन की मोहलत दी गई है जिसके बाद सख्ती से कार्रवाई की जाएगी। मन की भूमि पर अस्पताल और मकान भी बने हुए हैं जिन्हें खाली करने का आदेश दिया गया है।

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    बिहार के इस शहर में गरजा बुलडोजर, पुलिस और नगर निगम की टीम ने कई दुकानों को तोड़ा

    जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। सिकंदरपुर मन के सौंदर्यीकरण में बाधा बन रहे अतिक्रमणकारियों के विरुद्ध मंगलवार से कार्रवाई शुरू हो गई है। प्रशासन, पुलिस और नगर निगम की टीम ने कई दुकानों पर बुलडोजर चलाकर तोड़ दिया। सिकंदरपुर मन की ओर से कार्रवाई करते हुए टीम जूरन छपरा से रोड नंबर एक पहुंची।

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    यहां देखा कि मन की जमीन पर अतिक्रमण कर अवैध तरीके से पार्किंग बना ली गई है। इसके अलावा खटाल का शेड बना इसकी निकलने वाली गंदगी मन में गिराई जा रही है। प्रशासनिक टीम ने नजरी-नक्शा से मन की जमीन की पैमाइश करने के बाद बुलडोजर चला रोड नंबर एक के किनारे से स्थायी व अस्थायी निर्माणों को तोड़ दिया।

    कुछ लोगों ने विरोध करने की कोशिश की, लेकिन सख्ती पर सभी शांत हो गए। अन्य अतिक्रमणकारियों ने स्वयं जगह खाली कर दी। अधिकारियों ने सभी को तीन दिनों के अंदर जमीन खाली करने को कहा अन्यथा पर कार्रवाई करने की चेतावनी दी।

    इस दौरान पाया कि कुछ मकान व अस्पतालों द्वारा भी मन की भूमि पर अतिक्रमण कर लिया गया है। अस्पताल की चहारदीवारी हो या पार्किंग स्थल, सभी मन की भूमि पर कब्जा कर बनाया है। अस्पताल प्रबंधकों को भी अल्टीमेटम दिया गया है। अगर वे स्वयं चहारदीवारी नहीं तोड़ेंगे तो इसे तोड़ दिया जाएगा। सभी को तीन दिनों की मोहलत दी गई है। इसके बाद स्मार्ट सिटी की टीम प्रशासनिक सहयोग के साथ पूरी तरह से अतिक्रमण को खाली कराने की कार्रवाई करेगी।

    सिकुड़ कर आधी हो गई मन की भूमि:

    सिकंदरपुर मन की भूमि पर वर्षों से अतिक्रमण करने का खेल चल रहा है। अधिकारी भी इससे अंजान नहीं हैं। अतिक्रमण से मन की भूमि सिकुड़ कर आधी रह गई है। सौंदर्यीकरण का जब प्रस्ताव भी स्वीकृत नहीं हुआ था, तभी से अतिक्रमणकारियों ने मिट्टी भर कब्जा करना शुरू कर दिया था। स्थायी निर्माण भी करा लिया। अब इसे हटाने में अधिकारियों को पसीने छूट रहे हैं।