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    Anganwadi Sevika Promotion: आंगनबाड़ी सेविकाओं के प्रमोशन की राह में रोड़ा बना आंदोलन, कहां फंसा पेच?

    Updated: Fri, 04 Jul 2025 01:51 PM (IST)

    मुजफ्फरपुर में आंदोलन करने वाली सेविकाओं को पदोन्नति में नुकसान हो रहा है। महिला पर्यवेक्षिका बनने का उनका सपना टूट सकता है क्योंकि आंदोलन में शामिल होने के कारण उनकी सेवा में रुकावट आई है। लगभग 247 सेविकाएं प्रभावित हैं जिससे उनमें निराशा है। उन्होंने सरकार के इस रवैये को तानाशाही बताया है और न्यायालय जाने की बात कही है।

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    आंगनबाड़ी सेविकाओं की पदोन्नति की राह में रोड़ा बना आंदोलन

    जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। अधिकार के लिए आंदोलन करना सेविकाओं को महंगा पड़ गया है। ऐसी सेविकाओं का महिला पर्यवेक्षिका में पदोन्नति का सपना टूटने वाला है। आंदोलन में शामिल होने की वजह से उनकी सेवा में टूट माना गया। लिहाजा, वे पदोन्नति के लिए अनिवार्य दस वर्ष की सेवा की अर्हता को पूरी नहीं कर पा रही हैं।

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    जानकारी के अनुसार, ऐसी सेविकाओं की संख्या करीब 247 है। सेवा में टूट वाले आवेदनों को अवैध घोषित किया जा सकता है। इससे सेविकाओं में निराशा है। सेविकाओं ने इसे सरकार का तानाशाही रवैया बताया है। बताया जाता है कि विभिन्न मांगों को लेकर सेविकाओं ने कई बार आंदोलन की राह पकड़ी थी।

    इस अवधि में उन्होंने आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन ठप रहा। इस दौरान न तो बच्चों को पोषाहार मिला और न ही टीएचआर का ही वितरण हुआ। जिला से लेकर पटना तक आंदोलन किया। इस दौरान कई सेविकाओं को बर्खास्त भी किया गया। हालांकि, विभाग ने ऐसी सेविकाओं की बर्खास्तगी आदेश को वापस ले लिया था।

    41 पदों पर प्रोन्नति के लिए आए थे 452 आवेदन:

    जिले में महिला पर्यवेक्षिका के 41 पदों पर पदोन्नति होना है। यह संविदा आधारित है। पोर्टल पर 452 आनलाइन आवेदन किया। आवेदन के लिए 21 दिनों का समय दिया गया। इसके अनुसार अभ्यर्थी को दस वर्ष की निरंतर सेवा के लिए दस अंक का प्राविधान किया गया।

    इसके साथ ही अनियमितता के आरोप में चयनमुक्त सेविका को नियोजन के लिए अयोग्य माना गया। आवेदन की प्रकिया पूरी होने के बाद चार जून से छह जून तक कागजात का सत्यापन किया गया।

    आरक्षण रोस्टर के अनुसार रिक्ती

    • अनारक्षित वर्ग : 15
    • आर्थिक रुप से कमजोर : 04
    • पिछड़ा वर्ग : 05
    • पिछड़ा की महिला : 01
    • अत्यंत पिछड़ा वर्ग : 08
    • अनुसूचित जाति : 07
    • अनुसूचित जनजाति : 01

    बहाली की पूरी प्रकिया विभागीय दिशा-निर्देश के अनुसार की जा रही है। मेधा सूची को लेकर विभाग का जो आदेश है उसका पालन किया जा रहा है। -  ममता वर्मा, डीपीओ आईसीडीएस

    सेविकाओं को हक की आवाज उठाने की सजा दी जा रही है। लोकतंत्र में अधिकार के लिए आंदोलन का सबको अधिकार है। ऐसे में विभाग का यह आदेश न्यायसंगत नहीं है। इसके खिलाफ न्यायालय का दरवाजा खटखटाया जाएगा। -  संजू कुमारी, जिला सचिव, बिहार प्रदेश आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ