Muzaffarpur News: देवरिया में वृद्ध महिला की हत्या में निर्दोषों को फंसाने का आरोप लगाकर थाने पर किया हंगामा
देवरिया में महिला हत्याकांड के मामले में निर्दोष लोगों को फंसाने के आरोप से गुस्साए ग्रामीणों ने थाने में प्रदर्शन किया। उन्होंने पुलिस पर बिना जांच के प्राथमिकी दर्ज करने का आरोप लगाया। आरोपितों में से एक ने बताया कि घटना के समय वे कोलकाता में थे फिर भी उनका नाम दर्ज किया गया।

संवाद सहयोगी, पारू (मुजफ्फरपुर)। देवरिया थाना क्षेत्र के देवरिया कमेटी हाल टोला में चाकू से गोदकर महिला की हत्या के मामले में साजिश के तहत निर्दोष लोगों को फंसाने का आरोप लगाते हुए पंचायत के सैकड़ों पुरुष-महिलाओं ने सोमवार की सुबह थाने पहुंचकर हंगामा किया।
आक्रोशित लोग पुलिस के विरुद्ध जमकर नारेबाजी करते हुए न्याय दिलाने की मांग की कर रहे थे। आक्रोशित लोगों का कहना था कि मृतका के पुत्र की ओर से कराई गई प्राथमिकी में साजिश के तहत मुखिया पति समेत पांच लोगों को आरोपित किया गया है।
मुखिया पति सीताराम साह का कहना था कि वह 11 सितंबर को कंपनी के बुलावे पर कोलकाता टूर पर गए थे। 14 सितंबर को घर वापस लौटे। बावजूद इसके उनका नाम प्राथमिकी में शामिल है। व्यवसायी राजू साह ने बताया कि वह 13 सितंबर को दिल्ली से गांव लौटे।
देवरिया थाना परिसर में विरोध प्रदर्शन करते ग्रामीण। जागरण
महिला के दाह संस्कार में शामिल हुए। हत्या की रात घर पर नहीं थे। इसके बाद भी उन्हें फंसाया गया है। अन्य आरोपितों में राजकीय मध्य विद्यालय देवरिया के प्रधानाध्यापक शिवनाथ साह, ट्यूशन पढ़ाने वाले रघुनाथ साह और एक अन्य प्रदीप साह के नाम शामिल हैं।
ग्रामीण सुधीर प्रसाद सिंह, राजू कुमार सिंह, नागेंद्र चौधरी, धर्मेंद्र पासवान, ओमप्रकाश तिवारी, जितेंद्र तिवारी, उपेंद्र साह समेत दर्जनों लोगों ने कहा कि अगर पुलिस मामले की जांच कर निर्दोष लोगों का नाम हटाते हुए दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई नहीं करती है तो जनाक्रोश आंदोलन चलाया जाएगा।
लोगों का कहना था कि जब मारपीट, चोरी, छिनतई आदि के आवेदन थाने में दिए जाते हैं तो जांच पड़ताल करने की बात बोल टरका दिया जाता है और हत्या जैसे इस गंभीर मामले में बगैर जांच पड़ताल प्राथमिकी दर्ज की जाती है। यह पुलिस की कार्यशैली पर सवाल है।
सुबह आठ बजे ही लोगों की इतनी भीड़ जमा हो गई थी कि थाने से लेकर रोड तक अस्त-व्यस्त माहौल बना रहा। आक्रोशित ग्रामीणों ने करीब दो घंटे तक हंगामा व नारेबाजी की। इसके बाद थाने पर मौजूद पुलिस पदाधिकारी ने अनुसंधानक थानाध्यक्ष के छुट्टी पर जाने की बात बताकर मामले को शांत कराया।
विदित हो कि बीते 12 सितंबर की रात दालान पर सो रही 72 साल की महिला फूलझड़ी देवी की हत्या चाकू से गोदकर की गई थी। 4 कट्ठा जमीन के बंटवारे के विवाद हत्या की चर्चा हो रही थी।
अपर थानाध्यक्ष अमरेश कुमार ने पूछे जाने पर बताया कि लोगों की भीड़ थाने आई थी। ग्रामीणों का आरोप है कि हत्या मामले में निर्दोष लोगों का नाम दर्ज किया गया है। वरीय अधिकारियों के मार्गदर्शन व छानबीन के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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