Muzaffarpur News: घर के पास उपलब्ध होंगी स्वास्थ्य सेवाएं, नौ प्रखंडों में खुलेंगे 48 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर
स्वास्थ्य विभाग की ओर से जिन नौ प्रखंडों में हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर खोलने की तैयारी है। वहां उप-स्वास्थ्य केंद्रों को अपग्रेड किया जा रहा है। जो भी पहल की जा रही है वह आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत ही किया गया है। इन सेंटरों से ग्रामीणों को प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं जांच की सुविधा मानसिक स्वास्थ्य परामर्श पोषण जागरूकता और नियमित जांच जैसी सुविधाएं मिलेंगी।

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। Muzaffarpur News: स्वास्थ्य विभाग की ओर से जिले के नौ प्रखंडों में 48 नए हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर खोलने की तैयारी शुरू कर दी गई है। इसके तहत प्रत्येक प्रखंड में स्थित उप-स्वास्थ्य केंद्रों को अपग्रेड कर हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में तब्दील किया जाएगा।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, यह पहल केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत की जा रही है। इन सेंटरों के माध्यम से ग्रामीण इलाकों में प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं, रोगों की समयपूर्व पहचान, मानसिक स्वास्थ्य परामर्श, योग गतिविधियां, पोषण जागरूकता और नियमित जांच जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
जिला कार्यक्रम प्रबंधक रेहान अशरफ ने बताया कि हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों की स्थापना से ग्रामीण क्षेत्रों में इलाज और परामर्श की सुविधा स्थानीय स्तर पर ही उपलब्ध होगी। इससे ग्रामीणों को छोटी-छोटी समस्याओं के लिए दूर स्थित पीएचसी या शहर नहीं जाना पड़ेगा। साथ ही गंभीर बीमारियों की शुरुआती पहचान भी समय पर हो सकेगी।
जिन नौ प्रखंडों में ये सेंटर स्थापित किए जाएंगे, उनमें मोतीपुर, पारू, मीनापुर, कुढ़नी, सकरा, मुरौल, बोचहां, औराई और साहेबगंज शामिल हैं। इन सेंटरों को विकसित करने की जिम्मेदारी बिहार चिकित्सा सेवाएं एवं आधारभूत संरचना निगम लिमिटेड (बीएमएसआइसीएल) को दी गई है।
बताया कि नए सेंटर शुरू हो जाने के बाद गांवों में स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर होंगी। वहां नियमित टीकाकरण, प्रसव पूर्व जांच और बीपी-शुगर के मरीजों को दवा उपलब्ध कराई जाएगी। अभी जहां हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर नहीं हैं, वहां के लोगों को इलाज के लिए पीएचसी या अन्य दूर के केंद्रों का रुख करना पड़ता है। ऐसे में इन नए केंद्रों की शुरुआत ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था को सशक्त बनाने की दिशा में एक अहम कदम साबित होगी।
सुरक्षित प्रसव के लिए जटिल मामलों की होगी पहचान
मुजफ्फरपुर : संस्थागत और सुरक्षित प्रसव को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जिला स्वास्थ्य विभाग ने विशेष अभियान शुरू किया है। इसके तहत प्रत्येक पीएचसी से जटिल गर्भावस्था वाले मामलों की पहचान कर उन्हें रेफरल सेंटर भेजा जाएगा।
जिले में एसकेएमसीएच स्थित मातृ-शिशु अस्पताल और सदर अस्पताल को रेफरल सेंटर के रूप में चिह्नित किया गया है, जहां प्रसव से पहले गर्भवती को लाकर भर्ती किया जाएगा। जिला कार्यक्रम प्रबंधक रेहान अशरफ ने बताया कि आशा और एएनएम कार्यकर्ताओं के माध्यम से पीएचसी स्तर पर सर्वे कराया जा रहा है। प्रसव पूर्व जांच के आधार पर यदि किसी गर्भवती महिला को ब्लड प्रेशर, शुगर, खून की कमी या अन्य किसी गंभीर बीमारी की समस्या है, तो उसे जटिल गर्भवती की सूची में रखा जाएगा।
ऐसी महिलाओं को प्रसव की संभावित तिथि से एक सप्ताह पहले सदर अस्पताल या एसकेएमसीएच लाया जाएगा। ताकि, समय रहते इलाज की समुचित व्यवस्था हो सके। उन्होंने कहा कि अब तक यह देखा गया है कि जटिल प्रसव के मामले में गर्भवती महिलाएं अचानक अस्पताल पहुंचती हैं, जिससे इलाज में देर होती है और खतरा बढ़ता है।
लेकिन यदि उन्हें पहले से भर्ती कर लिया जाए तो उनका समुचित परीक्षण और इलाज संभव हो पाएगा। सभी पीएचसी प्रभारियों को कहा गया है कि वे प्रतिदिन चिह्नित गर्भवती महिलाओं की रिपोर्ट तैयार कर उन्हें समय पर रेफरल सेंटर भेजें। इससे शत-प्रतिशत सुरक्षित प्रसव का लक्ष्य हासिल करने में मदद मिलेगी।
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