यह कैसी व्यवस्था... एसकेएमसीएच के रेडियोलाजी विभाग से प्रतिदिन बिना जांच लौट रहे 300 से 400 मरीज
मुजफ्फरपुर के SKMCH में रेडियोलॉजी विभाग की लापरवाही से मरीज परेशान हैं। प्रतिदिन सैकड़ों मरीज एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड के लिए आते हैं पर आधे से भी कम की जांच हो पाती है। मरीजों को निजी सेंटर पर जाने को मजबूर होना पड़ता है जहाँ SKMCH जैसी गुणवत्ता नहीं है। आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों को कई दिन चक्कर लगाने पड़ते हैं।

जागरण संवादाता, मुजफ्फरपुर। Muzaffarpur News: एसकेएमसीएच के रेडियोलाजी विभाग में करोड़ों की एक्स-रे मशीन लगाई गई, ताकि मरीजों को बेहतर सेवा मिल सके। दूसरी ओर विभाग की लापरवाही के कारण प्रतिदिन तीन सौ से चार सौ मरीज बिना जांच के लौट रहे हैं।
उनके हंगामा का भी असर नहीं होता है। इसका फायदा एसकेएमसीएच के आसपास खुले निजी सेंटर पर मरीज जाकर जांच कराने को मजबूर होते हैं। एसकेएमसीएच की गुणवत्ता जैसी मशीन भी नहीं है।
आर्थिक कमजोर तबके के मरीजों को यहां जांच कराने के लिए दो-तीन दिनों का चक्कर लगाना पर रहा है। मरीजों का आरोप है कि निजी सेंटर से मिलीभगत के कारण लापरवाही बरती जा रही है।
बोचहां की मिथलेश कुमारी ने बताया कि वह अल्ट्रासाउंड कराने के लिए साढ़े बारह बजे पहुंची थी। पुर्जा पर नाम-पता नहीं भरे रहने के कारण अल्ट्रासाउंड के कर्मचारी ने उन्हें पूरा कागजात भरवाकर आने को बोला। दोबारा आई तो चिकित्सक जा चुके थे।
मिथलेश देवी ने बताया कि कर्मचारी के अलावा कोई विभाग में नहीं थे की शिकायत भी करे। बेलसंड अथरी के शकुनी चौधरी ने बताया कि हर्निया का आपरेशन करवाना है। चिकित्सक अल्ट्रासाउंड कराने को कहा था, लेकिन कतार में लगे रहे। चिकित्सक निकल गए।
उन्होंने बताया कि अब निजी जांच घर जाते है, वहीं करवालेंगे। वहीं शिवहर जिला के पुरनहिया थाना इलाके के कलावती देवी बताया कि पेट में दर्द है। चिकित्सक पत्थर होने की आशंका जताई है। कल आए थे तो अल्ट्रासाउंड बंद हो गया था।
आज आए तो चिकित्सक कल बुलाए हैं। जितने का अल्ट्रासाडंड नहीं होगा, उससे ज्यादा किराया लग जा रहा है। बाहर से ही करवाकर दिखा लेंगे। इसके साथ ही एक्स-रे विभाग में मरीज एक्स-रे के लिए धक्का-मुक्की करते रहे। सुबह दस बजे पहुंचे अनेकों मरीजों को चार बजे तक एक्स-रे के लिए कतार में लगे रहना पड़ा।
नहीं आते एचओडी
रेडियोलाजी विभाग के एक कर्मचारी ने बताया कि एचओडी से मिलना है तो शनिवार को आइए। उसी दिन वह मिल सकेंगे। कुछ ने बताया कि वह सप्ताह में महज एक दिन ही आते हैं। इसको लेकर मरीज की शिकायत और विभाग की लापरवाही उन्हे मालूम नहीं होती है।
इसको लेकर मरीजों तीन-चार सौ मरीजों को रोजाना अल्ट्रासाउंड और एक्स-रे विभाग में परेशानी झेलनी पड़ती है। मरीजों की माने तो जब हाकिम ही गाएब हो तो विभाग में कामकाज तो ठप होगा ही।इधर, प्राचार्य डा. आभा रानी सिन्हा ने बतायी कि मामले को लेकर एसओडी से बातचीत की जाएगी।
रेडियोलाजी विभाग में मरीजों का लोड अधिक है। दो अल्ट्रासाउंड मशीन है। विभाग के वस्तुस्थिति की जानकारी एचओडी से मांगी जाएगी। जहां तक सप्ताह में एक दिन आने की बात है तो उसकी गोपनीय तहकीकात करायी जाएगी।
भीड़ को देख आसपास में खुले निजी केंद्र
एसकेएमसीएच में मरीजों की भीड़भाड़ और अधिक मात्रा में लौटे जाने के कारण आसपास में आधा दर्जन से अधिक अल्ट्रासाउंड केंद्र खुल चुके हैं। यहीं नहीं अब डिजिटल एक्स-रे केंद्र भी खुल गए। महज सौ मीटर की दूरी पर दो डिजिटल और दो अल्ट्रासाउंड खुले है।
उनकी रिपोर्ट को एसकेएमसीएच के चिकित्सक तवज्जो नहीं देते। मजबूरन या तो एसकेएमसीएच में इलाज व आपरेशन के लिए एसकेएमसीएच में करवाना होता है या फिर जूरन छपरा के एक-दो नामी सोनोग्राफी सेंटर जाना पड़ता है।
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