लो कर लो बात ...नगर निगम को अपनी जमीन के बारे में ही जानकारी नहीं, पता लगाने के लिए की जा रही यह व्यवस्था
मुजफ्फरपुर नगर निगम सार्वजनिक सुविधाओं के विकास हेतु अपनी भूमि की पहचान कर रहा है। अतिक्रमण हटाने के लिए एक समिति का गठन किया गया है जो एक सप्ताह में रिपोर्ट देगी। नगर आयुक्त ने भूमि का निरीक्षण कर अतिक्रमण हटाने और चहारदीवारी बनाने के लिए स्थलों का चयन करने का निर्देश दिया है। महापौर ने कहा कि यह फैसला पहले ही लिया गया था।

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। नगर निगम को सार्वजनिक शौचालय, पार्किंग स्थल, पार्क एवं अन्य नागरीय सुविधाओं के विकास के लिए भूमि की कमी का सामना करना पड़ रहा है।
इस समस्या के समाधान हेतु नगर निगम ने अपनी भूमि की पहचान कर घेराबंदी करने और अतिक्रमण की स्थिति में उसे मुक्त कराने की प्रक्रिया आरंभ की है। नगर आयुक्त विक्रम विरकर ने कार्यपालक अभियंता संजय कुमार मिश्रा के नेतृत्व में एक समिति का गठन किया है, जो एक सप्ताह के भीतर निगम की सभी भूमि को चिह्नित कर रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
इस समिति में कार्यपालक अभियंता के अलावा उप नगर आयुक्त सोनू कुमार राय, टाउन प्लानर आद्या कुंवर, नगर प्रबंधक विष्णु प्रभाकर लाल एवं निगम सहायक अभियंता शामिल हैं। समिति के सहयोगी सदस्यों में जूनियर इंजीनियर एसएन झा, संजीव कुमार, खुशबू कुमारी, प्रधान सहायक सुनील कुमार सिन्हा, मो. नूर आलम, अमीन प्रशांत कुमार एवं पप्पू कुमार शामिल हैं।
नगर आयुक्त ने बताया कि समिति निगम क्षेत्र के सभी 49 वार्डों में भूमि का स्थल निरीक्षण कर एक सप्ताह के भीतर विस्तृत प्रतिवेदन तैयार करेगी। समिति को निगम की सभी भूमि का चिह्नांकन, अतिक्रमणग्रस्त भूमि का विवरण तैयार कर अतिक्रमण मुक्त कराने, और प्राथमिकता के आधार पर चहारदीवारी निर्माण के लिए स्थलों का चयन करने का कार्य सौंपा गया है।
नगर आयुक्त ने कहा कि नगर निगम की भूमि एक अमूल्य संपत्ति है, जिसका संरक्षण हमारी प्राथमिक जिम्मेदारी है। नवगठित समिति से अपेक्षा है कि वह समयबद्ध तरीके से भूमि की पहचान कर अतिक्रमण मुक्त कराने और चहारदीवारी निर्माण के लिए ठोस सुझाव प्रस्तुत करेगी। महापौर निर्मला देवी ने कहा कि इस आशय का निर्णय पूर्व में ही लिया गया था, और अब निगम इसे क्रियान्वित कर रहा है।
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