आपत्तियों का निराकरण कर सरकार को भेजी गई मुजफ्फरपुर नगर निगम क्षेत्र विस्तारीकरण की फाइल
नक्शा एवं चौहदी के साथ प्राप्त प्रतिवेदन पर अपर समाहर्ता की अध्यक्षता में गठित समिति ने की थी समीक्षा। जिलाधिकारी ने समीक्षा रिपोर्ट के साथ विस्तारिकरण की संचिका को सरकार के पास भेजा। नगर विकास एवं आवास विभाग को निगम क्षेत्र के विस्तारीकरण का अंतिम नोटिफिकेशन जारी करना है।
मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। शहर के विस्तारीकरण के प्रस्ताव के चौहद्दी में अंतर को लेकर नगर विकास विभाग की ओर से जताई गई आशंका को दूर करने के बाद नगर निगम से प्राप्त फाइल को जिलाधिकारी ने शुक्रवार को सरकार के पास भेज दी है। फाइल के साथ अपर समाहर्ता की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा लिए गए निर्णय की प्रति भी अनुशंसा के साथ भेजी गई है। नगर निगम द्वारा बुधवार को यह फाइल नक्शा एवं चौहद्दी के साथ जिलाधिकारी को सौंपी गई थी। निगम द्वारा सौंपी गई फाइल की समीक्षा को लेकर गुरुवार को समाहरणालय सभाकक्ष में बैठक हुई थी। अब नगर विकास एवं आवास विभाग को निगम क्षेत्र के विस्तारीकरण का अंतिम नोटिफिकेशन जारी करना है। इसके बाद विस्तारित निगम क्षेत्र का परिसीमन होगा।
बताते चलें कि चौहद्दी में अंतर के कारण विभाग ने दूसरी बार विस्तारीकरण की फाइल को लौटा दी थी। चौहद्दी में अंतर होने के कारण विभाग फाइनल नोटिफिकेशन कर परिसीमन का फैसला नहीं कर पा रहा था। विभाग ने 28 दिसंबर 2021 एवं 05 जनवरी 2022 को अलग-अलग प्रारंभिक नोटिफिकेशन कर शहर विस्तारीकरण का निर्णय लिया था। इसके बाद लोगों को आपत्ति दर्ज कराने के लिए 30 दिनों की समय-सीमा निर्धारित की गई थी। इस बीच 23 आपत्तियां आई, जिसकी सुनवाई करते हुए एडीएम की अध्यक्षता वाली प्रशासनिक अधिकारियों की टीम ने जिलाधिकारी को अंतिम रिपोर्ट सौंपी थी। इसमें नए नगर निगम क्षेत्र के चौहद्दी के साथ सीमांकन किया गया था, लेकिन चौहद्दी में विभागीय स्तर पर कुछ संशय है। इस कारण विभाग ने तत्काल फाइल को वापस कर दिया।
जिला प्रशासन से 28 दिसंबर व 05 जनवरी को जारी प्रारंभिक नोटिफिकेशन के साथ स्पष्ट चौहद्दी के साथ सीमांकन करते हुए प्रतिवेदन देने को कहा था, जिसमें गांव, मौजा से लेकर थाना नंबर तक स्पष्ट रूप से अंकित करने का निर्देश दिया। प्रारंभिक नोटिफिकेशन में शामिल मौजा व गांव के अलावा अगर कोई नए गांव व मौजा को शामिल किया गया है, उसका भी प्रतिवेदन में जिक्र करने को कहा गया था। इसके बाद एडीएम की अध्यक्षता में गठित प्रशासनिक अधिकारियों की टीम ने इसमें सुधार करते हुए फिर से स्पष्ट प्रतिवेदन विभाग को भेज दिया था, लेकिन इसके बाद भी विभाग की आशंका दूर नहीं हो पाई। इसलिए विभाग ने एकबार फिर इस फाइल को लौटा दी थी। नगर आयुक्त ने कहा है कि स्थिति को पूरी तरह से स्पष्ट करते हुए फाइल जिलाधिकारी के माध्यम से सरकार को सौंप दी गई है। अब आगे की कार्रवाई सरकार को करनी है।