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    Bihar News: बिजली चोरी रोकने के लिए विभाग ने निकाली गजब स्कीम, 15 फरवरी तक हो जाएगा ये काम

    Updated: Fri, 12 Dec 2025 02:45 PM (IST)

    मुजफ्फरपुर में बिजली चोरी रोकने के लिए जिले के सभी ट्रांसफार्मरों में 15 फरवरी तक मीटरिंग यूनिट लगाने का लक्ष्य है। 76% ट्रांसफार्मरों में यूनिट लग चु ...और पढ़ें

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    बिजली चोरी रोकने के लिए विभाग ने निकाली गजब स्कीम

    जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। बिजली चोरी रोकने को लेकर जिले के अलावा मुजफ्फरपुर सर्कल के शिवहर और सीतामढ़ी के सभी ट्रांसफार्मरों मीटरिंग यूनिट लगाए जाएंगे। इन तीनों जिलों में 76 प्रतिशत ट्रांसफार्मरों में मीटरिंग यूनिट लगा दिए गए हैं। 24 प्रतिशत बचे ट्रांसफार्मरों में 15 फरवरी तक लगाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके साथ कृषि फीडर ट्रांसफार्मरों में भी मीटरिंग यूनिट लगाने का आदेश दिया गया है।

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    उर्जा विभाग के सीएमडी ने वीसी के माध्यम से मुजफ्फरपुर सर्कल के विद्युत अधीक्षण अभियंता पंकज राजेश सहित राज्य के सभी विद्युत अधीक्षण अभियंता, विद्युत कार्यपालक अभियंताओं को समयावधि के अंदर काम पूरा करने को कहा है। जिले के करीब 2000 कृषि फीडर में 25 केवी के ट्रांसफार्मर हैं, उसमें भी मीटरिंग यूनिट लगाने को कहा है।

    उसके बाद उर्जा का लास जोड़कर प्रत्येक घरों की चेकिंग कर बिली चोरी पकड़े जाने पर प्राथमिकी कराने को कहा है। शहरी क्षेत्र के 900 ट्रांसफार्मरों में साढ़े तीन सौ में लगा दिया गया है। विद्युत कार्यपालक अभियंता विजय कुमार ने कहा कि इस पर तेजी से काम चल रहा है। जल्द बड़ा बिजली चोरी को पकड़ा जाएगा।

    मीटरिंग यूनिट कैसे करती काम

    तीन करंट ट्रांसफार्मर और तीन वोल्टेज ट्रांसफार्मर होते हैं, जो एक साथ मिलकर काम करते हैं। उच्च धारा को कम, मानकीकृत धारा में बदलते हैं और उच्च वोल्टेज को कम, मापने योग्य वोल्टेज स्तर पर लाते हैं। सटीक मीटरिंग से बिजली चोरी का पता चलता है और उसे रोका जा सकता है, क्योंकि यह उपभोक्ताओं के घरों में मीटर लगने के बावजूद तकनीकी हेराफेरी को पकड़ता है।

    लोड प्रबंधन

    विभाग को ट्रांसफार्मर की वास्तविक क्षमता और उस पर पड़ने वाले लोड का पता चलता है, जिससे जरूरत पड़ने पर सही क्षमता वाले ट्रांसफार्मर लगाए जा सकते हैं और बिजली आपूर्ति सुधरती है। यह ऊर्जा की खपत, वोल्टेज और करंट का वास्तविक समय डेटा प्रदान करता है, जिससे बिजली वितरण में अकुशलताओं (लॉस) की पहचान होती है और ऊर्जा प्रबंधन बेहतर होता है। लोड मीटर और कटआउट बाक्स शॉर्ट-सर्किट की स्थिति में उपकरणों को सुरक्षित रखने में मदद करते हैं।