Britain के साथ Free Trade Agreement से चमकेगी लीची और लहठी, मिलेगा नया बाजार; देखता रह जाएगा America!
भारत और ब्रिटेन के बीच हुए मुक्त व्यापार समझौते से मुजफ्फरपुर के लीची और लहठी उद्योग को नए अवसर मिलेंगे। लीची उत्पादकों को निर्यात में फायदा होगा जबकि लहठी कारोबार को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिलेगी। व्यापारियों को ब्रिटेन के साथ हुए इस समझौते से कारोबार बढ़ने की उम्मीद है। वर्तमान में इस उद्योग का वार्षिक कारोबार लगभग सौ करोड़ रुपये है।

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। भारत और ब्रिटेन के बीच हुए मुक्त व्यापार समझौते से मुजफ्फरपुर की लीची और लहठी उद्योग को नया बाजार मिल सकता है। लीची उत्पादकों के लिए जहां यह सौदा निर्यात के अवसर बढ़ाएगा, वहीं लहठी कारोबार को भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलेगी। इस वर्ष सावन में मुजफ्फरपुर से कई यूरोपीय व अमेरिकी देशों को लहठी भेजी गई थी।
उद्योग जगत के लोगों का मानना है कि अमेरिका के टैरिफ वॉर का लीची व लहठी उद्योग पर खास प्रभाव नहीं पड़ेगा। आम व डेयरी उत्पाद पर आंशिक रूप से प्रभाव पड़ सकता है। यह इसलिए कि इन उत्पादों का निर्यात अमेरिका को होता है।
लीची और फूड प्रोसेसिंग यूनिट को फायदा
लघु उद्योग भारती के प्रदेश अध्यक्ष श्यामसुंदर भीमसेरिया ने बताया मुजफ्फरपुर में फिलहाल कोई बड़ा उद्योग अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयात-निर्यात नहीं करता। ब्रिटेन के साथ समझौते से फूड प्रोसेसिंग यूनिट को सकारात्मक लाभ मिलेगा। मोतीपुर समेत कई स्थानों पर यूनिट स्थापित की जा रही है।
हर साल विदेश जाता लीची का पल्प, ब्रिटेन भी भेजी गई थी लीची : लीची उत्पादक किसान कुंदन कुमार ने बताया कि 2023 में वह और किसान प्रिंस कुमार ने कृषि विभाग की सहायता से पांच टन लीची ब्रिटेन भेजी थी।
राधाकृष्ण इम्पैक्स के निदेशक उद्यमी आलोक केडिया ने कहा कि वह हर साल 150–200 टन लीची पल्प व 1,500 टन आम का पल्प विदेश भेजते हैं। ब्रिटेन के साथ समझौते से लीची को बड़ा बाजार मिलेगा और किसानों को सीधा लाभ पहुंचेगा। अभी वह जर्मनी, फ्रांस, ब्रिटेन, कनाडा, रूस व यूक्रेन आदि जगह पर भेज रहे हैं।
बिहार लीची उत्पादक संघ के अध्यक्ष बच्चा प्रसाद सिंह ने बताया राज्य में हर साल करीब तीन लाख टन लीची का उत्पादन होता है। इसमें करीब एक लाख टन सिर्फ मुजफ्फरपुर में होता है। अब एपीडा (कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण) का क्षेत्रीय कार्यालय पटना में खुल रहा है, जिससे निर्यात में और सुविधा होगी।
लहठी उद्योग को मिलेगा नया अवसर:
लहठी व्यवसायी उद्यमी इस्लामपुर के सैफ आलम ने बताया सावन में कनाडा से आए एक आर्डर पर उन्होंने लहठियां भेजीं। उम्मीद जताई कि ब्रिटेन के साथ समझौते से लहठी को नया बाजार मिलेगा। फिलहाल, करीब सौ करोड़ रुपये का वार्षिक कारोबार होता है। इसमें नेपाल और देश के अन्य हिस्सों में लहठी भेजी जाती है।
अमेरिका गया था सुधा का घी और गुलाब जामुन:
तिमूल के एमडी फूल कुमार झा ने बताया राज्य मुख्यालय स्तर से सुधा ब्रांड का घी और गुलाब जामुन अमेरिका भेजे गए थे। हालांकि, स्थानीय स्तर से फिलहाल कोई उत्पाद सीधे विदेश नहीं जा रहा है।
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