Muzaffarpur latest news : सोनपुर मंडल के स्टेशनों पर पार्क मित्र एप से कटेगी वाहनों की पर्ची
Bihar Latest News : पूर्व मध्य रेल के सोनपुर रेलमंडल ने स्टेशनों पर वाहन पार्किंग को डिजिटल करने का निर्णय लिया है। इसके लिए 'पार्क मित्र' एप शुरू किय ...और पढ़ें

इस खबर में प्रतीकात्मक तस्वीर लगाई गई है।
गोपाल तिवारी, मुजफ्फरपुर । पूर्व मध्य रेल के सोनपुर रेलमंडल के सभी स्टेशनों पर ठेके पर चलने वाले वाहन पार्किंग स्टैंड में मनमानी व अतिरिक्त शुल्क वसूली की शिकायतें खत्म करने के लिए पहली बार इस व्यवस्था को पूरी तरह डिजिटल बनाने का निर्णय लिया गया है।
यह पूर्व मध्य रेल का पहला मंडल है, जहां यह व्यवस्था लागू की गई है। इसके लिए सोनपुर सीनियर डीसीएम व उनके कामर्शियल विभाग की टीम ने स्मार्ट पार्किंग व्यवस्था लागू करने के लिए पार्क मित्र एप तैयार किया है।
यह एप केवल पार्किंग स्टैंड लेने वाले ठेकेदार को दिया जाएगा। साथ ही पर्ची काटने वाली एक पाश मशीन भी दी जाएगी। ठेकेदार सीनियर डीसीएम से इसे प्राप्त कर सकते हैं। सोनपुर रेल मंडल के 16 स्टेशनों में फिलहाल तीन सोनपुर, बरौनी व बेगूसराय स्टेशनों पर इसे लागू किया गया है।
वाहन खड़े करने वाले यात्रियों को इस एप से पर्ची दी जा रही है। ये व्यवस्था लागू होने से बिना डिजिटल रसीद के अतिरिक्त राशि वसूलने पर सख्त रोक लगाई गई है। इससे स्टेशनों पर पार्किंग स्टैंड में वाहन कर्मियों से अधिक पैसे लेने की शिकायत पूरी तरह दूर हो जाएगी।
बड़े-बड़े माल की तर्ज पर रेलवे में भी धीरे-धीरे स्मार्ट पार्किंग व्यवस्था लागू हो जाएगी। डीआरएम सोनपुर अमित सरण के निर्देशन में सीनियर डीसीएम ने पहली बार यह व्यवस्था लागू की है। मंडल के 16 स्टेशनों पर ठेके पर दिए गए पार्किंग स्टैंड में इसे लागू किया जाएगा।
ट्रायल के तौर पर सोनपुर, बरौनी व बेगूसराय में इसे लागू किया गया है। सीनियर डीसीएम रौशन कुमार ने सभी संवेदक को 10 दिनों में स्मार्ट पार्किंग मैनेजमेंट सिस्टम लागू करने का आदेश दिया है।नहीं करने वालों का ठेका रद कर दिया जाएगा। सोनपुर मंडल कार्यालय में कामर्शियल विभाग में एमसीए डिग्रीधारी रेल कर्मियों ने पार्क एप को तैयार किया गया है।
क्या है स्मार्ट पार्किंग मैनेजमेंट सिस्टम
रेलवे स्टेशनों की पार्किंग पूरी तरह डिजिटल होने पर ठेकेदारों की मनमानी पर रोक लगेगी। इस नई प्रणाली के तहत सभी पार्किंग में डिजिटल पेमेंट अनिवार्य होगा। ठेकेदारों को क्यूआर कोड, पीओएस मशीन व फास्टैग आधारित स्वचालित एंट्री-एग्जिट सिस्टम लगाना होगा।
वाहन का समय आटोमैटिक रिकार्ड होगा और उसी आधार पर बिल बनेगा। रसीद सीधे मोबाइल पर उपलब्ध होगी। क्यूआर कोड से भी यात्री वाहन पर्ची ले सकते हैं। अगर अधिकारी की गाड़ी लगी है तो उनका बिल जीरो कर दिया जाएगा। अन्य लोगों को घंटे के हिसाब से जो रेलवे ने तय किया है, उतना ही फिक्स रहेगा। इसमें कोई छेड़छाड़ नहीं होगी।
अगर दो चक्के वाहन का किराया 15 रुपये है तो उससे एक रुपया भी अधिक की पर्ची नहीं निकलेगी। स्मार्ट सिस्टम से रेल अधिकारी भी देख सकते हैं कि कितने वाहनों की पर्ची कटी। इससे ठेकेदार का स्टाफ चोरी भी नहीं कर पाएगा।
तय दर से अधिक वसूली से मिलेगी राहत
रेलवे स्टेशनों पर पार्किंग ठेकेदारों की मनमानी और तय दरों से अधिक वसूली की शिकायतें लगातार मिलती रही हैं, जिनमें कई शिकायतें इंटरनेट मीडिया के अलावा रेल अधिकारी के साथ रेल मंत्री तक पहुंच रही हैं। इन पर रोक लगेगी।
नई डिजिटल व्यवस्था पार्क मित्र एप से यात्रियों को अतिरिक्त शुल्क वसूली व रसीद न मिलने जैसी समस्याओं से छुटकारा मिलेगा। रेलवे का उद्देश्य पार्किंग को आधुनिक मानकों पर लाना है। इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और राजस्व में भी सुधार होगा।
रौशन कुमार, सीनियर डीसीएम, सोनपुर, पूर्व मध्य रेल

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