Muzaffarpur news : गृह विभाग ने मांगी स्पीडी ट्रायल से संबंधित मामलों की सूची
मुजफ्फरपुर में गृह विभाग ने स्पीडी ट्रायल से जुड़े मामलों की सूची तलब की है। इस पहल का उद्देश्य लंबित आपराधिक मामलों का तेजी से निपटान करना है, जिससे पीड़ितों को शीघ्र न्याय मिल सके। विभाग सक्रिय रूप से स्पीडी ट्रायल की प्रगति पर नजर रख रहा है और जिला प्रशासन को आवश्यक जानकारी प्रदान करने के निर्देश दिए गए हैं।

इस खबर में प्रतीकात्मक तस्वीर लगाई गई है।
बाबुल दीप, मुजफ्फरपुर। जघन्य और गंभीर अपराध के साथ आर्म्स एक्ट के मामले में स्पीडी ट्रायल के लिए गृह विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है। सभी जिलों से जघन्य, गंभीर और आर्म्स एक्ट के महत्वपूर्ण मामलों की सूची तैयार कर उपलब्ध कराने को कहा गया है, ताकि दोषियों को शीघ्र सजा दिलाई जा सके और लंबित कांडों का बोझ भी कम हो।
गृह विभाग के विशेष सचिव सह प्रभारी निदेशक सुधांशु कुमार चौबे ने पांच जिलों (सहरसा, मुंगेर, दरभंगा, भागलपुर, बक्सर) को छोड़कर अन्य सभी जिलों से ऐसे केसों का चयन करते हुए इसकी सूची अविलंब भेजने को कहा है। सभी डीएम और एसएसपी को इससे अवगत कराया गया है।
विशेष सचिव ने बताया कि लंबित केसों की संख्या अधिक है। इसका तेजी से निष्पादन करना अनिवार्य है। इसलिए जिले ऐसे कांडों की सूची तैयार कर शीघ्र उपलब्ध कराएं, ताकि हाई कोर्ट को सरकार की ओर से सूचित कर स्पीडी ट्रायल चलाने का अनुरोध किया जा सके।
पूर्व में भी स्पीडी ट्रायल के लिए जघन्य, गंभीर और आर्म्स एक्ट के कांडों का चयन करने को कहा गया था, लेकिन पांच जिलों को छोड़ कहीं से भी इसकी सूची अब तक उपलब्ध नहीं हो सकी है। इस कारण इसकी प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ाया जा सका है। अब इसे गंभीरता से लेते हुए प्राथमिकता के आधार पर सूची भेजने को कहा है।
कोर्ट में स्पीडी ट्रायल के चल रहे हैं 257 मामले
मुजफ्फरपुर में अभी 257 मामलों की सुनवाई विशेष न्यायालय में स्पीडी ट्रायल के तहत हो रही है। अक्टूबर में पांच कांडों का निष्पादन हुआ था। उस समय कुल 262 मामलों की सुनवाई हो रही थी। इसमें अभियोजन साक्ष्य, सफाई साक्ष्य, बहस और अन्य कारणों से लंबित कांडों की संख्या करीब सौ से अधिक है।
जहरीली शराब के पांच केसों में स्पीडी ट्रायल चलाने का भेजा था प्रस्ताव
पिछले माह एसएसपी सुशील कुमार ने जहरीली शराब के सेवन से जिले में अलग-अलग जगहों पर 13 लोगों की मौत मामले में पांच केसों का चयन कर स्पीडी ट्रायल चलाने का प्रस्ताव डीएम को भेजा था। इन केसों का अवलोकन करते हुए अनुमति देने का अनुरोध किया था। इसमें कटरा के मुकेश सिंह समेत अंतरजिला गिरोह के भी शराब धंधेबाजों के नाम शामिल थे।

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