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    मुजफ्फरपुर किडनी कांड: जिंदगी और मौत की जंग लड़ रही सुनीता, बोली- आंख बंद हो जाएगी तो किडनी लेकर क्या करेंगे

    By Jagran NewsEdited By: Aditi Choudhary
    Updated: Tue, 14 Feb 2023 10:19 AM (IST)

    किडनी कांड की पीड़िता सुनीता की हालत स्थिर है। हालांकि किडनी बदलने की दिशा में ठोस पहल नहीं दिखी। इससे वह आक्रोशित है। सुनीता को इस बात का भय है कि जब उसकी हालत अति गंभीर हो जाएगी तो किडनी मिलने का भी फायदा नहीं होगा।

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    एसकेएमसीएच में भर्ती किडनी कांड की पीड़िता सुनीता देवी। जागरण

    मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। किडनी कांड की पीड़िता सुनीता का सोमवार को डायलिसिस किया गया। उसने दवा ली और भोजन भी किया। आइसीयू में भर्ती सुनीता की हालत स्थिर है। वहीं, किडनी बदलने की दिशा में ठोस पहल नहीं दिखी। इससे वह आक्रोशित है। उसने कहा कि आंख बंद हो जाएगी तो किडनी लेकर क्या करेंगे। सुनीता को इस बात का भय है कि जब उसकी हालत अति गंभीर हो जाएगी तो किडनी मिलने का भी फायदा नहीं होगा।

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    वह कहती है कि गरीब और अनुसूचित परिवार का होने से उसे भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है। अगर ऐसा नहीं होता तो उसे कब की किडनी लग जाती। वहीं, अधीक्षक डा.बीएस झा ने बताया कि विभाग को किडनी प्रत्यर्पण के लिए पत्र लिखा गया है। वहां से जो मार्गदर्शन आएगा उसका पालन होगा। इस बीच सुनीता का इलाज चल रहा है।

    दवा अस्पताल प्रबंधन की ओर से दी जा रही है। एसकेएमसीएच के मेडिसिन विभाग के डा.अमित कुमार ने बताया कि सुनीता की हालत स्थिर है। उसकी नियमित डायलिसिस हो रही है। इस बीच सांसद अजय निषाद ने सुनीता की आवाज उठाने के लिए दैनिक जागरण को धन्यवाद दिया। उन्होंने सुनीता की किडनी के लिए मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखकर अविलंब किडनी प्रत्यर्पण की मांग की।

    वहीं, सुनीता की मांगों के समर्थन में सकरा रेफरल अस्पताल के समक्ष चल रहा धरना सोमवार चौथे दिन भी जारी रहा। इधर, शाम में ‘सुनीता मांगे इंसाफ’ के बैनर तले संध्या में कैंडल मार्च निकाला गया। कैंडल मार्च धरना स्थल से चलकर सुजावलपुर चौक पहुंचकर एनएच 28 स्थित विश्राम गृह पर समाप्त किया गया। रामपुर मणि पंचायत के मुखिया राहुल कुमार ने कहा कि एक दलित जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही है। उसके किडनी की व परिवार के लोगों के लिए भरण-पोषण की व्यवस्था होनी चाहिए।

    समाजसेवी प्रवीण कुमार ने कहा कि धरना के अगली कड़ी में कैंडल मार्च निकाला गया है सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं देती है तो धरना उपवास में भी बदल जाएगा। कैंडल मार्च में सुनीता के पति अकलू राम, पिता लाल देवराम, राजेश साह, निरंजन यादव ,संतोष कुमार ,मोहम्मद आरिफ ,रामप्रसाद पासवान ,संतोष कुमार ,विकास कुमार, बृज मोहन ठाकुर ,अनीता, सविता, तारा देवी थीं।