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    Clean Air Survey: मुजफ्फरपुर ने सुधारी रैंकिंग, देशभर के 42 शहरों में हासिल किया 30वां स्थान

    Updated: Wed, 10 Sep 2025 12:18 PM (IST)

    मुजफ्फरपुर ने प्रदूषण नियंत्रण में बेहतर प्रदर्शन किया है। केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड के स्वच्छ वायु सर्वेक्षण में शहर को 42 शहरों में 30वां स्थान मिला जो पिछली बार से बेहतर है। यह सुधार प्लांटेशन कचरा प्रबंधन और धूल नियंत्रण जैसे प्रयासों के कारण हुआ। गयाजी इस सूची में 11वें स्थान पर है जबकि पटना को 27वां स्थान मिला है।

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    मुजफ्फरपुर ने सुधारी स्वच्छ वायु सर्वेक्षण की रैंकिंग, 43 शहरों में मिला 30वां स्थान

    जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। प्रदूषण नियंत्रण के पैमाने पर इस बार मुजफ्फरपुर का प्रदर्शन बेहतर रहा। केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड द्वारा संचालित स्वच्छ वायु सर्वेक्षण में देशभर के 42 शहरों में मुजफ्फरपुर को 30वां स्थान प्राप्त हुआ। पिछली बार की तुलना में यह स्थिति सुधरी है।

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    वर्ष 2024 में जारी रैंकिंग में 43 शहरों में मुजफ्फरपुर को 34वां स्थान प्राप्त हुआ था। इस बार चार रैंकिंग का सुधार हुआ है। यह रिपोर्ट तीन से 10 लाख आबादी वाले शहरों के लिए जारी की गई है।

    इसमें प्रथम स्थान पर अमरावती, द्वितीय मोरादाबाद व तृतीय स्थान पर झांसी शहर है। सबसे निचले पायदान पर जालंधर है। मुजफ्फरपुर को 160.6 अंक प्राप्त हुए हैं।   गयाजी इस सूची में 11वें स्थान पर है।

    10 लाख से अधिक आबादी वाले शहर में स्वच्छ वायु सर्वेक्षण में पटना को 27वां स्थान प्राप्त हुआ है। बताया गया कि सर्वेक्षण के लिए कुल 11 पहलुओं को मानक निर्धारित किया गया है।

    इसमें प्लांटेशन, क्लीन सिटी, इलेक्ट्रिक व्हीकल ट्रांसपोर्ट, वेस्ट मैनेजमेंट, जन जागरूकता, एक्यूआइ, क्लीन एयर, स्वास्थ्य और धूल नियंत्रण समेत अन्य शामिल हैं।

    लगातार पानी के छिड़काव से बदली स्थिति

    पिछले एक साल में शहरी क्षेत्र में निर्माण कार्यों की संख्या कम हुई है। इसके अलावा निगम की ओर से लगातार पानी का छिड़काव भी वायु प्रदूषण को नियंत्रण करने में अहम साबित हुआ है।

    वाहनों का प्रदूषण फैलने पर चालान कटना और सघन जांच से भी इसमें सुधार हुआ है। कचरा निष्पादन को लेकर लगातार घर-घर से कूड़ा का उठाव कर रौतनिया कूड़ा डंपिंग यार्ड में इसका निस्तारण किया जा रहा है।

    बालू और मिट्टी की ढुलाई अब ढंककर की जा रही है। निर्माण कार्यस्थल पर भी ग्रीन कपड़े का इस्तेमाल किया जा रहा है। इन सभी कारणों से प्रदूषण पर नियंत्रण पाने में निगम को सफलता मिली है।

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