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    Muzaffarpur: मुजफ्फरपुर में परीक्षा केंद्र के नल का पानी पीने से 40 छात्राओं की बिगड़ी तबीयत, मची अफरातफरी

    By Sanjiv Kumar Edited By: Siddharth Chaurasiya
    Updated: Thu, 22 Feb 2024 04:43 AM (IST)

    मैट्रिक परीक्षा के अंतिम दिन बुधवार को शहर के एमएसकेबी केंद्र पर परीक्षा देने आईं 40 छात्राओं की तबीयत बिगड़ गई। ये सभी रामपुर हरि थाना क्षेत्र के रामकिशोर उच्च विद्यालय की छात्राएं हैं। बताया जा रहा कि केंद्र के नल का पानी पीने से इन छात्राओं की तबीयत खराब हुई। इसके बाद छात्राओं को एसकेएमसीएच और सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया।

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    मैट्रिक परीक्षा के अंतिम दिन बुधवार को एमएसकेबी केंद्र पर परीक्षा देने आईं 40 छात्राओं की तबीयत बिगड़ गई।

    जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। मैट्रिक परीक्षा के अंतिम दिन बुधवार को शहर के एमएसकेबी केंद्र पर परीक्षा देने आईं 40 छात्राओं की तबीयत बिगड़ गई। ये सभी रामपुर हरि थाना क्षेत्र के रामकिशोर उच्च विद्यालय की छात्राएं हैं। बताया जा रहा कि केंद्र के नल का पानी पीने से इन छात्राओं की तबीयत खराब हुई। इसके बाद छात्राओं को एसकेएमसीएच और सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया।

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    इलाज के बाद उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है। हालांकि, इलाज के बाद घर भेजी गईं छात्राओं की गांव में फिर तबीयत बिगड़ गई। इसके बाद मीनापुर पीएचसी की टीम को मुकसुदपुर पंचायत के धर्मपुर नारायण और मदारीपुर में कैंप करना पड़ा। गांव में ही 20 छात्राओं का इलाज किया गया। एहतियात के तौर पर वहां दो एंबुलेंस को रातभर तैनात रखा गया। एक साथ गांव की इतनी छात्राओं के बीमार पड़ने से अफरातफरी मची रही।

    देर रात एसडीओ पूर्वी अमित कुमार ने एसकेएमसीएच में छात्राओं के इलाज का जायजा लिया। चिकित्सकों के अनुसार फूड प्वाइजनिंग के कारण ऐसा हुआ है। माना जा रहा है कि परीक्षा केंद्र के नल का पानी दूषित या जहरीला था। इस कारण छात्राओं की तबीयत बिगड़ गई। पानी के सैंपल को जांच के लिए फोरेंसिक लैब भेजा जाएगा।

    एसडीओ पूर्वी अमित कुमार ने बताया कि पानी की जांच की जाएगी। बताया जा रहा कि बुधवार को तेज धूप होने के कारण छात्राओं को अधिक प्यास लगी। केंद्र पर पानी की व्यवस्था नहीं थी। इस कारण छात्राओं ने नल का पानी पी लिया। वहां से आठ ऑटो से पांच-पांच की संख्या में घर लौटने के दौरान छात्राओं को बेहोशी छाने लगी। चार छात्राओं को सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया।

    वहीं, एसकेएमसीएच में आठ छात्राओं को भर्ती कराया गया। इसके अलावा 20 से अधिक छात्राओं की घर पहुंचने के बाद तबीयत बिगड़ गई। इसके बाद वहां इलाज शुरू किया गया। इसके अलावा कुछ छात्राओं का इलाज निजी अस्पतालों में भी कराया जा रहा है।

    एसकेएमसीएच में इनका चल रहा इलाज

    चमन तारा (पिता-मो जफीर), जेबा तबस्सुम (पिता-परवेज आलम), आफरीन खातून (पिता मो मुमताज), रेशमा खातून (पिता-नासिर हुसैन), आफरीन खातून (पिता मो. फैयाज आलम), लक्ष्मी कुमारी (पिता-दशई राम), नाजिया परवीन (पिता-मो अनवर), सरत परवीन (पिता-मो. उलियाल आलम), अफरीम खातून (पिता मो मुमताज)

    गांव में इन छात्राओं का चल रहा इलाज

    सायना परवीन, नहजा परवीन, साबरीन परवीन, मुस्कान परवीन, फरजाना परवीन, अफसाना परवीन, शाहजहां परवीन, सामया परवीन, सहना परवीन, नुरहत परवीन, जायना परवीन, सकीना परवीन, सुलेखा कुमारी, चांदनी कुमारी, शांति कुमारी, रंगीला कुमारी, मंजू कुमारी, सैजन कुमारी। इनके अलावा कई छात्राओं का दूसरी जगह भी इलाज चल रहा है।