Updated: Sat, 23 Aug 2025 11:58 PM (IST)
मुजफ्फरपुर जीआरपी अब अत्याधुनिक बॉडी वार्न कैमरे से लैस हो गई है। रेल एसपी वीणा कुमारी ने 17 थानों को 260 से अधिक कैमरे दिए हैं। ये कैमरे वाटरप्रूफ और नाइट विजन से लैस हैं जो रेलवे स्टेशन और ट्रेनों में होने वाली गतिविधियों को रिकॉर्ड करेंगे। इन कैमरों से अपराध की जांच में मदद मिलेगी।
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। राजकीय रेल पुलिस (GRP) अब अत्याधुनिक बॉडी वार्न कैमरे से लैस हो गई है। ड्यूटी के दौरान उनका कैमरा आन रहेगा। वे चाहें ट्रेन की एस्कार्टिंग, छापेमारी या फिर प्लेटफार्म की चेकिंग कर रहे होंगे। ड्यूटी के दौरान उनके बॉडी में हमेशा कैमरा लगा रहेगा।
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इससे हर एक लोगों की गतिविधि कैमरे में कैद होती रहेगी। इस कैमरे के कई फायदें होंगे। एक तो पुलिस को इससे डीजिटल एविडेंस मिलेगा, दूसरी ओर कोर्ट में अभियुक्त को सजा दिलाने में मदद मिलेगी। कैमरा बिल्कुल मोबाइल की तरह काम करेगा। इसकी रिकार्डिंग अपने इच्छानुसार रख सकते हैं, अन्यथा एक महीना बाद आटो डिलीट हो जाएगा।
मुजफ्फरपुर रेल एसपी वीणा कुमारी ने मुजफ्फरपुर रेल थानाध्यक्ष सहित 17 थाने के थानाध्यक्षों को 260 से अधिक अत्याधुनिक बॉडी वार्न कैमरे दिए हैं। मुजफ्फरपुर जीआरपी थानाध्यक्ष रंजीत कुमार को 27 कैमरे दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य पुलिस मुख्यालय के आदेश पर पुलिस लाइन में इसकी ट्रेनिंग भी दिलवाई गई है।
सभी थाने से दोनों अधिकारियों को बुलाकर ट्रेनिंग देकर उनकाे मास्टर ट्रेनर बनाया गया है। अब वे लोग अपने-अपने थाने में जाकर सीपाही, हवलदार सहित अन्य अधिकारियों को ट्रेनिंग देकर काम पर भेजेंगे। हालांकि जिला पुलिस को काफी दिनों पहले बॉडी वार्न कैमरे मिले हैं।
उत्तर प्रदेश के अलावा अन्य राज्याें में पांच साल पहले से जीआरपी बॉडी वार्न कैमरे मिल हुए हैं और उससे ड्यूटी पर कर रहे हैं।
अपराध की घटना में रिकार्डिंग आएगा काम
बॉडी वार्न कैमरे में आधुनिक सुविधाएं जैसे वाटरप्रूफिंग, नाइट विजन और 128 जीबी तक की विस्तार योग्य मेमोरी शामिल है, ताकि वे रेलवे स्टेशन और ट्रेनों में हर गतिविधि को रिकार्ड कर सकें और सबूत जुटा सकें।
इस कैमरे में यह भी विशेषता है, 10 डिग्री से 50 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान में काम कर सकता है। वाटरप्रूफ के साथ नाइट विजन होने से रात में भी साफ-साफ रिकार्डिंग करेगा।
साक्ष्य जुटाना होगा आसान
जीआरपी के जवान इन कैमरों से रेलवे स्टेशन और ट्रेनों में होने वाली हर हरकत को रिकार्ड कर सकेंगे, जो अदालती कार्यवाही में सबूत के तौर पर काम आएग। ये कैमरे अपराध रोकने और उसकी जांच में मदद करेंगे, साथ ही पुलिस की गतिविधियों में भी पारदर्शिता लाएगी।
नागरिकों के साथ पुलिस के बर्ताव को भी रिकार्ड किया जाएगा, जिससे जवाबदेही बढ़ेगी। जीपीएस से लैस कैमरों की खासियत है कि 12 घंटे तक बैकअप देगा और 12 घंटे रिकार्ड भी करेगा।
इससे यह पता चल सकेगा कि सिपाही की लोकेशन क्या है। कैमरों के लगाने का उद्देश्य यह है कि पारदर्शी व्यवस्था बनी रहे। कई बार ऐसा होता है कि चेकिंग के दौरान यात्री सिपाहियों से उलझ जाते हैं और गलत आरोप लगाने लगते हैं। ऐसे में इन कैमरों के जरिए दूध का दूध, पानी का पानी सब सामने आ जाएगा।
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